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श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा दस मिनट पहले खरीदी गई दो करोड़ की जमीन का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट 18.5 करोड़ में करा लिया गया। एक ही दिन हुए बैनामे व एग्रीमेंट में ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा व महापौर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह रहे। यह आरोप रविवार को पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय ने सिविल लाइंस स्थित एक होटल में आयोजित प्रेसवार्ता में लगाते हुए प्रधानमंत्री से मामले की सीबीआई जांच कराने व दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय ने कहा कि अयोध्या के बाग बिजेस्वर में स्थित 12080 वर्ग मीटर एक भूमि का बैनामा 18 मार्च, 2021 की शाम 07:05 बजे बाबा हरिदास ने व्यापारी सुल्तान अंसारी व रवि मोहन तिवारी को दो करोड़ रुपये में किया था। इसमें गवाह के रूप में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा व महापौर ऋषिकेश उपाध्याय मौजूद रहे। कहा कि इसी दिन 07:15 मिनट के करीब इसी भूमि का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट सुल्तान अंसारी व रवि मोहन तिवारी से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 18.5 करोड़ रुपये में कराया लिया।
खास बात रही कि एग्रीमेंट में भी ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा व महापौर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह के रूप में मौजूद रहे। ट्रस्ट ने 17 करोड़ रुपये सुल्तान अंसारी व रवि मोहन तिवारी के खाते में आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर किए हैं। पूर्व मंत्री ने सवाल किया कि जब पहले से इस जमीन का रेट ट्रस्टी व महापौर को मालूम था तो ऐसी कौन सी परिस्थिति आ गई, कि दो करोड़ में बैनामा कराई गई जमीन को 10 मिनट बाद ही 18.5 करोड़ में खरीदना पड़ा।
कहा कि देशवासियों ने भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए अपने खून-पसीने की कमाई में से चंदा दिया। उसका ट्रस्ट द्वारा बंदरबांट किया गया। रामभक्तों को ठगने का काम किया जा रहा है। ट्रस्ट के भ्रष्टाचार का इससे बड़ा प्रमाण नहीं हो सकता है। कहा कि बैनामे व एग्रीमेंट में ट्रस्टी और महापौर ही गवाह हैं, इससे जाहिर है कि सारा खेल महापौर व ट्रस्टी की जानकारी में हुआ है। पूर्व मंत्री ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि जमीन के नाम पर जो लूट की गई है। इसकी सीबीआई जांच करके दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही ट्रांसफर किए गए करीब 17 करोड़ रुपये की भी जांच कराई जाय कि यह पैसा किन-किन लोगों के खातों में गया, उसका कहां उपयोग किया गया।
वहीं, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन लेने के नाम पर घोटाला करने के आरोप पर हनुमानगढ़ी के पुजारी राजूदास ने कहा कि यदि पूर्व मंत्री द्वारा ट्रस्ट पर लगाए गए गंभीर आरोप झूठे साबित होते हैं तो उन पर 50 करोड़ की मानहानि का दावा किया जाएगा।
श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि जो ट्रस्ट पर आरोप लगा है वह संभव नहीं है। इसकी जांच होनी चाहिए, यदि जांच में दोषी पाए जाते हैं तो कार्रवाई भी हो लेकिन यदि मामला झूठा निकलता है तो आरोप लगाने वालों पर भी कार्रवाई हो। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि हम पर आरोप लगते ही रहते हैं, 100 साल से आरोप देख रहे हैं। हम पर महात्मा गांधी की हत्या के आरोप लगे हैं। आरोप से चिंता नहीं करते, हम अपना काम कर रहे हैं। पूरे मामले का अध्ययन करने के बाद अपना पक्ष रखेंगे। इस मामले में महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने कुछ भी बोलने से इंकार किया।
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श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा दस मिनट पहले खरीदी गई दो करोड़ की जमीन का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट 18.5 करोड़ में करा लिया गया। एक ही दिन हुए बैनामे व एग्रीमेंट में ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा व महापौर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह रहे। यह आरोप रविवार को पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय ने सिविल लाइंस स्थित एक होटल में आयोजित प्रेसवार्ता में लगाते हुए प्रधानमंत्री से मामले की सीबीआई जांच कराने व दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
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पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय ने कहा कि अयोध्या के बाग बिजेस्वर में स्थित 12080 वर्ग मीटर एक भूमि का बैनामा 18 मार्च, 2021 की शाम 07:05 बजे बाबा हरिदास ने व्यापारी सुल्तान अंसारी व रवि मोहन तिवारी को दो करोड़ रुपये में किया था। इसमें गवाह के रूप में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा व महापौर ऋषिकेश उपाध्याय मौजूद रहे। कहा कि इसी दिन 07:15 मिनट के करीब इसी भूमि का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट सुल्तान अंसारी व रवि मोहन तिवारी से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 18.5 करोड़ रुपये में कराया लिया।
खास बात रही कि एग्रीमेंट में भी ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा व महापौर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह के रूप में मौजूद रहे। ट्रस्ट ने 17 करोड़ रुपये सुल्तान अंसारी व रवि मोहन तिवारी के खाते में आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर किए हैं। पूर्व मंत्री ने सवाल किया कि जब पहले से इस जमीन का रेट ट्रस्टी व महापौर को मालूम था तो ऐसी कौन सी परिस्थिति आ गई, कि दो करोड़ में बैनामा कराई गई जमीन को 10 मिनट बाद ही 18.5 करोड़ में खरीदना पड़ा।
कहा कि देशवासियों ने भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए अपने खून-पसीने की कमाई में से चंदा दिया। उसका ट्रस्ट द्वारा बंदरबांट किया गया। रामभक्तों को ठगने का काम किया जा रहा है। ट्रस्ट के भ्रष्टाचार का इससे बड़ा प्रमाण नहीं हो सकता है। कहा कि बैनामे व एग्रीमेंट में ट्रस्टी और महापौर ही गवाह हैं, इससे जाहिर है कि सारा खेल महापौर व ट्रस्टी की जानकारी में हुआ है। पूर्व मंत्री ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि जमीन के नाम पर जो लूट की गई है। इसकी सीबीआई जांच करके दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही ट्रांसफर किए गए करीब 17 करोड़ रुपये की भी जांच कराई जाय कि यह पैसा किन-किन लोगों के खातों में गया, उसका कहां उपयोग किया गया।
आरोप झूठे साबित हुए तो करेंगे 50 करोड़ रुपये की मानहानि का दावा
वहीं, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन लेने के नाम पर घोटाला करने के आरोप पर हनुमानगढ़ी के पुजारी राजूदास ने कहा कि यदि पूर्व मंत्री द्वारा ट्रस्ट पर लगाए गए गंभीर आरोप झूठे साबित होते हैं तो उन पर 50 करोड़ की मानहानि का दावा किया जाएगा।
श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि जो ट्रस्ट पर आरोप लगा है वह संभव नहीं है। इसकी जांच होनी चाहिए, यदि जांच में दोषी पाए जाते हैं तो कार्रवाई भी हो लेकिन यदि मामला झूठा निकलता है तो आरोप लगाने वालों पर भी कार्रवाई हो। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि हम पर आरोप लगते ही रहते हैं, 100 साल से आरोप देख रहे हैं। हम पर महात्मा गांधी की हत्या के आरोप लगे हैं। आरोप से चिंता नहीं करते, हम अपना काम कर रहे हैं। पूरे मामले का अध्ययन करने के बाद अपना पक्ष रखेंगे। इस मामले में महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने कुछ भी बोलने से इंकार किया।
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