ख़बर सुनें केंद्र का चुनाव हो या राज्य का, राजनीतिक दल केंद्र या राज्यों के मुद्दे पर ही आपस में टकराते हैं। लेकिन दिल्ली का नगर निगम चुनाव इस मामले में बाकी नगर निगम चुनावों से बिल्कुल अलग होगा जहां दो प्रमुख दावेदार निगम के मुद्दों से ज्यादा केंद्र और राज्य के विषयों पर टकराएंगे। लगातार तीन बार से दिल्ली के नगर निगमों पर काबिज भाजपा केेंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के कामों के सहारे चौथी बार सत्ता में वापसी का सपना देख रही है तो नई ऊर्जा से लबरेज आम आदमी पार्टी दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के कामों पर जनता से समर्थन मांगेगी। निगम के उपचुनावों में अभी से इसकी झलक दिखनी शुरू हो गई है। हमारे पास हमारा काम, भाजपा के पास भ्रष्टाचार- आप आम आदमी पार्टी ने दिल्ली नगर निगम चुनाव को जीतने की जिम्मेदारी दुर्गेश पाठक के बिल्कुल नए ऊर्जावान कंधों पर डाल रखी है। वे लगातार पार्टी के मिशन को आगे बढ़ा रहे हैं। आम आदमी पार्टी दिल्ली चुनाव किन मुद्दों पर जीतेगी? इस सवाल पर आप नेता का कहना है कि दिल्ली की जनता देख रही है कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने पिछले छः सालों में उसके लिए मुफ्त बिजली, पानी का अपना वायदा निभाया है। बहनों के लिए ट्रांसपोर्ट में मुफ्त आवागमन संभव हुआ है। देश में किसी अन्य राज्य ने इसकी कल्पना तक नहीं की थी, लेकिन अऱविंद केजरीवाल सरकार ने यह करके दिखा दिया है। यह असंभव को संभव बनाने जैसा है। जबकि भाजपा के केंद्र से लेकर राज्यों तक के शासन में जनता ने भ्रष्टाचार होते हुए देखा है। ऐसे में उन्हें पूरा विश्वास है कि दिल्ली की जनता अब नगर निगम में भाजपा को अवसर नहीं देगी। आम आदमी पार्टी सरकार ने कुछ ही दिन पहले दिल्ली के सर्कल रेट्स में 20 प्रतिशत तक की कटौती कर दी है। यानी इस दौरान वाणिज्यिक-गैर वाणिज्यिक इकाइयों की खरीद करने पर 20 प्रतिशत कम भुगतान करना होगा। आम आदमी पार्टी दिल्ली नगर निगम के उपचुनाव में इस मुद्दे को तेजी से उठा रही है। उसे उम्मीद है कि यह मुद्दा केंद्र सरकार के द्वारा संसद में दिल्ली की अवैध कालोनियों को पक्का करने की योजना का काट पेश कर सकेगा। वहीं, लगातार तीन बार दिल्ली के नगर निगम की सत्ता में बनी रही भाजपा के लिए इस बार चुनौती बड़ी है। उसे अपने पार्षदों पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोप से भी निबटना है तो केजरीवाल की लोकलुभावन नीतियों से भी टकराना है। लेकिन भाजपा का दावा है कि वह इस बार भी निगम में अपनी सत्ता बरकरार रख सकेगी। दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता खेमचंद्र शर्मा ने अमर उजाला को बताया कि निगम चुनावों में हमारा सबसे बड़ा हथियार केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली के लिए किए गए काम होंगे। केंद्र सरकार ने दिल्ली को ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरीफेरल देकर दिल्ली का प्रदूषण कम करने का काम किया था। अब तीसरा पेरीफेरल रोड बनाकर दिल्ली के ट्रांसपोर्ट को सुगम बनाने में भारी मदद मिलेगी। प्रगति मैदान में हो रहे निर्माण कार्य पूरी दुनिया में दिल्ली का नाम रोशन कराने वाले हैं क्योकि यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का कार्य किया जा रहा है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने दिल्ली का प्रदूषण कम करने के लिए बजट निर्धारण कर जनता के स्वास्थ्य का ध्यान रखा है, जबकि वहीं अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में आयुष्मान योजना का लाभ न लेने देकर दिल्ली वालों के स्वास्थ्य के साथ बेमानी की है। उन्हें चुनावों में इसकी कीमत चुकानी होगी। खेमचंद्र शर्मा के मुताबिक पूरी दिल्ली ने देखा है कि केजरीवाल के अपने विभाग दिल्ली जल बोर्ड में 26 हजार करोड़ का घोटाला हुआ है तो उन्होंने निगमों को उनका बकाया 13 हजार करोड़ नहीं दिया है। ऐसे में जनता देख रही है कि उनके वायदों और कार्यों में कितना अंतर है और ऐसे में उन्हें पूरी उम्मीद है कि जनता भाजपा को ही मौका देगी। विस्तार केंद्र का चुनाव हो या