Delhi government demand four times more oxygen than it neede

Delhi government demand four times more oxygen than it needed, explained in 3 points | क्या दिल्ली सरकार ने दूसरी लहर में जरूरत से चार गुना ज्यादा ऑक्सीजन की डिमांड की? 3 पॉइंट में समझिए ये दावा पूरा सच क्यों नहीं है


Delhi Government Demand Four Times More Oxygen Than It Needed, Explained In 3 Points
ऑक्सीजन ऑडिट रिपोर्ट पर कई सवाल:क्या दिल्ली सरकार ने दूसरी लहर में जरूरत से चार गुना ज्यादा ऑक्सीजन की डिमांड की? 3 पॉइंट में समझिए ये दावा पूरा सच क्यों नहीं है
11 घंटे पहले
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कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दिल्‍ली सरकार ने जरूरत से चार गुना ज्‍यादा ऑक्‍सीजन की डिमांड की थी। पिछले दो दिनों से ये खबर सुर्खियों में है। ऑक्सीजन ऑडिट के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मई में एक कमेटी बनाई थी, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर ये दावा किया जा रहा है। 163 पेज की इस अंतरिम रिपोर्ट को केंद्रीय परिवार कल्याण मंत्रालय ने 22 जून को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया है।
इस रिपोर्ट में दिल्ली सरकार की कमियों को उजागर करते कई दावे किए गए हैं। इसके बाद बीजेपी और कांग्रेस केजरीवाल सरकार को घेर रही है। वहीं सीएम केजरीवाल का कहना है कि जब आप चुनावी रैली कर रहे थे, तब मैं रात भर जागकर ऑक्सीजन का इंतजाम कर रहा था।
सबसे पहले हम आपको बता रहे हैं इस ऑडिट रिपोर्ट की खास बातें। इसके बाद तीन पॉइंट में बताएंगे कि जरूरत से चार गुना ऑक्सीजन की डिमांड वाले दावे में पूरी सच्चाई क्यों नहीं है?
पांच लोगों की पैनल में से 2 ने रिपोर्ट पर उठाए सवाल
इस ऑडिट कमेटी की अध्यक्षता एम्स के डायरेक्टर और नेशनल कोविड टास्क फोर्स के हेड रणदीप गुलेरिया कर रहे थे। उनके अलावा इस टीम में 4 और सदस्य थे। दिल्ली सरकार के प्रिंसिपल होम सेक्रेटरी भूपेंद्र भल्ला, मैक्स हेल्थ केयर के डायरेक्टर डॉ. संदीप बुद्धिराजा, केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय में जॉइंट सेक्रेटरी सुबोध यादव, पेट्रोलियम एंड ऑक्सीजन सप्लाई सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन के संजय सिंह।
ऑडिट रिपोर्ट की कई बातों पर कमेटी में शामिल भल्ला और बुद्धिराजा ने ही असहमति जताई है। भल्ला के मुताबिक, 'ये रिपोर्ट बिना किसी बदलाव, बिना किसी सदस्य से दोबारा शेयर किए और बिना किसी औपचारिक अप्रूवल के भारत सरकार को भेजी गई। उनकी आपत्तियों को रिपोर्ट के अंत में जोड़ा गया। ये दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार है।'
ऑक्सीजन ऑडिट पैनल ने जो अंतरिम रिपोर्ट बनाई है, उसमें इन तीन बातों पर सवाल उठ रहे हैं...
