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चंडीगढ़ में मंगलवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल को संत कबीर दास का चित्र भेंट करते प्रदेशभर से आये धानक समाज के लोग।
नवीन पांचाल/हप्र
गुरुग्राम, 13 जुलाई
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और उनकी नीतियों पर जमकर निशाना साधा। मुख्यमंत्री ने केजरीवाल को अपनी तारीफ खुद ही विज्ञापनों के जरिये करवाने वाला बताया और लगे हाथों नसीहत दी, ‘अगर आपसे दिल्ली नहीं संभल रही तो उसे हमें दे दो हम हरियाणा के साथ दिल्ली भी संभाल लेंगे।
यहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अरविंद केजरीवाल को विज्ञापन छपवाने का शौक है। गड़बड़ी उनके पानी वितरण सिस्टम में है, लेकिन वो कम पानी देने का आरोप लगाकर दिल्ली के प्रति अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहते हैं। जितना पानी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार दिया जाना चाहिए, उससे एक बूंद भी कम पानी दिल्ली को नहीं दे रहे। उन्होंने कहा कि हरियाणा की आबादी 2 करोड़ 90 लाख है और दिल्ली की मात्र दो करोड़ है। हमें उनसे डेढ़ गुणा अधिक पानी चाहिए। यमुना से हरियाणा को दो हजार क्यूसेक पानी मिलता है जिसमें से 1050 क्यूसेक पानी दिल्ली को दिया जाता है।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर उन्होंने इसी तरह से बवंडर खड़ा किया। दिल्ली की दो करोड़ आबादी के लिए 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का कोटा मांग लिया, जबकि हमें 282 मीट्रिक टन मिली। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे यहां कोरोना के मरीज दिल्ली से ज्यादा थे और अस्पताल भी ज्यादा हैं, क्षेत्रफल के लिहाज से भी हम दिल्ली से ज्यादा बड़े हैं और दिल्ली के मरीजों को बड़ी संख्या में इलाज भी हमने दिया। हमने अपने सिस्टम को सुधारकर सभी मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई। उन्होंने आरोप लगाया, ‘दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन का स्टॉक करना शुरू कर दिया। उन्हें मानवता का भी ध्यान नहीं रहा कि जहां के मरीज को जरूरत ज्यादा है पहले उन्हें ऑक्सीजन मिले। हरियाणा कोई दूर तो नहीं, उनके पड़ोस में है। उन्हें अपने पड़ोस का ध्यान करना चाहिए था। हरियाणा के हिस्से की ऑक्सीजन को दिल्ली ले गए जबकि वहां अवश्यकता नहीं थी।’ मुख्यमंत्री बोले, ‘हमें यह भी जानकारी मिली है कि उन्होंने सीधे कंपनियों के ऊपर दबाव बनाया कि हमारे हिस्से की ऑक्सीजन को स्टॉक कर लो, जरूरत पड़ने पर हम ले लेंगे। उन्होंने बफर स्टॉक जमा करने के लिए ऐसा किया।’ सीएम ने कहा कि जब दिल्ली में प्रदूषण होता है तो उसके लिए हरियाणा को जिम्मेदार ठहराया जाता है। उनके यहां आबादी घनी, ट्रैफिक ज्यादा और निर्माण कार्य बेलगाम हैं। हरियाणा के प्रदूषण की पढ़ाई लिखाई थोड़ी की है कि वो हरियाणा को नुकसान करेगा नहीं और हम उसे दिल्ली भेज देंगे। जो चीज समझ नहीं आती उसका ठीकरा हरियाणा पर फोड़ देते हैं।
वैक्सीनेशन का काम जल्द होगा पूरा : इससे पहले मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वैक्सीन का आबादी के हिसाब से निश्चित कोटा है और वह उसी हिसाब से मिल रहा है।
फिलहाल जितनी सप्लाई मिल रही है उसी के अनुसार वैक्सीनेशन किया जा रहा है। अभी स्पूतनिक भी मिल गई है। जैसे-जैसे और एजेसियों की वैक्सीन आएगी उसी हिसाब से आपूर्ति भी होगी। जल्द ही वैक्सीनेशन का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मारुति के साथ खरखौदा में जमीन को लेकर शीघ्र ही सहमति बन जाएगी। इसलिए इसके यहां से पलायन करने की बात कहने वाले कांग्रेसियों को यह नहीं भूलना चाहिए कि उनके कार्यकाल में एक प्लांट गुजरात में लगाया गया था।
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19 घंटे पहले
18 घंटे पहले
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।
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