pilibhit narrow escape from tiger attack bit head but helmet become saviour Tiger Attack Pilibhit: 2 दोस्त बन चुके थे निवाला...युवक की खौफनाक आपबीती- 'बाघ मेरे सिर को मुंह में ले रहा था, हेलमेट ने बचा दिया' Edited by सुधाकर सिंह | नवभारत टाइम्स | Updated: 14 Jul 2021, 09:29:00 AM Subscribe Tiger Attack News यूपी के पीलीभीत में बाघ के हमले की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां बाइक से जा रहे तीन युवकों पर दो बाघों ने जंगल में हमला कर दिया। दो युवकों को तो बाघ ने मार दिया, वहीं तीसरे पर भी हमला किया। बाघ के जबड़े में मुंह आ चुका था लेकिन हेलमेट ने उसकी जिंदगी बचा ली।
महाराष्ट्र के चंद्रपुर में बाघ ने वन अधिकारी को घायल किया Subscribe हाइलाइट्स: पीलीभीत में युवक ने सुनाई बाघ के हमले की खौफनाक आपबीती रात में जंगल में दो दोस्तों के साथ बाइक पर जा रहा था विकास अचानक दो बाघों ने किया हमला, विकास सबसे पीछे बैठा था दो दोस्तों को बनाया निवाला, हेलमेट की वजह से बचा विकास असित शुक्ला, पीलीभीत जंगल का रास्ता और अंधेरी रात। जरा सोचिए ऐसे में बाघ अगर हमला करे और उसके जबड़े में किसी का सिर आ जाए तो क्या होगा। अंजाम का अंदाजा हर किसी को होगा। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में ऐसा ही कुछ हुआ। हालांकि बाघ के जबड़े और युवक की जिंदगी के बीच हेलमेट आ गया। खौफनाक आपबीती सुनाते हुए युवक ने कहा कि बाघ मेरे सिर को मुंह में ले रहा था लेकिन हेलमेट ने बचा लिया। पीलीभीत की दियूरिया रेंज में स्थित खन्नौत नदी की पुलिया के पास तीन युवकों पर सोमवार को बाघ ने जानलेवा हमला कर दिया था, जिसमें दो की मौत हो गई थी। 23 साल के विकास नाम के युवक ने पेड़ पर चढ़कर बाघों से अपनी जान बचाई। विकास ने मंगलवार को मौत के मंजर का आंखों देखा हाल बताया। विकास ने बताया कि दोस्तों को निवाला बनाने के बाद दोनों बाघ पूरी रात पेड़ के नीचे इधर-उधर घूमते रहे और मेरा पेड़ से नीचे उतरने का इंतजार करते रहे। फिर बाद में भोर होने से पहले जंगल में लौट गए। बाघों के इस हमले में विकास के दोस्त सोनू कुमार (22) और कन्हई लाल (35) ने जान गंवा दी। 'बाघ मुझ पर झपटा लेकिन मैं हेलमेट पहने था' रविवार 11 जुलाई की रात का खौफनाक किस्सा सुनाते हुए विकास ने बताया, 'मैं जब बाइक पर सवार होकर दोस्तों के साथ जंगल में होकर गुजरने के लिए बॉर्डर पर पहुंचा तो वहां मौजूद वनकर्मियों ने शाम होने पर जानवर मिलने की बात चेतावनी दी लेकिन घर पहुंचने की जल्दी में हमने उनकी बात नहीं सुनी और आगे बढ़ गए। बाइक सोनू चला रहा था। बीच में कन्हई लाल और सबसे पीछे मैं बैठा था। बाइक की हेडलाइट खराब होने की वजह से हम दो बाघों को नहीं देख सके। हम उनके बहुत करीब आ गए और दोनों बाघों ने हम पर हमला कर दिया। उनमें से एक बाघ मुझ पर झपटा लेकिन मैं हेलमेट पहने हुए था। सोनू और कन्हई नहीं बच सके।' बाइक सोनू चला रहा था। बीच में कन्हई लाल और सबसे पीछे मैं बैठा था। बाइक की हेडलाइट खराब होने की वजह से हम दो बाघों को नहीं देख सके। हम उनके बहुत करीब आ गए और दोनों बाघों ने हम पर हमला कर दिया। हमले में जीवित बचा विकास सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में घास खाता नजर आया बाघ, देखिए वीडियो 'सोनू को जबड़े में उठाया, कन्हई को झपट्टा मार पेड़ से गिराया' विकास ने बताया, 'जब बाघ ने पीछे से मुझ पर हमला किया तो उसके जबड़े में मेरा सिर आ चुका था। लेकिन हेलमेट की वजह से