समकालीन कहानी का स्त्री पक्ष लमही के संपादक विजयराय के संपादन में अनन्य प्रकाशन, दिल्ली से प्रकाशित 471 पृष्ठों की एक वृहद आलोचनात्मक पुस्तक है। इस पुस्तक में हिन्दी की वरिष्ठ कथाकार चित्रा मुद्गल, ममता कालिया, मृदुला गर्ग, मंजुल भगत और सूर्यबाला से लेकर पंखुरी सिन्हा, गीताश्री, प्रज्ञा पांडेय, भूमिका द्विवेदी अश्क, प्रज्ञा तथा सोनी पांडेय तक कुल तिरेपन महिला कथाकारों के रचनात