राज्य का, राजनीतिक दल केंद्र या राज्यों के मुद्दे पर ही आपस में टकराते हैं। लेकिन दिल्ली का नगर निगम चुनाव इस मामले में बाकी नगर निगम चुनावों से बिल्कुल अलग होगा जहां दो प्रमुख दावेदार निगम के मुद्दों से ज्यादा केंद्र और राज्य के विषयों पर टकराएंगे। विज्ञापन लगातार तीन बार से दिल्ली के नगर निगमों पर काबिज भाजपा केेंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के कामों के सहारे चौथी बार सत्ता में वापसी का सपना देख रही है तो नई ऊर्जा से लबरेज आम आदमी पार्टी दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के कामों पर जनता से समर्थन मांगेगी। निगम के उपचुनावों में अभी से इसकी झलक दिखनी शुरू हो गई है। हमारे पास हमारा काम, भाजपा के पास भ्रष्टाचार- आप आम आदमी पार्टी ने दिल्ली नगर निगम चुनाव को जीतने की जिम्मेदारी दुर्गेश पाठक के बिल्कुल नए ऊर्जावान कंधों पर डाल रखी है। वे लगातार पार्टी के मिशन को आगे बढ़ा रहे हैं। आम आदमी पार्टी दिल्ली चुनाव किन मुद्दों पर जीतेगी? इस सवाल पर आप नेता का कहना है कि दिल्ली की जनता देख रही है कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने पिछले छः सालों में उसके लिए मुफ्त बिजली, पानी का अपना वायदा निभाया है। बहनों के लिए ट्रांसपोर्ट में मुफ्त आवागमन संभव हुआ है। देश में किसी अन्य राज्य ने इसकी कल्पना तक नहीं की थी, लेकिन अऱविंद केजरीवाल सरकार ने यह करके दिखा दिया है। यह असंभव को संभव बनाने जैसा है। जबकि भाजपा के केंद्र से लेकर राज्यों तक के शासन में जनता ने भ्रष्टाचार होते हुए देखा है। ऐसे में उन्हें पूरा विश्वास है कि दिल्ली की जनता अब नगर निगम में भाजपा को अवसर नहीं देगी। आम आदमी पार्टी सरकार ने कुछ ही दिन पहले दिल्ली के सर्कल रेट्स में 20 प्रतिशत तक की कटौती कर दी है। यानी इस दौरान वाणिज्यिक-गैर वाणिज्यिक इकाइयों की खरीद करने पर 20 प्रतिशत कम भुगतान करना होगा। आम आदमी पार्टी दिल्ली नगर निगम के उपचुनाव में इस मुद्दे को तेजी से उठा रही है। उसे उम्मीद है कि यह मुद्दा केंद्र सरकार के द्वारा संसद में दिल्ली की अवैध कालोनियों को पक्का करने की योजना का काट पेश कर सकेगा। दिल्ली की तस्वीर बदली, जनता के साथ का भरोसा-भाजपा वहीं, लगातार तीन बार दिल्ली के नगर निगम की सत्ता में बनी रही भाजपा के लिए इस बार चुनौती बड़ी है। उसे अपने पार्षदों पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोप से भी निबटना है तो केजरीवाल की लोकलुभावन नीतियों से भी टकराना है। लेकिन भाजपा का दावा है कि वह इस बार भी निगम में अपनी सत्ता बरकरार रख सकेगी। दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता खेमचंद्र शर्मा ने अमर उजाला को बताया कि निगम चुनावों में हमारा सबसे बड़ा हथियार केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली के लिए किए गए काम होंगे। केंद्र सरकार ने दिल्ली को ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरीफेरल देकर दिल्ली का प्रदूषण कम करने का काम किया था। अब तीसरा पेरीफेरल रोड बनाकर दिल्ली के ट्रांसपोर्ट को सुगम बनाने में भारी मदद मिलेगी। प्रगति मैदान में हो रहे निर्माण कार्य पूरी दुनिया में दिल्ली का नाम रोशन कराने वाले हैं क्योकि यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का कार्य किया जा रहा है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने दिल्ली का प्रदूषण कम करने के लिए बजट निर्धारण कर जनता के स्वास्थ्य का ध्यान रखा है, जबकि वहीं अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में आयुष्मान योजना का लाभ न लेने देकर दिल्ली वालों के स्वास्थ्य के साथ बेमानी की है। उन्हें चुनावों में इसकी कीमत चुकानी होगी। खेमचंद्र शर्मा के मुताबिक पूरी दिल्ली ने देखा है कि केजरीवाल के अपने विभाग दिल्ली जल बोर्ड में 26 हजार करोड़ का घोटाला हुआ है तो उन्होंने निगमों को उनका बकाया 13 हजार करोड़ नहीं दिया है। ऐसे में जनता देख रही है कि उनके वायदों और कार्यों में कितना अंतर है और ऐसे में उन्हें पूरी उम्मीद है कि जनता भाजपा को ही मौका देगी। विज्ञापन