non bailable warrant issued against louis khurshid wife of former union minister salman khurshid in farrukhabad Louis Khurshid news: पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस की बढ़ी मुसीबत, गबन केस में फर्रुखाबाद कोर्ट ने जारी किया NBW Curated by शशि मिश्रा | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 21 Jul 2021, 10:17:00 AM Subscribe ट्रस्ट ने दावा किया था कि उसने एटा, इटावा, फर्रुखाबाद, कासगंज, मैनपुरी, अलीगढ़, शाहजहांपुर, मेरठ तथा बरेली समेत प्रदेश के एक दर्जन से ज्यादा जिलों में शिविर लगाकर दिव्यांग बच्चों को वे उपकरण बांटे थे। लेकिन कैंप कभी लगे ही नहीं थे।
Lalitpur News: शादी की वजह से बेटे को घर से निकाला, फिर भी नेत्रहीन युवती से की शादी Subscribe हाइलाइट्स केंद्र की कांग्रेस सरकार में केंद्रीय मंत्री थे सलमान खुर्शीद सलमान खुर्शीद की पत्नी के बनाए ट्रस्ट को जारी हुआ था 71 लाख का अनुदान अनुदान की राशि से दिव्यांगों को कैंप लगाकर बांटने थे उपकरण मैनपुरी, अलीगढ़, शाहजहांपुर, मेरठ और बरेली समेत तमाम जिलों में कैंप लगाने का किया था दावा फर्रुखाबाद उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ है। यह वारंट स्थानीय अदालत ने डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट में 71 लाख रुपए से ज्यादा की धनराशि के कथित गबन के मामले में जारी किया है। लुईस के साथ ही दो अन्य लोगों के खिलाफ भी एनबीडब्ल्यू जारी हुआ है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रवीण कुमार त्यागी ने लुईस के साथ-साथ ट्रस्ट के सचिव अतहर फारुकी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त को रखी गई है। जून 2017 में EWO ने शुरू की थी जांच आपको बता दें कि आर्थिक अपराध शाखा ने जून 2017 में इस मामले की जांच शुरू की थी और निरीक्षक राम शंकर यादव ने कायमगंज थाने में लुइस खुर्शीद और फारूकी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। लुईस संबंधित परियोजना की निदेशक थीं। इस मामले में 30 दिसंबर 2019 को आरोप पत्र दाखिल किया गया था। ट्रस्ट को जारी हुआ था अनुदान डॉक्टर जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट को मार्च 2010 में उत्तर प्रदेश के 17 जिलों में दिव्यांग लोगों को व्हीलचेयर, ट्राई साइकिल और सुनने के यंत्र वितरित करने के लिए तत्कालीन केंद्र सरकार से 71 लाख 50 हजार रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ था। इस रकम में गबन करने का आरोप ट्रस्ट के पदाधिकारियों पर लगा था। इल्ज़ाम था कि उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों के फर्जी दस्तखत करके और मोहर लगाकर केंद्र सरकार से वह अनुदान हासिल किया गया था। कभी लगे ही नहीं थे शिविर ट्रस्ट ने दावा किया था कि उसने एटा, इटावा, फर्रुखाबाद, कासगंज, मैनपुरी, अलीगढ़, शाहजहांपुर, मेरठ तथा बरेली समेत प्रदेश के एक दर्जन से ज्यादा जिलों में शिविर लगाकर दिव्यांग बच्चों को वे उपकरण बांटे थे। बाद में जांच में पता लगा कि वे शिविर कभी लगाए ही नहीं गए थे। लुईस खुर्शीद (फाइल फोटो)Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुक पेज लाइक करें कॉमेंट लिखें इन टॉपिक्स पर और पढ़ें