नयी दिल्ली, 14 जुलाई (एजेंसी) केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) को एक जुलाई 2021 से बहाल करने का फैसला किया है। इसके साथ ही महंगाई भत्ते की दर में 11 फीसदी की बढ़ोतरी कर इसे 17 के बजाय 28 फीसदी कर दिया गया है। हालांकि, बकाया का भुगतान नहीं किया जाएगा। बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर फैसला हुआ। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बैठक के बाद कहा कि इस कदम से केंद्र सरकार के 48.34 लाख कर्मचारियों और 65.26 लाख पेंशनभोगियों को लाभ होगा। डीए और डीआर में बढ़ोतरी से सरकारी खजाने पर 34,401 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। कोरोना महामारी के मद्देनजर सरकार ने डीए और डीआर की 3 किस्तों को रोक लिया था। ये किस्तें एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 से बकाया थीं। पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट कर स्पष्ट किया गया कि एक जनवरी 2020 से 30 जून 2021 की अवधि के लिए बकाया का भुगतान नहीं किया जाएगा। कपड़ा निर्यातकों के लिए जारी रहेगी छूट योजना : सरकार ने कपड़ा निर्यात के लिए राज्य और केंद्रीय करों तथा शुल्कों में छूट योजना मार्च, 2024 तक जारी रखने को मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी उसी दर पर दी गयी है, जिसकी अधिसूचना कपड़ा मंत्रालय ने परिधान निर्यात और मेड अप (चादर, कंबल, कालीन आदि) निर्यात के लिए जारी की थी। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इससे निर्यात और रोजगार सृजन में मदद मिलेगी। योजना के बारे में कपड़ा मंत्रालय राजस्व विभाग के परामर्श से दिशानिर्देश जारी करेगा। इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने पशुपालन और डेयरी विभाग की योजनाओं के विभिन्न घटकों को संशोधित और दुरुस्त करने तथा 54,618 करोड़ रुपये का निवेश जुटाने के लिये विशेष पशुधन पैकेज को मंजूरी दी है। इसके तहत केंद्र सरकार 9800 करोड़ रुपये की सहायता देगी। मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र से जुड़े लाखों लोगों को इससे लाभ होगा। राष्ट्रीय आयुष मिशन को बढ़ावा : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय आयुष मिशन को 2026 तक केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में जारी रखने को भी बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि योजना के तहत प्राचीन एवं पारंपरिक औषधीय प्रणालियों को बढ़ावा दिया जाएगा। आयुष स्वास्थ्य केंद्रों, मेडिकल कॉलेज, अस्पतालों तथा औषधालयों की स्थापना की जाएगी और इन्हें उन्नत किया जाएगा। खबर शेयर करें 16 घंटे पहले दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है। ‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया। खबरों के लिए सब्सक्राइब करें