ख़बर सुनें कांग्रेस नेतृत्व ने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब का प्रदेश अध्यक्ष बनाने के अपने फैसले पर रविवार देर रात मुहर लगा दी। हालांकि नवजोत के साथ नेतृत्व ने कैप्टन को खुश रखने और जातीय समीकरण का संतुलन बैठाने के लिए उनके चार समर्थकों संगत सिंह गिलजियन, सुखविंदर सिंह डैनी, पवन गोयल और कुलजीत सिंह नागरा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है। इनमें नागरा अभी तक सिक्किम, नागालैंड और त्रिपुरा के प्रभारी थे। उनसे ये जिम्मेदारी वापस ले ली गई है। इससे पहले रविवार को दोनों पक्ष दिनभर अपने पक्ष में माहौल बनाने में जुटे रहे। सोनिया गांधी से मिलने के बाद नवजोत सिद्धू ने भी पार्टी के पूर्व अध्यक्षों, विधायकों से संपर्क कर अपने पक्ष में करने का प्रयास शुरू कर दिया था। उनको प्रदेश अध्यक्ष बनाने के फार्मूले पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखकर विरोध जताया था। शनिवार को सोनिया के दूत के रूप में प्रभारी हरीश रावत के चंडीगढ़ पहुंचने के बाद अमरिंदर के रुख में तो बदलाव दिखा और नेतृत्व का फैसला मानने को तैयार हुए लेकिन अंदर खाने अमरिंदर समर्थक और सिद्धू को पसंद न करने वाले एक मंच पर नेतृत्व को फैसला बदलने का संदेश देते दिखे। पंजाब कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्षों का परिचय संगत सिंह हरनाम सिंह गिलजियान- मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पुराने विश्वासपात्र हैं। संगत सिंह ने 2017 में टांडा उड़मुड़ (होशियारपुर) से जीत हासिल की थी। वह साफ और स्वच्छ छवि के नेता माने जाते हैं। सुखविंदर सिंह डैनी - अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग में अच्छी पैठ मानी जाती है। 2017 में पहली बार पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए। वर्ष 2009 में फरीदकोट संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा। कुलजीत सिंह नागरा - फतेहगढ़ साहिब से विधायक हैं। नागरा राहुल गांधी के बेहद करीबी माने जाते हैं। उन्होंने राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद कांग्रेस सचिव पद से इस्तीफा दे दिया था। पवन गोयल - फरीदकोट जिला योजना बोर्ड के चेयरमैन हैं। गोयल पंजाब सरकार के पूर्व खाद्य आपूर्ति मंत्री लाला भगवान दास गोयल के बेटे हैं। यह भी कैप्टन के काफी करीबी हैं। बाजवा ने दिल्ली में 9 सांसदों संग बैठक की दिल्ली में राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा के घर मनीष तिवारी के अलावा शमशेर सिंह दुलो, रवनीत सिंह बिट्टू, गुरजीत सिंह औजला, जसबीर सिंह गिल, चौधरी संतोख सिंह, मोहम्मद सिद्दीकी शामिल हुए। वहां सांसदों ने बैठक में सिद्धू को चुनौती देने की रणनीति बनाई है। बैठक में तय हुआ है कि सभी सांसद जल्द ही सोनिया गांधी से मिलने का समय मांगेंगे और अपनी बात रखेंगे। बैठक में मुख्यमंत्री की सांसद पत्नी परनीत कौर भी मौजूद थीं। बैठक के मेजबान बाजवा का कहना है, हम हाईकमान के फैसले के साथ हैं, कोई उसे चुनौती नहीं दे रहा। नवजोत सिंह सिद्धू सोनिया गांधी से मिले थे। उसके बाद मुझसे भी मुलाकात की थी। उनका कहना है कि उनके घर पर हुई सांसदों की बैठक में किसान आंदोलन, महंगाई जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। विस्तार कांग्रेस नेतृत्व ने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब