पार्टी को नये सिरे से अपनी विचारधारा को परिभाषित करना है, ताकि वह अपनी उपस्थिति का विस्तार कर सके. | लंबे समय से कांग्रेस के भीतर जो स्थिति दिख रही है, उससे एक प्रमुख संकेत यह मिलता है कि राहुल गांधी पार्टी में नयापन लाना तथा नयी ऊर्जा का संचार करना चाहते हैं. इसके लिए वे कई तरह के प्रयोग कर रहे हैं. इस प्रयास में कभी उन्हें लाभ होता हुआ, तो कभी घाटा होता हुआ दिखायी दे रहा, जो किसी राजनीतिक दल के साथ होना स्वाभाविक है. लेकिन कांग्रेस की विडंबना यह है कि लोकसभा के दो चुनाव लगातार बुरी तरह से हारने के बावजूद उसकी संरचना में कोई बदलाव नहीं हुआ है. ऐसा किसी भी राजनीतिक दल में नहीं होता है.