ख़बर सुनें
अयोध्या, काशी और मथुरा के मंदिरों की तरह ही गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था अभेद होगी। सब कुछ ठीक रहा तो एसपी गोरखनाथ मंदिर का पद जल्द ही सृजित हो जाएगा। पुलिस कर्मियों की स्थायी तैनाती के साथ ही वॉच टावर व सीसी टीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। मंदिर परिसर में ही गोरक्षपीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आवास है। लिहाजा, परिसर आतंकियों के निशाने पर रहता है।
गोरखनाथ प्रसिद्ध मंदिर होने के साथ ही सीएम आवास भी है, मगर आज तक यहां पुलिस, पीएसी की ड्यूटी स्थायी नहीं की गई है। जरूरत के आधार पर पुलिस वालों को संबद्ध कर दिया जाता है। जिस वजह से उनके वेतन आदि में भी दिक्कत आती है।
अब गोरखनाथ मंदिर व सीएम आवास की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर नई योजना बनाई गई है। इसमें सुरक्षा को हाईटेक करने के साथ वर्तमान व्यवस्था में बदलाव करना है। एडीजी अखिल कुमार के आदेश और उनकी निगरानी में एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने योजना तैयार करके शासन को भेजा है। शासन से मंजूरी मिलते ही सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की जाएगी।
एडीजी की नई योजना के मुताबिक पद सृजित कर पुलिस वालों की स्थायी तैनाती दी जाएगी। पुलिस कर्मियों के रहने, भोजन की व्यवस्था परिसर के आसपास ही रहेगी। बैरक और मेस बनाया जाएगा, ताकि पुलिस वाले आसानी से ड्यूटी कर सकें और आपात स्थिति में तत्काल पहुंचकर चुनौती से निपट सकें।
पांच और वाच टावर बनेंगे
मंदिर परिसर में नौ वॉच टावर हैं। इसकी संख्या बढ़ाकर 14 की जानी है। टॉवर पर तैनात पुलिसकर्मियों को अत्याधुनिक असलहों से लैस किया जाएगा। अभी परिसर व उसके आसपास 100 सीसी टीवी कैमरे लगे हैं। इनकी संख्या भी बढ़ाई जाएगी। माना जा रहा है कि परिसर के कई कोने ऐसे हैं जो अभी कैमरे की जद में पूरी तरह से नहीं आते हैं।
गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था ऐसी होगी
फायर स्टेशन यूनिट स्थापित किया जाएगा।
बम निरोधक दस्ता स्थायी तौर पर 24 घंटे रहे इसके लिए उसकी एक यूनिट होगी।
वर्तमान में एक प्लाटून पीएसी बल है, उसकी संख्या बढ़ाई जाएगी।
875 पुलिस और सुरक्षा के लोग तैनात हैं, इनकी संख्या भी बढ़ाई जाएगी।
हर गेट पर स्कैनर लगाया जाएगा, जांच के बाद ही प्रवेश मिलेगा।
पुलिस व अन्य सुरक्षाकर्मियों के रहने के लिए बैरक बनेंगे।
खाली कराए जा रहे मकानों में मेस और बैरक बनाने की योजना।
चारों तरफ की बाउंड्री ऊंची होगी और उसपर कटीले तार लगाए जाएंगे।
सुरक्षा की मानीटरिंग के लिए कंट्रोल रूम बनाया जाएगा।
गोरखनाथ मंदिर के साथ ही कुशीनगर स्थित बुद्ध स्थली, संतकबीरनगर में कबीर दरबार, देवीपाटन में तुलसीपुर मंदिर और श्रावस्ती के प्रसिद्ध मंदिर की सुरक्षा भी चाक-चौबंद की जाएगी। इसका खाका तैयार करके शासन को भेजा जा चुका है।
जब सीरियल ब्लास्ट से दहल गया था गोरखपुर
गोरखपुर शुरू से आतंकियों के निशाने पर रहा है। 1993 में मेनका टॉकिज में बम ब्लास्ट हुआ था। 2007 के दौरान शहर के सबसे व्यस्ततम बाजार गोलघर में सीरियल ब्लास्ट ने सबको हिला दिया था। इस ब्लास्ट में पाकिस्तान कनेक्शन भी सामने आया था। लिहाजा, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क रहती हैं।
एडीजी जोन अखिल कुमार ने कहा कि गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा का नया प्लान तैयार किया गया है। इसमें अन्य मंदिर भी शामिल किए गए हैं। प्लान को अनुमोदन के लिए शासन में भेजा गया है। मंजूरी मिलते ही इसपर काम शुरू होगा। गोरखनाथ मंदिर आतंकियों के टारगेट पर रहता है। इसे देखते हुए ही सुरक्षा को हाईटेक करने की तैयारी है।
विस्तार
