17-18 सितंबर 2022 को गजलक्ष्मी महाव्रत महाउपवास है। इस अवसर पर माता कुंती की यह कथा बहुत प्रचलित और प्रामाणिक है...श्री वेद व्यासजी कहने लगे- 'हम एक ऐसे व्रत का पूजन व वर्णन कहते हैं जिससे सदा लक्ष्मीजी का निवास होकर सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है। यह श्री महालक्ष्मीजी का व्रत है, इसे गजलक्ष्मी व्रत भी कहा जाता है। जिसे प्रतिवर्ष आश्विन कृष्ण अष्टमी को विधिवत किया जाता है।' - gajlakshmi mahavrat 2022