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उन्होंने अनुमान लगाते हुए कहा, ‘‘वर्तमान में हम देखे तो भारतीय दवा उद्योग 42 अरब डॉलर का है। इसमें आधी घरेलू बिक्री और आधा हिस्सा निर्यात का हैं। हमें उम्मीद है कि मौजूदा दशक में उद्योग तीन गुना होकर वर्ष 2030 तक 120 से 130 अरब डॉलर का हो जाएगा।’’ एनआईपीईआर-हैदराबाद के गवर्नर बोर्ड के चेयरमैन रेड्डी ने संस्थान के 9वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की आत्मनिर्भर भारत नीति, उद्योग को प्रोत्साहन और नवाचार पर जोर देने समेत कई सारे सुधार उद्योग के लिए शुभ संकेत हैं। रेड्डी ने कहा कि भारतीय दवा उद्योग ने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम किया। उन्होंने इस दौरान केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया समेत अन्य संबंधित अधिकारियों के उद्योग की क्षमता बढ़ाने में मदद करने के लिए किये गए प्रयासों की सराहना भी की।
भाषा जतिन अजय
HyderabadAndhra-pradeshIndiaIndian-pharmaJoe-ajaySatish-reddyReddya-instituteHyderabad-julyGovernor-boardஹைதராபாத்ஆந்திரா-பிரதேஷ்இந்தியா उन्होंने कहा कि कोविड-19 के प्रभाव और वैश्विक स्तर पर निवेश प्रवाह कम रहने के बावजूद वर्ष 2020 में भारत को अब तक का सबसे ज्यादा एफडीआई मिला। वित्त वर्ष 2020-21 में देश में एफडीआई का प्रवाह 19 प्रतिशत बढ़कर 59.63 अरब डॉलर हो गया। साथ ही इक्विटी, पुन: निवेश वाली आय और पूंजी को मिलाकर कुल एफडीआई बीते वित्त वर्ष के दौरान 10 प्रतिशत बढ़कर 81.72 अरब डॉलर हो गया। 2019-20 में यह आंकड़ा 74.39 अरब डॉलर रहा था। गोयल ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई)-होरासिस इंडिया द्वारा आयोजित एक वेबिनार में कहा, ‘‘हमें पूरा विश्वास है कि इस वर्ष भी हम अपने विदेशी निवेश में लगातार सात वर्षों की ऐतिहासिक ऊंचाईयों के इस क्रम को जारी रखेंगे।’’ उन्होंने कहा कि इसी तरह भारत का निर्यात भी अच्छी वृद्धि दर्ज कर रहा है और चालू वित्त वर्ष के अंत तक यह 400 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। उन्होंने बताया कि एक से 21 जुलाई के दौरान निर्यात 22 अरब डॉलर रहा है, जो इस माह के अंत तक 32-33 अरब डॉलर को पार कर जाएगा।
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IndiaPiyush-goelJoe-ajayGoela-indianNew-delhi-julySecretary-piyush-goelஇந்தியாபியூஷ-கோயல்புதியது-டெல்ஹி-ஜூலை केरल के परिवहन मंत्री एंटनी राजू और टीवीएस मोटर कंपनी के संयुक्त प्रबंध निदेशक सुदर्शन वेणु ने संयुक्त रूप से इस स्कूटर को पेश किया। कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘टीवीएस आईक्यूब एक बिजली से चलने वाला और पर्यावरण अनुकूल स्कूटर है जो उन्नत इलेक्ट्रिक ड्राइवट्रेन और अगली पीढ़ी के टीवीएस स्मार्टएक्सोनेक्ट प्लेटफॉर्म द्वारा संचालित है।’’ वेणु ने कहा कि टीवीएस मोटर एक डिजिटल पीढ़ी की कंपनी के रूप में बदल रही है और विश्वस्तरीय पर्यावरण अनुकूल ओर कनेक्टेड उत्पाद पेश कर रही है। वही कंपनी ने बताया कि आईक्यूब स्कूटर 4.4 किलोवॉट की मोटर से लैस है। साथ ही स्कूटर की अधिकतम गति 78 किलोमीटर प्रति घंटा है और पूरी तरह चार्ज होने के बाद यह 75 किलोमीटर तक चल सकता है। टीवीएस मोटर ने बताया कि स्कूटर को उनकी आधिकारिक वेबसाइट के जरिये पांच हजार रुपये के बुकिंग शुल्क के साथ बुक कराया जा सकता है।
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KeralaIndiaJoe-ajayAntony-rajuKochi-julyTransportation-secretary-antony-rajuAdvanced-electricHis-officialகேரளஇந்தியாஆண்டனி-ராஜு उन्होंने अनुमान लगाते हुए कहा, ‘‘वर्तमान में हम देखे तो भारतीय दवा उद्योग 42 अरब डॉलर का है। इसमें आधी घरेलू बिक्री और आधा हिस्सा निर्यात का हैं। हमें उम्मीद है कि मौजूदा दशक में उद्योग तीन गुना होकर वर्ष 2030 तक 120 से 130 अरब डॉलर का हो जाएगा।’’ एनआईपीईआर-हैदराबाद के गवर्नर बोर्ड के चेयरमैन रेड्डी ने संस्थान के 9वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की आत्मनिर्भर भारत नीति, उद्योग को प्रोत्साहन और नवाचार पर जोर देने समेत कई सारे सुधार उद्योग के लिए शुभ संकेत हैं। रेड्डी ने कहा कि भारतीय दवा उद्योग ने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम किया। उन्होंने इस दौरान केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया समेत अन्य संबंधित अधिकारियों के उद्योग की क्षमता बढ़ाने में मदद करने के लिए किये गए प्रयासों की सराहना भी की।
भाषा जतिन अजय
HyderabadAndhra-pradeshIndiaIndian-pharmaJoe-ajaySatish-reddyReddya-instituteHyderabad-julyGovernor-boardஹைதராபாத்ஆந்திரா-பிரதேஷ்இந்தியா उन्होंने कहा कि कोविड-19 के प्रभाव और वैश्विक स्तर पर निवेश प्रवाह कम रहने के बावजूद वर्ष 2020 में भारत को अब तक का सबसे ज्यादा एफडीआई मिला। वित्त वर्ष 2020-21 में देश में एफडीआई का प्रवाह 19 प्रतिशत बढ़कर 59.63 अरब डॉलर हो गया। साथ ही इक्विटी, पुन: निवेश वाली आय और पूंजी को मिलाकर कुल एफडीआई बीते वित्त वर्ष के दौरान 10 प्रतिशत बढ़कर 81.72 अरब डॉलर हो गया। 2019-20 में यह आंकड़ा 74.39 अरब डॉलर रहा था। गोयल ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई)-होरासिस इंडिया द्वारा आयोजित एक वेबिनार में कहा, ‘‘हमें पूरा विश्वास है कि इस वर्ष भी हम अपने विदेशी निवेश में लगातार सात वर्षों की ऐतिहासिक ऊंचाईयों के इस क्रम को जारी रखेंगे।’’ उन्होंने कहा कि इसी तरह भारत का निर्यात भी अच्छी वृद्धि दर्ज कर रहा है और चालू वित्त वर्ष के अंत तक यह 400 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। उन्होंने बताया कि एक से 21 जुलाई के दौरान निर्यात 22 अरब डॉलर रहा है, जो इस माह के अंत तक 32-33 अरब डॉलर को पार कर जाएगा।
भाषा जतिन अजय
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