किसी भी सैनिक को युद्ध का मौका सौभाग्य से ही मिलता है। मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि कारगिल युद्ध के दौरान मेरी पोस्टिंग नौशेरा में थी। उस समय मैं गढ़वाल राइफल्स की 14वीं बटालियन में तैनात था। हम कारगिल तक जाना चाहते थे, लेकिन हमें अनुमति नहीं मिली। हमारी यूनिट को पोस्ट की रखवाली करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।