I am Not part of such circus Kolkata High Court Judge rebuke

I am Not part of such circus Kolkata High Court Judge rebukes officials after glitches in virtual hearing - 'मैं ऐसे सर्कस का हिस्सा नहीं': वर्चुअल सुनवाई में आई बाधा तो जज ने HC के अफसरों को लगाई फटकार


हिंदी न्यूज़   ›   पश्चिम बंगाल  â€º  'मैं ऐसे सर्कस का हिस्सा नहीं': वर्चुअल सुनवाई में आई बाधा तो जज ने HC के अफसरों को लगाई फटकार
'मैं ऐसे सर्कस का हिस्सा नहीं': वर्चुअल सुनवाई में आई बाधा तो जज ने HC के अफसरों को लगाई फटकार
हिन्दुस्तान टाइम्स,कोलकाताPublished By: Shankar Pandit
Sat, 17 Jul 2021 08:30 AM
पश्चिम बंगाल में एक केस की वर्चुअल सुनवाई के दौरान तकनीकी गड़बड़ी की वजह से एक जज इतने नाराज हुए कि न सिर्फ उन्होंने अधिकारियों को खूब फटकार लगाई, बल्कि कारण बताओ नोटिस तक जारी कर दिया। कलकत्ता उच्च न्यायालय के जज सब्यसाची भट्टाचार्य ने शुक्रवार को तकनीकी गड़बड़ियों की वजह से वर्चुअल सुनवाई बाधित होने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और वर्चुअल सुनवाई वाले सेटअप के प्रभारी परियोजना समन्वयक ( सेंट्रल प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर) को नोटिस जारी किया। नोटिस में यह पूछा गया कि प्रशासनिक पक्ष को लेकर प्रोजेक्ट के समन्वयक और हाईकोर्ट के अधिकारियों के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही क्यों नहीं की जानी चाहिए। 
न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य ने कहा कि तकनीकी गड़बड़ियां अब रोज का किस्सा हो गईं हैं और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह अदालत उचित रूप से न्याय सुनिश्चित करने के लिए न्यूनतम आभासी सेवाएं और कनेक्टिविटी प्रदान करने में भी असमर्थ है। जज ने केंद्रीय परियोजना समन्वयक को शुक्रवार को दोपहर 3 बजे तक अपना जवाब उनके कक्ष में भेजने का आदेश दिया था, क्योंकि अदालत तब तक बैठने में असमर्थ थी जब तक कि कनेक्टिविटी के मुद्दे पूरी तरह से हल नहीं हो जाते।
न्यायमूर्ति भट्टाचार्य ने अपने आदेश में कहा कि यह यहां रिकॉर्ड भी किया जा सकता है कि तकनीकी गड़बड़ी एक डेली की रूटीन बन गई है और मुझे शर्म आती है कि हमारे सम्मानित उच्च न्यायालय, जिसका एक शानदार इतिहास है, को इस तरह से महत्वहीन किया जा रहा है कि हम केवल कनेक्टिविटी मुद्दों के कारण बड़े पैमाने पर वादियों को न्याय नहीं दे सकते हैं। जज ने आगे कहा कि मैं स्पष्ट रूप से इस तरह के सर्कस का हिस्सा बनने से इनकार करता हूं, क्योंकि मैंने उन वादियों को न्याय देने की शपथ ली है, जो अदालत कक्षों के बाहर हैं, न्यायाधीशों के लिए बने वातानुकूलित (एसी) कमरों की पहुंच से बाहर हैं और धूप व धूल में बाहर मेहनत कर रहे हैं। 
उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से इस अदालत के एक हिस्से के रूप में खुद को दोषी महसूस करता हूं, क्योंकि अदालतों के कामकाज में व्यवधान और हस्तक्षेप, चाहे वह किसी भी रूप में हो, आपराधिक अवमानना के बराबर हो सकता है। मैं इस अदालत को सजाने वाले न्यायाधीशों के शोकेस के एक हिस्से के रूप में ऐसे कार्य का एक पक्ष हूं। इसमें चीफ जस्टिस भी शामिल हैं। उन्होंने अपने आदेश में इस बात को रेखांकित करते हुए कहा कि उन्होंने बार-बार इस प्रोजेक्ट में हो रही समस्याओं को लेकर आगाह किया।
आदेश में कहा गया है कि सेंट्रल प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर को लिखित में कारण बताने का निर्देश दिया जाता है कि प्रत्येक मामले में अदालत में वर्चुअल सुनवाई में निरंतर हस्तक्षेप की वजह से बाधा पहुंचने के कारण सेंट्रल प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर सहित उच्च न्यायालय प्रशासन, विशेष रूप से रजिस्ट्रार जनरल के खिलाफ कार्यवाही क्यों न की जाए। आदेश में कहा गया है कि उस व्यवस्था पर धिक्कार है जो अपने नागरिकों को न्याय नहीं दिला सकती। इसलिए यह अदालत तब तक बैठने में असमर्थ है जब तक कि कनेक्टिविटी के मुद्दे पूरी तरह से हल नहीं हो जाते। आभासी सेवाओं में बड़े व्यवधानों के कारण वकीलों के साथ वर्चुअल सुनवाई के दौरान अदालत में बैठना और डम्ब कार्ड्स खेलना अब एक मजाक बन गया है और यह मामलों के निर्णय के समान नहीं है, बल्कि जनता के सामने मात्र सर्कस दिखाने के समान है।
न्यायमूर्ति भट्टाचार्य ने यह भी कहा कि उनके आदेश की एक प्रति कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश और उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को भेजी जाए। उन्होंने कहा कि मैं उच्च न्यायालय प्रशासन को कनेक्टिविटी में दोषों को सुधारने के लिए एक अंतिम मौका देने के लिए अवमानना का नियम जारी करने से रोकता हूं। इसके बाद सुनवाई को प्राथमिकता के आधार पर शनिवार के लिए बाधित कर दिया गया।
इस आर्टिकल को शेयर करें
अगला लेख
अगला लेख

Related Keywords

Calcutta , West Bengal , India , Sabyasachi Bhattacharya , Justice Sabyasachi Bhattacharya , Justice Bhattacharya , It Court , High Court , Central Project Coordinator , கால்குட்டா , மேற்கு பெங்கல் , இந்தியா , சபியசச்சி பட்டாச்சார்யா , நீதி சபியசச்சி பட்டாச்சார்யா , நீதி பட்டாச்சார்யா , அது நீதிமன்றம் , உயர் நீதிமன்றம் , மைய ப்ராஜெக்ட் ஒருங்கிணைப்பாளர் ,

© 2025 Vimarsana