अयोध्या, काशी और मथुरा के मंदिरों की तरह ही गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था अभेद होगी। सब कुछ ठीक रहा तो एसपी गोरखनाथ मंदिर का पद जल्द ही सृजित हो जाएगा। पुलिस कर्मियों की स्थायी तैनाती के साथ ही वॉच टावर व सीसी टीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। मंदिर परिसर में ही गोरक्षपीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आवास है। लिहाजा, परिसर आतंकियों के निशाने पर रहता है।
विज्ञापन
गोरखनाथ प्रसिद्ध मंदिर होने के साथ ही सीएम आवास भी है, मगर आज तक यहां पुलिस, पीएसी की ड्यूटी स्थायी नहीं की गई है। जरूरत के आधार पर पुलिस वालों को संबद्ध कर दिया जाता है। जिस वजह से उनके वेतन आदि में भी दिक्कत आती है।
अब गोरखनाथ मंदिर व सीएम आवास की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर नई योजना बनाई गई है। इसमें सुरक्षा को हाईटेक करने के साथ वर्तमान व्यवस्था में बदलाव करना है। एडीजी अखिल कुमार के आदेश और उनकी निगरानी में एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने योजना तैयार करके शासन को भेजा है। शासन से मंजूरी मिलते ही सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की जाएगी।
परिसर में होगी पुलिस कर्मियों के रहने की व्यवस्था
एडीजी की नई योजना के मुताबिक पद सृजित कर पुलिस वालों की स्थायी तैनाती दी जाएगी। पुलिस कर्मियों के रहने, भोजन की व्यवस्था परिसर के आसपास ही रहेगी। बैरक और मेस बनाया जाएगा, ताकि पुलिस वाले आसानी से ड्यूटी कर सकें और आपात स्थिति में तत्काल पहुंचकर चुनौती से निपट सकें।
पांच और वाच टावर बनेंगे
मंदिर परिसर में नौ वॉच टावर हैं। इसकी संख्या बढ़ाकर 14 की जानी है। टॉवर पर तैनात पुलिसकर्मियों को अत्याधुनिक असलहों से लैस किया जाएगा। अभी परिसर व उसके आसपास 100 सीसी टीवी कैमरे लगे हैं। इनकी संख्या भी बढ़ाई जाएगी। माना जा रहा है कि परिसर के कई कोने ऐसे हैं जो अभी कैमरे की जद में पूरी तरह से नहीं आते हैं।
गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था ऐसी होगी
फायर स्टेशन यूनिट स्थापित किया जाएगा।
बम निरोधक दस्ता स्थायी तौर पर 24 घंटे रहे इसके लिए उसकी एक यूनिट होगी।
वर्तमान में एक प्लाटून पीएसी बल है, उसकी संख्या बढ़ाई जाएगी।
875 पुलिस और सुरक्षा के लोग तैनात हैं, इनकी संख्या भी बढ़ाई जाएगी।
हर गेट पर स्कैनर लगाया जाएगा, जांच के बाद ही प्रवेश मिलेगा।
पुलिस व अन्य सुरक्षाकर्मियों के रहने के लिए बैरक बनेंगे।
खाली कराए जा रहे मकानों में मेस और बैरक बनाने की योजना।
चारों तरफ की बाउंड्री ऊंची होगी और उसपर कटीले तार लगाए जाएंगे।
सुरक्षा की मानीटरिंग के लिए कंट्रोल रूम बनाया जाएगा।
बुद्ध, कबीर स्थली की भी बढ़ाई जाएगी सुरक्षा
गोरखनाथ मंदिर के साथ ही कुशीनगर स्थित बुद्ध स्थली, संतकबीरनगर में कबीर दरबार, देवीपाटन में तुलसीपुर मंदिर और श्रावस्ती के प्रसिद्ध मंदिर की सुरक्षा भी चाक-चौबंद की जाएगी। इसका खाका तैयार करके शासन को भेजा जा चुका है।
जब सीरियल ब्लास्ट से दहल गया था गोरखपुर
गोरखपुर शुरू से आतंकियों के निशाने पर रहा है। 1993 में मेनका टॉकिज में बम ब्लास्ट हुआ था। 2007 के दौरान शहर के सबसे व्यस्ततम बाजार गोलघर में सीरियल ब्लास्ट ने सबको हिला दिया था। इस ब्लास्ट में पाकिस्तान कनेक्शन भी सामने आया था। लिहाजा, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क रहती हैं।
एडीजी जोन अखिल कुमार ने कहा कि गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा का नया प्लान तैयार किया गया है। इसमें अन्य मंदिर भी शामिल किए गए हैं। प्लान को अनुमोदन के लिए शासन में भेजा गया है। मंजूरी मिलते ही इसपर काम शुरू होगा। गोरखनाथ मंदिर आतंकियों के टारगेट पर रहता है। इसे देखते हुए ही सुरक्षा को हाईटेक करने की तैयारी है।
विज्ञापन