ऐसा कहा जाता है कि महावतार बाबा ने आदिशंकराचार्य को क्रिया योग की शिक्षा दी थी और बाद में उन्होंने संत कबीर को भी दीक्षा दी थी। इसके बाद प्रसिद्ध संत लाहिड़ी महाशय को उनका शिष्य बताया जाता है। इसका जिक्र लाहिड़ी महाशय के शिष्य स्वामी युत्तेश्वर गिरि के शिष्य परमहंस योगानंद ने अपनी किताब ऑटोबायोग्राफी ऑफ योगी (योगी की आत्मकथा, 1946) में किया है। लाहड़ी महाशय के चमत्कार के कई किस्से