उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर RPF के एक दरोगा के बेरहम रवैए से दो बच्चों की जान पर बन आई। स्टेशन के पास कब्जा हटाने के नाम पर फुटपाथ पर रहने वाले मजदूरों को हटाने पहुंची टीम के दरोगा मोहित ने जलते चूल्हे पर लात मार दी।
उस वक्त चूल्हे पर कुकर में दाल पक रही थी। खौलती हुई दाल पास ही मौजूद मजदूर के दो मासूम बच्चों पर जा गिरी। जिससे वे तड़पने लगे। मामला बिगड़ता देख मासूमों को तड़पता छोड़ रेलवे पुलिस का दस्ता आगे बढ़ गया। बच्चों को हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है।
कई सालों से रह रहे मजदूर
दरअसल, चारबाग स्टेशन पर VIP शौचालय के पास कई साल से पॉलीथिन डालकर रह रहे मजदूरों को हटाने के लिए शनिवार को RPF दस्ता पहुंचा था, तो महिलाएं चूल्हों पर खाना पकाती मिलीं। रेलवे पुलिस ने उन्हें तुरंत ही हटने को बोला। डरे-सहमे मजदूर अपना सामान समेट ही रहे थे कि RPF के जवान नाराज हो गए।
बिखरे सामान को बटोरती महिला।
हंगामा बढ़ा तो खिसक गई टीम
आसपास मौजूद लोगों के मुताबिक, मजदूर राजेश के दो मासूम बच्चे सुबह से भूखे थे। उन्हें खिलाने के लिए उसकी पत्नी रेखा चावल बनाकर कुकर में दाल पका रही थी। उसने दाल पकने तक पुलिस वालों से रुकने की गुजारिश की। इतने में दरोगा मोहित आग बबूला हो गया।
इसके बाद दरोगा ने चूल्हे पर इतनी तेज लात मारी कि कुकर दूर जाकर गिरा और उसमें से खौलती हुई दाल भूख से बिलख रहे दोनों मासूमों के ऊपर पड़ी। इससे दोनों बुरी तरह झुलसकर छटपटाने लगे। बच्चों की हालत देख बाकी पुलिस वालों ने वहां से दरोगा को खिसकने का इशारा कर दिया।
मामले पर पर्दा डालने की कोशिश
अब इस पूरे मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है। RPF इंस्पेक्टर मुकेश का कहना है कि अतिक्रमण हटाने के दौरान कोई चीज लगने से दाल गिर गई थी। बच्चों का इलाज करा दिया गया है।
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