राज्यपाल सरदार बूटा सिंह ने एनडीए के दावे को अस्वीकार कर दिया, तब तय हुआ कि राष्ट्रपति भवन जाकर विधायकों की परेड करायी जाए. | फरवरी, 2005 में हुए बिहार विधानसभा के चुनाव में किसी दल को बहुमत नहीं मिला. तब केंद्र में यूपीए सरकार थी. लालू प्रसाद और रामविलास पासवान केंद्र में मंत्री थे, लेकिन दोनों में 36 का आंकड़ा था. पासवान रेल मंत्री पद चाहते थे, लेकिन संख्या बल में लालू प्रसाद बाजी मार गये, पर इस प्रकरण ने फरवरी, 2005 के चुनाव की भी पटकथा लिख दी और जिसका असर राजनीति को भविष्य के लिए भी परिभाषित कर गया.