छोटा सा घर एक गली और फिर कमरा, कमरे में ही रसोई। बगल में एक बेड पर बैठी बलात्कार का शिकार हुई नन्हीं सी बच्ची की दादी की आंखें बार-बार छलछला जाती हैं। वे कहती हैं, 'बच्ची तो रोज की तरह बाहर खेल रही थी, सारा दिन बच्चे बाहर ही रहते हैं, इतने छोटे घर में घुटन होती है। हमें क्या पता था कि इंसान के रूप में बाहर दरिंदा घूम रहा है। भला इतनी छोटी बच्ची पर कौन गलत नजर डाल सकता है।' | Delhi rape case: Dainik Bhaskar Ground report Where a minor was Gang raped