cbi enquiring the tenders given while construction of gomti river front रिवर फ्रंट घोटाला: दिया गया 13 करोड़ का ठेका, 6 करोड़ का काम करने के बाद कंपनी बोली- अब बजट नहीं है Shreyansh Tripathi | नवभारत टाइम्स | Updated: 07 Jul 2021, 09:40:00 AM Subscribe लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट के कथित घोटाले की जांच कर रही सीबीआई अब निर्माण कार्य को करने वाली तमाम एजेंसियों की पड़ताल कर रही है। सीबीआई इस बात की जांच कर रही है कि किन कंपनियों से रिवर फ्रंट के निर्माण से जुड़े तमाम काम कराए गए।
लखनऊ गोमती रिवर फ्रंट प्रॉजेक्ट में ऐसी फर्मों को भी बड़े-बड़े टेंडर दे दिए गए, जो बड़े स्तर पर काम करने में सक्षम ही नहीं थीं। सीबीआई के छापे के बाद मंगलवार को एनबीटी ने ऐसी एक फर्म- अशोक स्टील की पड़ताल की। लाटूश रोड पर मेडिसिन मार्केट के पास अशोक स्टील की छोटी-सी दुकान मिली, जबकि इस फर्म को सिंचाई विभाग से रिवर फ्रंट के किनारे ग्रिल लगाने के लिए 13 करोड़ का टेंडर मिला था। बजट न होने पर इस फर्म ने साल 2016 के बीच में ही काम छोड़ दिया था। ऐसे में यह सवाल भी उठ रहा है कि सिंचाई विभाग ने टर्नओवर देखे बिना टेंडर कैसे दे दिया। रिवर फ्रंट प्रॉजेक्ट में अशोक स्टील फर्म की तरह कई कंपनियों ने बीच में ही काम छोड़ दिया था। शुरुआती जांच में भी सामने आया था कि कई कंपनियों को भी करोड़ों का ठेका हैसियतनामा और फर्म की प्रोफाइल जांचे बगैर दे दिया गया। सूत्रों के मुताबिक, कई कंपनियां ऐसी भी हैं, जिन्हें काम अधूरा छोड़ने के बावजूद भी समय पर भुगतान कर दिया गया। एनबीटी के संपर्क करने पर अशोक स्टील के संचालक अंकुर अग्रवाल ने फोन पर बताया कि उनकी फर्म ने पूरी ईमानदारी के साथ नदी के एक हिस्से की तरफ का ग्रिल लगाया। बाकी काम के लिए फर्म के पास बजट नहीं था। ऐसे में 6 करोड़ का काम करने के बाद प्रॉजेक्ट छोड़ दिया। अंकुर ने बताया कि सीबीआई ने सोमवार को महानगर स्थित उनके ऑफिस में आधे घंटे पूछताछ की। उन्होंने जांच में सहयोग करते हुए ठेके के दस्तावेज भी सौंप दिए। फ्रेंड्स इलेक्ट्रिकल से भी हुई पूछताछ सीबीआई टीम ने नाका में फ्रेंड्स इलेक्ट्रिकल के भी ठिकानों पर छापा मारा था। इस फर्म को रिवर फ्रंट में लाइट लगाने का ठेका मिला था। सूत्रों के मुताबिक, फर्म ने घटिया सामान सप्लाई किए। पूर्व सरकार में पहले भी इस फर्म को कई बड़े ठेके सौंपे गए थे। फर्म संचालक ऋषभ ठाकुर ने बताया कि सीबीआई टीम ने ठेके से जुड़े कई सवाल पूछे, जिनके जवाब दे पाना उनके लिए मुश्किल हो रहा था। टेंडर से पहले बनीं नई कंपनियां रिवर फ्रंट घोटाले में शेल कंपनियों की जानकारी भी सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक, जांच में सामने आया है कि टेंडर प्रक्रिया के एक हफ्ते पहले ही नई कंपनी बना दी गई। बड़ी फर्म ने अपने रिश्तेदारों के नाम से चंद दिनों में शेल कंपनी खोल डाली, जिसका दफ्तर तक रजिस्टर्ड पते पर नहीं मिला। 20 कारोबारियों से होगी पूछताछ सीबीआई टीम ने राजधानी में दो दर्जन कारोबारियों के यहां छापा मारकर अहम दस्तावेज कब्जे में लिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, रिवर फ्रंट घोटाले में राजधानी के करीब 20 कारोबारी निशाने पर हैं। आने वाले दिनों में कई दूसरे कारोबारी भी निशाने पर आ सकते हैं। इनमें कुछ की गिरफ्तारी भी हो सकती है। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुक पेज लाइक करें कॉमेंट लिखें इन टॉपिक्स पर और पढ़ें