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patna high court asked bihar government about measures taken for third wave of coronavirus
Bihar Coronavirus : पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा- बताइए, कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए क्या है तैयारी
Edited by
Hrishikesh Narayan Singh | Reported byFaryal Rumi | टाइम्स न्यूज नेटवर्क | Updated: Jul 23, 2021, 8:48 AM
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Bihar Coronavirus Third Wave Date : बिहार में कोरोना की तीसरी संभावित लहर को देखते हुए पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने बिहार सरकार को ये बताने को कहा है कि राज्य में तीसरी लहर से निपटने के लिए क्या तैयारी की गई है।
 
हाइलाइट्स
पटना हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा सवाल
कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए क्या तैयारी- हाईकोर्ट
26 जुलाई को पटना हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
पटना:
पटना उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने गुरुवार को राज्य सरकार से कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए उठाए गए कदमों पर जवाब मांगा। पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जिलों के आधार पर चिकित्सा बुनियादी ढांचे पर एक रिपोर्ट पेश करने को भी कहा है।
तीसरी लहर पर तैयारी बताए सरकार- कोर्ट
मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की पीठ ने शिवानी कौशिक, गौरव कुमार सिंह और अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से कोविड -19 के खिलाफ टीकाकरण की वर्तमान स्थिति और सक्रिय मामलों की संख्या के बारे में विवरण प्रदान करने को कहा।
26 जुलाई को कोर्ट ने मांगा जवाब
पटना हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को 26 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई में सभी मुद्दों पर जवाबी हलफनामा दाखिल करने के साथ ही काउंटर हलफनामे के साथ ईएसआईसी अस्पताल-बिहटा के बारे में पूरी जानकारी देने को कहा है, जिसे कोविड-समर्पित अस्पताल में तब्दील किया गया। ईएसआईसी-बिहटा के डीन और राज्य सरकार को अस्पताल के स्वीकृत बेड, जनशक्ति (डॉक्टर, नर्स, वार्ड बॉय और सुरक्षा कर्मियों), चिकित्सा उपकरण और अन्य बुनियादी ढांचे के बारे में पूरी जानकारी पेश करनी थी।
हालांकि, वे गुरुवार को सुनवाई के दौरान अपने जवाबी हलफनामे देने में विफल रहे, जिसके कारण मामले की सुनवाई अगले सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। याचिकाकर्ता के वकील निखिल सिंह ने कहा कि राज्य सरकार को कोविड -19 के दैनिक मामलों और जिलों में चिकित्सा बुनियादी ढांचे की स्थिति पर जवाब देना है। उनके मुताबिक 'राज्य सरकार गुरुवार को जवाबी हलफनामा प्रस्तुत करने में विफल रही। इसलिए, अदालत ने उन्हें सोमवार तक इसे जमा करने को कहा है। अदालत ने यह भी कहा है कि राज्य सरकार को अदालत का समय बर्बाद करने के बजाय इसे पहले ही सूचित करना चाहिए था।'
ESIC अस्पताल के 247 में से सिर्फ 56 पद पर तैनाती
सूत्रों के अनुसार ईएसआईसी अस्पताल में नर्सिंग के 247 स्वीकृत पदों में से केवल 56 ही भरे हुए हैं। इसी तरह वार्ड ब्वॉय और हाउसकीपिंग स्टाफ के 21 और 118 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से क्रमश: नौ और 50 ही भरे गए हैं। कोर्ट ने राज्य में अनुबंध पर बहाल हुए डॉक्टरों का मानदेय बढ़ाने की याचिका पर भी सुनवाई की। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को अनुबंध पर डॉक्टरों द्वारा दायर अभ्यावेदन पर फैसला लेने का निर्देश दिया।
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