1. कोविड-19 के दो बड़े अस्पताल शामिल नहीं
कमेटी ने दिल्ली के 183 अस्पतालों से ऑक्सीजन की जरूरत के डेटा को शामिल किया, लेकिन इसमें दिल्ली के दो सबसे बड़े कोविड-19 अस्पताल शामिल नहीं हैं। पहला GTB अस्पताल और दूसरा LNJP अस्पताल। इन दोनों जगहों पर कोरोना मरीजों के लिए 500 से ज्यादा बेड की व्यवस्था थी। इसके अलावा भी राजधानी में कई कोविड अस्पताल चल रहे थे जिनका डेटा इस रिपोर्ट में शामिल नहीं है।
2. कमेटी ने माना अस्पतालों ने गलत डेटा दिया
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में खुद स्वीकार किया है कि अस्पतालों ने गलत डेटा दिया है न कि दिल्ली सरकार ने। भूपेंद्र भल्ला का कहना है कि 12 मई को 183 अस्पतालों में 390 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की खपत थी। बाद में 214 अस्पतालों में ये खपत बढ़कर 490 मीट्रिक टन हो गई। वास्तविक खपत इससे भी ज्यादा हो सकती है क्योंकि इसमें घर पर मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत, कोरोना से इतर अस्पतालों की ऑक्सीजन जरूरत और कई कोविड अस्पतालों को शामिल नहीं किया गया है।
3. 1140 नहीं 780 मीट्रिक टन की डिमांड की थी
अप्रैल और शुरुआती मई में दूसरी लहर के पीक के दौरान दिल्ली सरकार ने अधिकतम 780 मीट्रिक टन रोजाना की ऑफिशियल डिमांड की थी। आधिकारिक रूप से 1140 मीट्रिक टन मांगी ही नहीं जो न्यूज रिपोर्ट में कहा जा रहा है। दिल्ली सरकार का कहना है कि उसने आईसीएमआर की गाइडलाइन के मुताबिक ही ऑक्सीजन की जरूरत को कैलकुलेट किया है। डॉ. संदीप बुद्धिराजा के मुताबिक कमेटी ने दिल्ली की वास्तविक जरूरत को कम करके कैलकुलेट किया है।
केंद्र और राज्य ने दो अलग-अलग फॉर्मूले लगाए
रिपोर्ट को गहराई से पढ़ने पर पता चलता है कि ऑक्सीजन की जरूरत के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार ने दो अलग-अलग फॉर्मूले का इस्तेमाल किया। केंद्र के फॉर्मूले के हिसाब से माना गया कि 50% नॉन ICU बेड ऑक्सीजन का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं दिल्ली सरकार के फॉर्मूले में सभी गैर ICU बेड ऑक्सीजन का इस्तेमाल कर रहे हैं।
ये दोनों फॉर्मले 20 मई से 21 मई के बीच पैनल की मीटिंग में डिस्कस हुए। कमेटी ने दिल्ली सरकार के फॉर्मूले को बढ़ा-चढ़ाकर माना। हालांकि कमेटी में मौजूद भल्ला का कहना है कि केंद्र का फॉर्मूला गलत है, क्योंकि अस्पतालों में भर्ती ज्यादातर कोविड मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत थी। संदेह को सिर्फ ग्राउंड ऑडिट के जरिए दूर किया जा सकता है जो अभी करना बाकी है।
दो पैनलिस्ट, भूपेंद्र भल्ला और मैक्स हेल्थ केयर के डायरेक्टर डॉ. संदीप बुद्धिराजा 18 मई 2021 की मीटिंग में शामिल नहीं हुए
बीजेपी के आरोप और केजरीवाल का जवाब
बीजेपी के दिल्ली मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में संबित पात्रा ने केजरीवाल पर ऑक्सीजन को लेकर राजनीति करने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली के सीएम ने झूठ बोलकर 12 राज्यों को प्रभावित किया।
आरोपों पर अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'मेरा गुनाह- मैं अपने 2 करोड़ लोगों की सांसों के लिए लड़ा। जब आप चुनावी रैली कर रहे थे, मैं रात भर जागकर ऑक्सीजन का इंतजाम कर रहा था। लोगों को ऑक्सीजन दिलाने के लिए मैं लड़ा, गिड़गिड़ाया। लोगों ने ऑक्सीजन की कमी से अपनों को खोया है। उन्हें झूठा मत कहिए, उन्हें बहुत बुरा लग रहा है।'
इस बीच AIIMS चीफ डॉ. रणदीप गुलेरिया ने विवाद को शांत करने की कोशिश की। NDTV के मुताबिक, उन्होंने कहा कि अब तक फाइनल रिपोर्ट नहीं आई है। ऐसे में यह कहना जल्दबाजी होगी कि दिल्ली ने सेकेंड वेव के पीक के वक्त जरूरी ऑक्सीजन की डिमांड को चार गुना बढ़ाकर बताया। उन्होंने कहा कि मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है, ऐसे में हमें जजमेंट का इंतजार करना चाहिए।
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