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केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को केंद्रीय बजट से इस बार काफी उम्मीदें हैं। अनुच्छेद 370 हटने के बाद इस दूसरे बजट में प्रदेश को सौगात मिल सकती है। कई चुनौतियों से जूझ रहे जम्मू-कश्मीर की बजट में प्रदेश को मिलने वाली ग्रांट इन एड पर खास नजर है। पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था वाले प्रदेश को कोरोना महामारी से भारी नुकसान हुआ है। पयर्टन के अलावा उद्योग और कारोबार भी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। पर्यटन कारोबार और कनेक्टिविटी का धरातल पर जायजा लेकर एक संसदीय दल हाल ही में लौटा है। ऐसे में केंद्रीय बजट में प्रदेश के लिए विशेष पैकेज की भी उम्मीद जगी है।
केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहले बजट में पिछले साल जम्मू-कश्मीर को विकास कार्यों के लिए 27 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 38 हजार 764 करोड़ दिए गए, जबकि कुल बजट 1,01,428 करोड़ रुपये का था। इस साल बजट में और बढ़ोतरी संभव है। पिछले एक वर्ष में जम्मू-कश्मीर में निवेश की बाधाओं को दूर करने के लिए उप राज्यपाल प्रशासन ने कई कानून बदले हैं।
लगभग 25 हजार कनाल जमीन का लैंड बैंक तैयार किया गया है। उद्योग, कारोबार, पर्यटन समेत कई क्षेत्रों में हुए नुकसान का आकलन किया गया है। रोजगार सृजन के लिए महत्वपूर्ण इन क्षेत्रों से जुड़े वर्ग को केंद्र से विशेष पैकेज की उम्मीद है। जम्मू यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र विभाग में प्रो. दीपांकर सेन गुप्ता के अनुसार यह देखना होगा कि जम्मू-कश्मीर के लिए ग्रांट इन एड कितनी दी जाती है। इसी ग्रांट इन एड के आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय जम्मू-कश्मीर और लद्दाख समेत तमाम केंद्र शासित प्रदेशों में बजट बाद में जारी करेगा।
जम्मू-पुंछ संसदीय क्षेत्र के सांसद जुगल किशोर शर्मा का कहना है कि केंद्रीय बजट लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप होगा। यह बजट आत्म निर्भर भारत को प्रोत्साहित करने वाला होगा। सांसद ने कहा कि कोरोना काल में मोदी सरकार ने शानदार काम किया है। जम्मू-कश्मीर समेत देश को बजट से खासी अपेक्षाएं हैं जो पूरी होंगी। जुगल किशोर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के औद्योगिक विकास के लिए 28400 करोड़ का पैकेज घोषित हो चुका है। बजट से उम्मीद है कि बेरोजगार युवाओं को राहत मिलेगी। कर्मचारी वर्ग से लेकर श्रमिक, व्यापारी, उद्यमी समेत हर वर्ग का ख्याल बजट में रखा जाएगा, ऐसी उन्हें उम्मीद है।
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को केंद्रीय बजट से इस बार काफी उम्मीदें हैं। अनुच्छेद 370 हटने के बाद इस दूसरे बजट में प्रदेश को सौगात मिल सकती है। कई चुनौतियों से जूझ रहे जम्मू-कश्मीर की बजट में प्रदेश को मिलने वाली ग्रांट इन एड पर खास नजर है। पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था वाले प्रदेश को कोरोना महामारी से भारी नुकसान हुआ है। पयर्टन के अलावा उद्योग और कारोबार भी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। पर्यटन कारोबार और कनेक्टिविटी का धरातल पर जायजा लेकर एक संसदीय दल हाल ही में लौटा है। ऐसे में केंद्रीय बजट में प्रदेश के लिए विशेष पैकेज की भी उम्मीद जगी है।
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केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहले बजट में पिछले साल जम्मू-कश्मीर को विकास कार्यों के लिए 27 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 38 हजार 764 करोड़ दिए गए, जबकि कुल बजट 1,01,428 करोड़ रुपये का था। इस साल बजट में और बढ़ोतरी संभव है। पिछले एक वर्ष में जम्मू-कश्मीर में निवेश की बाधाओं को दूर करने के लिए उप राज्यपाल प्रशासन ने कई कानून बदले हैं।
लगभग 25 हजार कनाल जमीन का लैंड बैंक तैयार किया गया है। उद्योग, कारोबार, पर्यटन समेत कई क्षेत्रों में हुए नुकसान का आकलन किया गया है। रोजगार सृजन के लिए महत्वपूर्ण इन क्षेत्रों से जुड़े वर्ग को केंद्र से विशेष पैकेज की उम्मीद है। जम्मू यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र विभाग में प्रो. दीपांकर सेन गुप्ता के अनुसार यह देखना होगा कि जम्मू-कश्मीर के लिए ग्रांट इन एड कितनी दी जाती है। इसी ग्रांट इन एड के आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय जम्मू-कश्मीर और लद्दाख समेत तमाम केंद्र शासित प्रदेशों में बजट बाद में जारी करेगा।
अपेक्षाओं के अनुरूप होगा बजट : जुगल
जम्मू-पुंछ संसदीय क्षेत्र के सांसद जुगल किशोर शर्मा का कहना है कि केंद्रीय बजट लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप होगा। यह बजट आत्म निर्भर भारत को प्रोत्साहित करने वाला होगा। सांसद ने कहा कि कोरोना काल में मोदी सरकार ने शानदार काम किया है। जम्मू-कश्मीर समेत देश को बजट से खासी अपेक्षाएं हैं जो पूरी होंगी। जुगल किशोर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के औद्योगिक विकास के लिए 28400 करोड़ का पैकेज घोषित हो चुका है। बजट से उम्मीद है कि बेरोजगार युवाओं को राहत मिलेगी। कर्मचारी वर्ग से लेकर श्रमिक, व्यापारी, उद्यमी समेत हर वर्ग का ख्याल बजट में रखा जाएगा, ऐसी उन्हें उम्मीद है।
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