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ex dgp bane sant doctor political mahant: Rajniti me hue fail to bhagwan ki sharan me gaye ex dgp gupteshwar : राजनीति में फेल हुए तो ईश्वर की शरण में पूर्व डीजीपी, जानिए...क्या चाहिए गुप्तेश्वर पांडेय को


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विशुद्ध राजनीति: राजनीति में फेल हुए तो ईश्वर की शरण में पूर्व डीजीपी, जानिए क्या चाहिए गुप्तेश्वर पांडेय को
Ruchir Shukla | Navbharat Times | Updated: 28 Jun 2021, 09:40:35 AM
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Gupteshwar Pandey News: गुप्तेश्वर पांडेय को शुरू से नीतीश कुमार का करीबी अधिकारी माना जाता रहा है। बिहार में शराबबंदी लागू करने में वह नीतीश कुमार की कोर टीम का हिस्सा थे और बाद में नीतीश की पहल पर ही डीजीपी भी बने। 2020 के विधानसभा चुनाव के वक्त उन्होंने एक बार फिर कोशिश की। शायद अब उन्होंने मान लिया है कि राजनीति उनके वश की बात नहीं। इसलिए उन्होंने नया रास्ता चुन लिया।
 
विशुद्ध राजनीति: राजनीति में फेल हुए तो ईश्वर की शरण में पूर्व डीजीपी, जानिए क्या चाहिए गुप्तेश्वर पांडेय को
निषादराज ने भगवान राम की नैया पार कराई थी। अब यूपी में निषादों की राजनीति करने वाले संजय निषाद ‘रामरथ’ पर सवार बीजेपी को 2022 में चुनावी नैया पार कराने का दावा कर रहे हैं। हालांकि संजय ने डेप्युटी सीएम की कुर्सी सहित इतनी ‘उतराई’ मांगी है कि बीजेपी के लिए हां करना मुश्किल है। उधर, बिहार के डीजीपी रहे गुप्तेश्वर पांडेय का सियासत से इस हद तक मोहभंग हुआ कि गेरुए कपड़े में वह कथावाचक की भूमिका में आ गए। दोनों के बारे में बता रहे हैं नरेन्द्र नाथ और प्रेम शंकर मिश्र :
राजनीति में नहीं बनी गुप्तेश्वर की बात
बिहार काडर के 1987 बैच के आईपीएस और बिहार के डीजीपी रहे गुप्तेश्वर पांडेय राजनीति में आने को इस हद तक व्याकुल थे कि उन्होंने दो बार सरकारी सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृति ली, लेकिन दोनों बार मायूसी ही हाथ लगी। शायद अब उन्होंने मान लिया है कि राजनीति उनके वश की बात नहीं। इसलिए उन्होंने नया रास्ता चुन लिया। किस्मत ने उनके साथ पहली बार 2009 में दगा की, जब उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने के इरादे से रिटायरमेंट लिया लेकिन उनका टिकट नहीं हो पाया। उस वक्त उनकी सर्विस में करीब 12 साल बाकी थे। ऐसे में नीतीश कुमार के साथ उनकी नजदीकी काम आई। राज्य सरकार ने अपनी असाधारण शक्तियों का प्रयोग करते हुए उनके स्वैच्छिक सेवानिवृति वाले आवेदन को निरस्त कर दिया और उनकी नौकरी में वापसी करा दी।
पूर्व डीजीपी से अब बने संत
गुप्तेश्वर पांडेय को शुरू से नीतीश कुमार का करीबी अधिकारी माना जाता रहा है। बिहार में शराबबंदी लागू करने में वह नीतीश कुमार की कोर टीम का हिस्सा थे और बाद में नीतीश की पहल पर ही डीजीपी भी बने। 2020 के विधानसभा चुनाव के वक्त उन्होंने एक बार फिर कोशिश की। इसी बीच सुशांत सिंह केस में रिया चक्रवर्ती के खिलाफ उनके एक सार्वजनिक बयान ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना दिया था। उन्होंने कहा था कि रिया की इतनी औकात नहीं कि वह बिहार के मुख्यमंत्री पर कॉमेंट करे। सितंबर 2020 में उन्होंने एक बार फिर सरकारी सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली और औपचारिक रूप से जेडीयू में शामिल हो गए। उन्हें खुद सीएम नीतीश कुमार ने पार्टी की सदस्यता दी, लेकिन जब चुनाव लड़ने वालों की लिस्ट आई तो उनका नाम इस बार भी गायब था। उनकी जगह पर जिन्हें टिकट मिला, वह बिहार पुलिस के पूर्व कॉन्स्टेबल रहे हैं। यह डीजीपी रहे पांडेय के लिए शर्मिंदगी का विषय बना। यहीं से उनका राजनीति और नीतीश कुमार से मोहभंग हुआ। वह एकांतवास में चले गए। लेकिन पिछले दिनों उन्होंने अपनी नई भूमिका से सबको चौंका दिया। वह गेरुआ रंग के कपड़ों में भगवद‌्गीता के वाचक के रूप में दिखे। पांडेय ने पटना यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा हासिल की है। उनकी अधिकतर पोस्टिंग बिहार में नक्सलग्रस्त जिलों में रही है।
‘मीठी गोली’ के डॉक्टर भी हैं संजय निषाद
इलेक्ट्रो होम्योपैथी में पीजी डिप्लोमा संजय के मीठी गोली के डॉक्टर से ‘पॉलिटिकल गॉडफादर ऑफ फिशरमैन’ (यह वह उपाधि है जिसे संजय निषाद अपने नाम के साथ लगाते हैं, पार्टी के प्रेस नोट में भी इसका जिक्र अनिवार्य रहता है) बनने की कहानी दिलचस्प है। सीएम योगी आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर में होम्योपैथी क्लीनिक चलाने वाले संजय निषाद ने 2002 में पहली लड़ाई इलेक्ट्रो होम्योपैथी को मान्यता दिलाने की लड़ी। 2008 में उन्होंने जातीय गोलबंदी की राजनीति शुरू की। ऑल इंडिया बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी वेलफेयर असोसिएशन बनाकर उसके बैनर तले दिल्ली तक धरना दिया। 2010 में गोरखपुर के कैंपियरगंज से जिला पंचायत सदस्य और 2012 में विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी।
2013 में संजय ने निषाद पार्टी बनाई। 2014 में चार लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार भी उतारे, जिनमें जौनपुर से बाहुबली धनंजय सिंह भी शामिल थे। सफलता हालांकि किसी को नहीं मिली। इसी बीच जून 2015 में निषादों की सभी उपजातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने को लेकर संजय निषाद ने गोरखपुर के पड़ोसी जिले संतकबीर नगर में रेलवे ट्रैक जाम कर दिया। प्रदेश में अखिलेश यादव की अगुआई वाली समाजवादी पार्टी की सरकार थी। प्रदर्शन के दौरान अखिलेश निषाद नाम के युवक की जान चली गई। संजय निषाद पर भी कई मुकदमे हुए। इस आंदोलन ने संजय की निषादों में पैठ और मजबूत कर दी।
इसलिए सुर्खियों में आए संजय निषाद
संजय का असली राजनीतिक अभ्युदय मार्च 2018 में योगी के गढ़ गोरखपुर में लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी के पराभव से हुआ। समाजवादी पार्टी ने संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद को उम्मीदवार बनाया और तीन दशक बाद बीजेपी यह सीट हार गई। हालांकि, कुछ ही महीनों बाद बेटे सहित संजय ने बीजेपी का दामन थाम लिया और बेटा 2019 में संतकबीर नगर से बीजेपी सांसद बन गया। 2022 के चुनाव नजदीक देखते हुए संजय निषाद ने बीजेपी पर उचित समायोजन न देने का आरोप लगाते हुए दबाव बनाना शुरू कर दिया है। उनका दावा है कि 152 विधानसभा सीटों पर निषादों के वोट निर्णायक हैं। बीजेपी उन्हें डेप्युटी सीएम का चेहरा बनाए तो जीत तय है। पार्टी से पिता-पुत्र के अलावा किसी और चेहरे को आगे न किए जाने के सवाल पर संजय का तर्क है कि बेटे को तो उन्होंने समाज की सेवा के लिए सौंप दिया है। हालांकि, यही तर्क उन्होंने समाजवादी पार्टी में भी शामिल होने पर भी दिया था।
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Mumbai News LIVE: City reports 746 new COVID-19 cases, state to remain under 'Level 3' restrictions


