mentha farmer invented indigenous and cheap jugaad in barabanki to stop bursting tank बाराबंकीः सपने में आया आइडिया, किसान ने ईजाद किया देशी और सस्ता 'जुगाड़', अब नहीं फटेंगी मेंथा की टंकिया Raghavendra Shukla | Lipi | Updated: 03 Jul 2021, 08:49:00 AM Subscribe बाराबंकी में मेंथा टंकी फटने से रोकने के लिए एक किसान ने सस्ता और देशी जुगाड़ ईजाद किया है। कृषि विभाग के अधिकरियों ने परीक्षण कर किसान के देशी जुगाड़ की सराहना की है और सभी मेंथा किसानों से 100 रुपये के खर्च में लगने वाले देशी जुगाड़ को टंकी में लगवाने की अपील की है।
बाराबंकीः सपने में आया आइडिया, किसान ने ईजाद किया देशी और सस्ता 'जुगाड़', अब नहीं फटेंगी मेंथा की टंकिया जितेन्द्र कुमार मौर्य, बाराबंकी उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक मेंथा किसान ने टंकी फटने से निजात दिलाने के लिए देशी और सस्ता जुगाड़ ईजाद किया है। इससे हर साल टंकी फटने से हो रही किसानों की मौतों और झुलसने की घटनाओं से निजात मिल सकेगी। भागीरथ नाम के किसान की इस खोज का कृषि विभाग के अधिकारियों ने भी परीक्षण कर सराहना की है। विभाग ने अन्य मेंथा किसानों से इस देशी और सस्ते जुगाड़ को लगाने की अपील की है। दरियाबाद तहसील क्षेत्र के ठाकुरपुर मजरे गाजीपुर गांव के रहने वाले 65 साल के किसान भगीरथ हर साल मेंथा पेराई सीजन में टंकी फट जाने से किसानों की झुलस कर मौत से काफी परेशान थे। उन्होंने इस समस्या से निजात पाने की कोशिशों पर काम करना शुरू कर दिया। किसान के सपने में आया आईडिया मेंथा किसान भगीरथ ने बताया कि साल 1998 में दरियाबाद के जेठौती गांव में मेरे रिश्तेदार के यहां लगी मेंथा टंकी फट गई थी, जिसमें एक लड़के की झुलसकर मौके पर ही मौत हो गई थी। यह दशा देखकर मैं काफी दुःखी हुआ क्योंकि मेरे यहां भी मेंथा की टंकी पेराई चल रही थी। मैं सोचता रहा कि टंकी को फटने से कैसे बचाया जा सकता है? तभी रात के सपने में मुझे एक आईडिया आया। भगीरथ ने बताया कि हमें जूनियर क्लास में पढ़ाया गया था कि भाप का दबाव ऊपर की ओर रहता है और हर किसान की मेंथा की टंकी के तल्ली में 10 इंच पानी जमा होता है। इसमें पानी के लेबल से 8 इंच नीचे सभी टंकियों में एक पाइप लगा होता है। जो कॉइल ब्लाक होने पर प्रेशर बनाता है और पानी के जरिए पाइप से निकलता है। उन्होंने बताया कि इसके बाद उन्हें आईडिया आया कि इसमें ही एक पाइप लगा दें। मेंथा टंकी में 100 रुपये का देशी जुगाड़ मेंथा किसान भागीरथ वर्मा कहते हैं कि टंकी को फटने से बचाने का जुगाड़ मात्र 100 रुपये में है। इसमें सबसे पहले टंकी में नीचे की तरफ एक लोहे का पाइप जोड़ना है और फिर चार से पांच फीट लंबा रबर का काला पाइप लेकर उसका एक सिरा टी में जोड़कर दूसरा सिरा लगभग तीन से चार फिट ऊपर उठाकर रखना है। पाइप का मुंह खुला ही रखना है। इस प्रकार जब टंकी में भाप का दबाव बनेगा तो वह पानी के साथ पाइप के जरिए निकल जाएगा। इससे प्रेशर नहीं बनेगा। सस्ते जुगाड़ से मेंथा की टंकी नहीं फटेगी और किसानों की जान बचेगी। प्रेशर से फट जाती मेंथा की टंकियां सरकार के मानक के अनुरूप बनने वाली वीआईपी मेंथा टंकियों की लागत एक लाख रुपये से ऊपर आती है जो किसान आसानी से नहीं खरीद सकता। वहीं बाजार में मिलने वाली मेंथा टंकी 40 से 50 हजार में किसानों को आसानी से मिल जाती है। इससे जान-माल काफी नुकसान होता रहता है। वेपर पाइप पतला होने के कारण कूड़ा- कचरा पाईप और कॉइल कंडेंसर में फंस जाती है, जिसके कारण टंकी में प्रेशर बनता है और टंकी फट जाती है। घायलों को नहीं मिल पाता उचित ईलाज जानकारों का मानना है कि हर साल भीषण गर्मी में मेंथा पेराई सीजन के समय टंकी फटने की दर्जनों घटनाएं होती हैं। इसमें कई मौतों के साथ पेराई कर रहे किसान गर्म पानी और लोहे की चादर से झुलस जाते हैं। अस्पतालों में बर्न यूनिट न होने से घायलों को बेहद तकलीफ भरे दर्द से गुजरना पड़ता है। क्या बोले कृषि विभाग के अधिकारी कृषि उपनिदेशक अनिल सागर ने बताया कि ये मेंथा किसानों को जागरूक करने की लिए देशी उपाय है। हालांकि मेंथा की फसल डीएचओ विभाग देखता है। हमारे विभाग ने किसान भागीरथ की तकनीकी का परीक्षण किया है। इस देशी जुगाड़ लगाने को किसानों से लगाने की अपील की जा रही है। बाराबंकीः सपने में आया आइडिया, किसान ने ईजाद किया देशी और सस्ता 'जुगाड़', अब नहीं फटेंगी मेंथा की टंकियाNavbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुक पेज लाइक करें कॉमेंट लिखें इन टॉपिक्स पर और पढ़ें