मैं बच गया। इस दौरान बाइक सड़क से नीचे अनियंत्रित होकर गिर गई। तभी पीछे से बाघ ने दुबारा से उस पर हमला किया तभी सोनू और कन्हई लाल ने दौड़ लगा दी। इसके बाद दोनों बाघ उनके पीछे दौड़ पड़े। एक बाघ ने सोनू को मारकर जबड़े में उठा लिया, वहीं दूसरे बाघ ने पेड़ पर चढ़ रहे कन्हई लाल पर झपट्टा मारकर पेड़ के नीचे गिरा लिया और उसे अपना निवाला बना लिया।' जब बाघ ने पीछे से मुझ पर हमला किया तो उसके जबड़े में मेरा सिर आ चुका था। लेकिन हेलमेट की वजह से मैं बच गया। एक बाघ ने सोनू को मारकर जबड़े में उठा लिया, वहीं दूसरे बाघ ने पेड़ पर चढ़ रहे कन्हई लाल पर झपट्टा मारकर पेड़ के नीचे गिरा लिया और उसे अपना निवाला बना लिया। बाघ के हमले में जीवित बचा विकास बाघ को देख सहमा तेंदुआ, डर से पेड़ पर जाकर बैठा, टाइगर भी नीचे डटा रहा 8 घंटे पेड़ पर बैठा रहा, पूरी रात दहाड़ते रहे दोनों बाघ विकास को लग रहा था कि वह बच नहीं पाएगा लेकिन उसकी एक तरकीब काम आ गई। विकास ने बताया, 'इस दौरान मौका पाकर मैं पेड़ पर ऊंचाई पर चढ़ गया। तकरीबन 8 घंटे तक वहीं डरा सहमा बैठा रहा। इस दौरान दोनों बाघ मुझे भी निवाला बनाने के लिए लगातार उसी पेड़ के नीचे मंडराते रहे। मैं पूरी रात उनकी दहाड़ सुनता रहा। सुबह तकरीबन साढ़े तीन बजे दोनों बाघ जंगल की ओर अंदर चले गए। सूर्योदय होने के साथ ही मेरी जान में जान आई। इसके बाद जब मैंने लकड़ी बीनने आए लोगों को देखा तब पेड़ से उतरकर उनके साथ घर गया।' मौके पर पहुंचे राजेंद्र प्रसाद नाम के एक ग्रामीण ने बताया, 'हमने पुलिस और वन विभाग को युवक के बारे में जानकारी दी। वह डर के मारे कुछ बोल नहीं पा रहा था। पास में एक बाइक पड़ी हुई थी और उसके बगल एक डेडबॉडी भी थी। पेड़ पर बाघ के पंजों के निशान बने हुए थे।' मैं पेड़ पर ऊंचाई पर चढ़ गया। तकरीबन 8 घंटे तक वहीं डरा सहमा बैठा रहा। इस दौरान दोनों बाघ मुझे भी निवाला बनाने के लिए लगातार उसी पेड़ के नीचे मंडराते रहे। मैं पूरी रात उनकी दहाड़ सुनता रहा। सुबह तकरीबन साढ़े तीन बजे दोनों बाघ जंगल की ओर अंदर चले गए। बाघ के हमले में जीवित बचा विकास पर्यटकों के सामने से जब एक साथ गुजरे तीन बाघ, देखें कैसे थम गईं सांसें 'चलती बाइक पर हमला नहीं करते बाघ, गिर गए होंगे युवक' पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल का कहना है, 'चलती बाइक पर टाइगर हमला नहीं करता। टाइगर को देखकर बाइक सवार के गिरने की आशंका ज्यादा है। हमारे स्टाफ ने बताया कि तीनों ने शराब पी रखी थी और मना करने के बाद भी तीनों जंगल की तरफ निकल गए थे। घटना जंगल के अंदर की है इसलिए मुआवजे का प्रावधान नहीं है। अन्य संस्था द्वारा मदद के लिए प्रयास किए जाएंगे।' दोनों बाघ हमेशा मेरी यादों में जिंदा रहेंगे। इस धरती पर जब तक मैं जीवित रहूंगा उनकी दहाड़ मेरे कानों को सुनाई देती रहेगी। बाघ के हमले में जीवित बचा विकास 'जब तक जिंदा रहूंगा बाघों की दहाड़ सुनाई देती रहेगी' बाघ के हमले में जिंदा बचा विकास अस्पताल में इलाज के बाद अब पीलीभीत के दियूरिया कला गांव में अपने घर पर है। विकास उस भयावह रात को याद करते हुए कहते हैं, 'दोनों बाघ हमेशा मेरी यादों में जिंदा रहेंगे। इस धरती पर जब तक मैं जीवित रहूंगा उनकी दहाड़ मेरे कानों को सुनाई देती रहेगी।' (टीओआई संवाददाता कंवरदीप सिंह से मिले इनपुट के साथ) हेलमेट ने बचाई बाघ से जानNavbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुक पेज लाइक करें कॉमेंट लिखें इन टॉपिक्स पर और पढ़ें