Mumbai News Updates: City reports 608 fresh COVID-19 cases in last 24 hours
Mumbai News Updates: City reports 608 fresh COVID-19 cases in last 24 hours
Mumbai city on Sunday reported 746 new COVID-19 cases, however, on a positive note, 1,295 people also recovered. Whereas, 13 people succumbed to the virus. At present, 8,582 people are taking treatment. Thane city reported 99 new COVID-19 cases. Meanwhile, level-3 restrictions begin in the state in view of cases of the Delta plus variant of COVID-19 emerging in the state. Essential shops and establishments can remain open till 4 pm on all days, while non-essential till 4 pm on weekdays. Restaurants will be allowed a dine-in facility with 50 per cent capacity till 4 pm on weekdays and takeaways and home deliveries after that.Read Less

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Bihar former DGP Gupteshwar Pandey regrets his aukat comment about Rhea Chakraborty | अयोध्या में कथावाचन कर रहे बिहार के DGP रहे गुप्तेश्वर पांडेय बोले-रिया चक्रवर्ती पर किए औकात वाले कमेंट पर खेद है

Bihar former DGP Gupteshwar Pandey regrets his aukat comment about Rhea Chakraborty | अयोध्या में कथावाचन कर रहे बिहार के DGP रहे गुप्तेश्वर पांडेय बोले-रिया चक्रवर्ती पर किए औकात वाले कमेंट पर खेद है
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former bihar dgp and jdu leader gupteshwar pandey statement on turning religious preacher - आखिर क्यूं कथावाचक बने गुप्तेश्वर पांडेय? बिहार के पूर्व डीजीपी ने किया खुलासा


