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पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू मंगलवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र से पंजाब सचिवालय में मिले।
चंडीगढ़, 27 जुलाई (एजेंसी)
पंजाब कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और चार कार्यकारी प्रमुखों ने आज मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह से मुलाकात कर पांच प्रमुख मुद्दों पर कार्रवाई की मांग की, जिस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि वे सभी मुद्दे समाधान के अंतिम चरण में हैं। सिद्धू और अमरेंद्र के बीच लंबी तकरार के बाद यह पहली बैठक थी। सिद्धू की पीपीसीसी ने एक पत्र भी जारी किया, जिसे बैठक में मुख्यमंत्री को सौंपा गया था। प्रदेश कांग्रेस ने गुरु ग्रंथ साहिब बेअदबी की घटना और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस गोलीबारी पर शीघ्र कार्रवाई की मांग की। साथ ही, मादक पदार्थ के बड़े तस्करों की गिरफ्तारी, बिजली खरीद समझौता रद्द करने, केंद्र के नये कृषि कानूनों को खारिज करने और सरकारी कर्मचारियों की मांगें पूरी करने की भी मांग की गई। अमरेंद्र के प्रवक्ता ने कहा, ‘हालांकि, मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व से कहा कि उनके द्वारा उठाये गये सभी प्रमुख मुद्दे उनकी सरकार द्वारा समाधान के अंतिम चरण में हैं, जिन पर पार्टी के साथ करीबी समन्वय कर काम किया गया है।’ सिद्धू के साथ कार्यकारी प्रमुख संगत सिंह गिलजियां, सुखविंदर सिंह डैनी, पवन गोयल और कुलजीत सिंह नागरा थे, जब उन्होंने यहां सिविल सचिवालय में मुख्यमंत्री से मुलाकात की। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक अमरेंद्र ने कहा कि उनकी सरकार ने पार्टी के चुनावी वादों में अधिकांश को पूरा कर दिया है और अन्य लंबित मुद्दों का हल किया जा रहा है। उन्होंने अपनी बैठक को सौहार्द्रपूर्ण बताते हुए कहा कि उनकी सरकार सभी चुनावी मुद्दों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि पार्टी पदाधिकारियों और सरकार को साथ मिल कर काम करना चाहिए और उनसे नियमित रूप से मिलने का आग्रह किया।
अमरेंद्र ने कहा, ‘आप जीतेंगे तो मेरी जीत होगी और हमारी जीत पार्टी की जीत होगी तथा हमें राज्य और इसके लोगों के हित में साथ मिल कर काम करने की जरूरत है।’ बैठक के बारे में ट्वीट कर सिद्धू ने कहा, ‘पूरे पंजाब से कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ताओं की भावनाएं प्रकट की।’ पीपीसीसी के पत्र में कहा गया है, ‘निर्णय के बगैर कभी कुछ बड़ा हासिल नहीं किया गया है। हम आपसे फौरन कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं।’
जर्मनी के राजदूत अमरेंद्र से मिले
भारत में जर्मनी के राजदूत वाल्टर जे लिंडनर ने यहां पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह से मुलाकात की और दोनों ने राज्य में व्यापार तथा निवेश की संभावनाओं को तलाशने की रणनीति पर चर्चा की। सरकार की ओर से एक बयान के अनुसार लिंडनर ने पंजाब में मोबिलिटी, इंजीनियरिंग, फार्मा, रसायन और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश में रुचि दिखाई जिसके जवाब में सिंह ने अपनी सरकार का पूरा सहयोग देने का वादा किया। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने व्यवसाय शुरू करने वालों के लिए सभी प्रकार की नियामक औपचारिकताओं को पूरा करने के वास्ते एक पटल स्थापित करने का काम किया है जिससे निवेश में आसानी हो रही है। प्रधान सचिव, निवेश प्रोत्साहन, आलोक शेखर ने जर्मनी के राजदूत को ‘इन्वेस्ट पंजाब’ के बारे में जानकारी दी। शेखर ने लिंडनर को बताया कि जर्मन कंपनियों के लिए इसका सत्र जून में आयोजित किया गया था जिससे उनके लिए व्यवसाय करना सुगम हो सके। वक्तव्य में बताया गया कि ‘इन्वेस्ट पंजाब’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रजत अग्रवाल ने कहा कि जर्मन कंपनियों ने राज्य में ऑटो कल पुर्जे, उत्पादन और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में निवेश किया है।
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21 घंटे पहले
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।
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