का प्रदेश अध्यक्ष बनाने के अपने फैसले पर रविवार देर रात मुहर लगा दी। हालांकि नवजोत के साथ नेतृत्व ने कैप्टन को खुश रखने और जातीय समीकरण का संतुलन बैठाने के लिए उनके चार समर्थकों संगत सिंह गिलजियन, सुखविंदर सिंह डैनी, पवन गोयल और कुलजीत सिंह नागरा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है। इनमें नागरा अभी तक सिक्किम, नागालैंड और त्रिपुरा के प्रभारी थे। उनसे ये जिम्मेदारी वापस ले ली गई है। इससे पहले रविवार को दोनों पक्ष दिनभर अपने पक्ष में माहौल बनाने में जुटे रहे। विज्ञापन सोनिया गांधी से मिलने के बाद नवजोत सिद्धू ने भी पार्टी के पूर्व अध्यक्षों, विधायकों से संपर्क कर अपने पक्ष में करने का प्रयास शुरू कर दिया था। उनको प्रदेश अध्यक्ष बनाने के फार्मूले पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखकर विरोध जताया था। शनिवार को सोनिया के दूत के रूप में प्रभारी हरीश रावत के चंडीगढ़ पहुंचने के बाद अमरिंदर के रुख में तो बदलाव दिखा और नेतृत्व का फैसला मानने को तैयार हुए लेकिन अंदर खाने अमरिंदर समर्थक और सिद्धू को पसंद न करने वाले एक मंच पर नेतृत्व को फैसला बदलने का संदेश देते दिखे। पंजाब कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्षों का परिचय संगत सिंह हरनाम सिंह गिलजियान- मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पुराने विश्वासपात्र हैं। संगत सिंह ने 2017 में टांडा उड़मुड़ (होशियारपुर) से जीत हासिल की थी। वह साफ और स्वच्छ छवि के नेता माने जाते हैं। सुखविंदर सिंह डैनी - अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग में अच्छी पैठ मानी जाती है। 2017 में पहली बार पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए। वर्ष 2009 में फरीदकोट संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा। कुलजीत सिंह नागरा - फतेहगढ़ साहिब से विधायक हैं। नागरा राहुल गांधी के बेहद करीबी माने जाते हैं। उन्होंने राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद कांग्रेस सचिव पद से इस्तीफा दे दिया था। पवन गोयल - फरीदकोट जिला योजना बोर्ड के चेयरमैन हैं। गोयल पंजाब सरकार के पूर्व खाद्य आपूर्ति मंत्री लाला भगवान दास गोयल के बेटे हैं। यह भी कैप्टन के काफी करीबी हैं। बाजवा ने दिल्ली में 9 सांसदों संग बैठक की दिल्ली में राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा के घर मनीष तिवारी के अलावा शमशेर सिंह दुलो, रवनीत सिंह बिट्टू, गुरजीत सिंह औजला, जसबीर सिंह गिल, चौधरी संतोख सिंह, मोहम्मद सिद्दीकी शामिल हुए। वहां सांसदों ने बैठक में सिद्धू को चुनौती देने की रणनीति बनाई है। बैठक में तय हुआ है कि सभी सांसद जल्द ही सोनिया गांधी से मिलने का समय मांगेंगे और अपनी बात रखेंगे। बैठक में मुख्यमंत्री की सांसद पत्नी परनीत कौर भी मौजूद थीं। बैठक के मेजबान बाजवा का कहना है, हम हाईकमान के फैसले के साथ हैं, कोई उसे चुनौती नहीं दे रहा। नवजोत सिंह सिद्धू सोनिया गांधी से मिले थे। उसके बाद मुझसे भी मुलाकात की थी। उनका कहना है कि उनके घर पर हुई सांसदों की बैठक में किसान आंदोलन, महंगाई जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है। खबरों को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें। खबर में दी गई जानकारी और सूचना से आप संतुष्ट हैं? हां