हिंदी न्यूज़   ›   बिहार  â€º  आखिर क्यूं कथावाचक बने गुप्तेश्वर पांडेय? बिहार के पूर्व डीजीपी ने किया खुलासा
बिहारआखिर क्यूं कथावाचक बने गुप्तेश्वर पांडेय? बिहार के पूर्व डीजीपी ने किया खुलासा
पटना, हिन्दुस्तान टीमPublished By: Malay Ojha
Sun, 27 Jun 2021 03:52 PM
बिहार के पूर्व डीजीपी व जेडीयू नेता गुप्तेश्वर पांडेय ने एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। पूर्व डीजीपी के चर्चा में रहने का कारण है उनका कथावाचक अवतार है। 
रविवार को गुप्तेश्वर पांडेय ने अपने इस नए अवतार को लेकर कहा है कि एक समय ऐसा आता है जब आप जीवन के उद्देश्य को जानना चाहते हैं और ईश्वर को जानना चाहते हैं। मैं कोई अपवाद नहीं हूं। मेरी दिलचस्पी अब भगवान में है और यह परिवर्तन अचानक नहीं हुआ है।
उन्होंने बताया कि मैं 14 साल की आयु से ही हनुमान जयंती जैसे अलग-अलग मौकों पर लोगों को मंदिर में प्रवचन सुनाया करता था। आध्यात्म में मेरी शुरू से रुचि रही है। इसमें नया कुछ नहीं है। सेवा अवधि में भी मैंने कई अनुष्ठानों में हिस्सा लिया, लेकिन ड्यूटी के दौरान ऐसे कथा कहने की इजाजत नहीं थी, इसलिए मैंने तभी ऐसा नहीं किया। मेरा मानना है कि ईश्वर के चरणों में जगह पाना इंसान का अंतिम लक्ष्य है। इसमें न्यूज जैसी कोई चीज नहीं है, लेकिन मीडिया का धन्यवाद उन्होंने मेरे निजी जिंदगी को जनता तक पहुंचाया।
There comes a point when you want to know the purpose of life, and in knowing God. I am no exception. My only interest lies in God now and this transformation is not sudden: Former Bihar DGP-turned-JD(U) leader Gupteshwar Pandey on turning religious preacher pic.twitter.com/BPznm3WQiX
— ANI (@ANI) June 27, 2021
गौरतलब है कि फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद रिया चक्रवर्ती को लेकर दिए बयान को लेकर पूर्व डीजीपी ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं। इसके बाद बिहार विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने डीजीपी के पद से वीआरएस ले ली थी। चर्चा थी कि वे चुनाव लड़ेंगे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। अब सोशल मीडिया पर उनका कथा करते हुए वीडियो वायरल हो रहा है।
कौन हैं गुप्तेश्वर पांडेय
मूल रूप से बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले गुप्तेश्वर पांडेय 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने एएसपी, एसपी, एसएसपी, आईजी, आईजी और एडीजी के तौर पर बिहार के 26 जिलों में अपनी सेवाएं दी हैं। पांडेय ने 2009 में बक्सर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस लिया लेकिन टिकट मिला नहीं तो वापस सेवा में आने की अर्जी दी। इसे 9 महीने बाद नीतीश सरकार ने मंजूर कर लिया था। इसके बाद 2020 में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने दोबारा वीआरएस ली लेकिन इस बार भी उनके हाथ निराशा लगी।
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bihar news: i want to be an mla but my only interest lies in god now said gupteshwar pandey former dgp of bihar : जिस IPS पर सीएम का हाथ उसमें राजनीति की कौन सी क्षमता नहीं

पटना न्यूज़: IPS Gupteshwar Pandey News : बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कथावाचक बनने के बाद कई बातें मानी हैं। उन्होंने कहा है कि ये सच है कि 'मैं विधायक बनना चाहता था ताकि कमजोर लोगों की मदद कर सकूं। लेकिन मेरे अंदर नेता बनने की क्षमता ही नहीं है।'

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Former Bihar DGP Gupteshwar Pandey turns 'religious preacher, says his interest lies in God

Former Bihar DGP Gupteshwar Pandey turns 'religious preacher, says his interest lies in God
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Bihar's former DGP Gupteshwar Pandey turns 'religious preacher' | Patna News


Gupteshwar Pandey
PATNA: Former DGP Gupteshwar Pandey has, of late, developed a penchant for “katha vachan (religious preaching)”. Pandey, a 1987-batch IPS officer, appeared in a live show on a digital platform on Thursday to narrate the story of lord Krishna based on “Shrimad Bhagwat Gita”.
The one-hour show, which started at 2pm, will be held every day. Those who want to connect with the live show have been issued the related link or ID.
The former top cop turned to religious preaching after getting disenchanted with active politics. Pandey was inducted into JD(U) soon after he opted for voluntary retirement from the post of DGP in September last year ahead of the state assembly elections in the state.

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Former Bihar DGP Gupteshwar Pandey turned from leader to Kathavachak:  बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय नेता से कथावाचक बने - Hindi Samachar : Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi

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Former Bihar DGP Guptestwar Pandey, who rose to fame during SSR probe, becomes 'Sanyasi'

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