Aaj Ka Jeevan Mantra By Pandit Vijayshankar Mehta, Ramayana Story In Hindi, Shri Ram And Hanuman आज का जीवन मंत्र:जीवन में कभी भी कृपा, चमत्कार और शॉर्टकट के चक्कर में न उलझें, अपनी मेहनत पर भरोसा रखें 6 घंटे पहलेलेखक: पं. विजयशंकर मेहता कॉपी लिंक कहानी - श्रीराम पूरी वानर सेना के साथ समुद्र तट पर पहुंच गए थे, उन्हें समुद्र पार करके लंका जाना था। जामवंत श्रीराम की सेना के सबसे बूढ़े और अनुभवी व्यक्ति थे। जामवंत ने श्रीराम से कहा, 'आप तो अपनी कृपा से ही समुद्र लांघ सकते हैं।' हनुमान जी बोले, 'आप तो थोड़ा सा प्रताप दिखाइए। समुद्र यूं ही सूख जाएगा।' सभी लोग जय-जयकार भी करने लगे, लेकिन श्रीराम चुप रहे। फिर उन्होंने मुस्कान के साथ कहा, 'हमें समुद्र ने ये जानकारी दी है कि हमारी सेना में नल और नील, दो वानर ऐसे हैं, जिन्हें ये वरदान मिला है कि अगर वे कोई पत्थर जल में फेंकेंगे तो वह डूबेगा नहीं। हम उन्हीं के सहयोग से समुद्र पर पत्थरों से सेतु बनाएंगे।' नल-नील की मदद से वानर सेना ने समुद्र पर सेतु बांध दिया और श्रीराम वानर सेना के साथ लंका पहुंच गए। सीख - श्रीराम का ये निर्णय हमें समझा रहा है कि जीवन में कभी भी चमत्कार, कृपा और शॉर्टकट नहीं अपनाना चाहिए। अपनी मेहनत पर भरोसा रखें। आप कितने ही योग्य और समर्थ हों, अपने पुरुषार्थ और परिश्रम से काम को पूरा करें। कोई भी बड़ा काम सामूहिक परिश्रम के साथ करेंगे तो उसमें सफलता जरूर मिलती है। इसीलिए जिस ढंग से वानर सेना ने समुद्र पर सेतु बनाया, वह आज भी चर्चा का विषय है। श्रीराम ने इस काम में सेना के प्रत्येक व्यक्ति का सहयोग लिया था। सबको जोड़कर, सबको प्रोत्साहित करके, सामूहिक परिश्रम के साथ जो काम होता है वो ऐतिहासिक होता है। खबरें और भी हैं...