swaminomics, indians must cheer with the huge success of zomato ipo, know why Swaminomics: जोमैटो का IPO हिट होने का क्यों मनाना चाहिए जश्न? Authored by Swaminathan S Anklesaria Aiyar | टाइम्सऑफइंडिया.कॉम | Updated: 18 Jul 2021, 10:01:00 AM Subscribe क्रेडिट सुइस का अनुमान है कि भारत में 100 यूनिकॉर्न (Unicorn) हैं। 2021 में, अतिरिक्त 16 स्टार्ट-अप यूनिकॉर्न बन गए हैं। 2019 में दस नए यूनिकॉर्न बने, 2020 में 13 (कोविड के बावजूद), और 2021 में अब तक एक महीने में लगभग 3 यूनिकॉर्न क्रिएट हुए हैं।
हाइलाइट्स पहले कंपनियां धीरे-धीरे बढ़ती थीं। बैंक छोटे न्यूकमर्स को ऋण देने से हिचकते थे। कभी ऐसा भी वक्त था जब केवल वही लोग बड़ी कंपनियां खड़ी कर पाते थे, जिनके पास अधिक धन था। अब ऐसे युवा जिनके पास पैसे नहीं हैं लेकिन इनोवेटिव आइडियाज हैं, उनके पास सबसे ज्यादा ताकत है। नई दिल्ली यूनिकॉर्न (Unicorn) यानी एक अरब डॉलर या उससे अधिक मूल्य के गैर-सूचीबद्ध स्टार्ट-अप (Unlisted Startups) की संख्या तेजी से बढ़ रही है और वे बाजार में आ रहे हैं। भारत की सबसे बड़ी फूड डिलीवरी सर्विस कंपनी Zomato अभी-अभी आईपीओ लेकर आई है और यह बड़े पैमाने पर ओवरसब्सक्राइब हुआ। इश्यू प्राइस से कंपनी को प्राप्त हुई वैल्यू 8 अरब डॉलर (60,000 करोड़ रुपये) आंकी गई और ट्रेडिंग शुरू होने पर कीमत कहीं ज्यादा बढ़ जाएगी। यह Zomato को पुराने जमाने के बिजनेस दिग्गजों से कहीं बड़ा बना देगा। फिर भी यह जल्द ही बौना हो जाएगा, जब पेटीएम अपना आईपीओ लाएगी। पेटीएम की मार्केट वैल्यू 25 अरब डॉलर आंकी गई है। क्रेडिट सुइस का अनुमान है कि भारत में 100 यूनिकॉर्न हैं। 2021 में, अतिरिक्त 16 स्टार्ट-अप यूनिकॉर्न बन गए हैं। 2019 में दस नए यूनिकॉर्न बने, 2020 में 13 (कोविड के बावजूद), और 2021 में अब तक एक महीने में लगभग 3 यूनिकॉर्न क्रिएट हुए हैं। व्यवसायों का एक नया वर्ग आ रहा है सामने 30 साल के आर्थिक सुधार का जश्न मनाने वाले भारतीयों को इस उल्लेखनीय परिणाम की खुशी मनानी चाहिए। यह व्यवसायों के एक नए वर्ग को दर्शाता है, जिसके पास विरासत में मिली बड़ी संपत्ति नहीं है, राजनीतिक और सामाजिक अभिजात वर्ग से संबंध नहीं हैं, माफिया व भ्रष्ट राजनेताओं के साथ संदिग्ध संबंध नहीं हैं, या वित्त मंत्रालय या पीएमओ से टेलीफोन कॉल के आधार पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से ऋण पर निर्भरता नहीं है। ये उदारीकरण की संतान हैं, अमीरों की नहीं। इससे पहले, उदारीकरण से पैदा हुए नए सितारे इन्फोसिस, फार्मा (सन फार्मा) और ऑटो सहायक (मदरसन सुमी) के नेतृत्व वाली आईटी कंपनियां थीं। इन्हें अरबों डॉलर की वैल्युएशन तक पहुंचने में दशकों की लाभप्रदता लग गई। यूनिकॉर्न ने ऐसा कुछ वर्षों में ही कर डाला। कई पुराने यूनिकॉर्न अब घरेलू नाम बन चुके हैं, जैसे फ्लिपकार्ट (जो अब वॉलमार्ट की है), ओला कैब्स (राइड शेयरिंग) और बायजू (शिक्षा)। 2021 में यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हुए नए नाम 2021 में यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हुए नए नामों में क्रेड (फिनटेक में), शेयरचैट (सोशल मीडिया, मुख्य रूप से क्षेत्रीय भाषाएं), डिजिट (बीमा), ग्रो (वेल्थ मैनेजमेंट), GupShup (मैसेजिंग), Meesho (सोशल कॉमर्स), PharmEasy (ई-फार्मेसी), Innovaccer (स्वास्थ्य देखभाल), Infra.Market (रियल एस्टेट के लिए मैटेरियल और लॉजिस्टिक्स), चार्जबी (ऑटोमेटेड सब्सक्रिप्शन बिलिंग और भुगतान), अर्बन कंपनी (होम मेंटेनेंस और ऑल्टरेशन), मोग्लिक्स (औद्योगिक उपकरण), माइंडटिकल (एक सेवा के रूप में सॉफ्टवेयर), फर्स्टक्राई (ईकॉमर्स), जेटा (फिनटेक) और ब्राउजरस्टैक (एक सेवा के रूप में सॉफ्टवेयर) शामिल हैं। ये एक विशाल रेंज को कवर करते हैं। यूनिकॉर्न: विरासत में मिली संपत्ति नहीं, प्रतिभा और इनोवेशन रखती है मायने यूनिकॉर्न पूंजीवाद में एक वास्तविक क्रांति का प्रतिनिधित्व करते हैं, जहां विरासत में मिली संपत्ति नहीं बल्कि प्रतिभा और इनोवेशन मायने रखते हैं। दुनिया भर में अरबों रुपये ऐसे युवाओं के पास जा रहे हैं, जिनका कोई व्यावसायिक इतिहास नहीं है लेकिन उनके आइडिया भरोसा पैदा करने वाले हैं। पहले कंपनियां धीरे-धीरे बढ़ती थीं। बैंक छोटे न्यूकमर्स को ऋण देने से हिचकते थे। लाइसेंस-परमिट राज के दौरान कई परमिट और मंजूरी प्राप्त करना नए लोगों की तुलना में अच्छी तरह से जुड़े बड़े व्यवसायों के लिए बहुत आसान था। मुनाफे के स्थापित ट्रैक रिकॉर्ड वाली कंपनियां ही शेयर बाजारों के माध्यम से पैसा जुटा सकती थीं। कब बदले हालात लेकिन 1990 के दशक के उत्तरार्ध में परिवर्तन आया। डॉट-कॉम बुलबुले में विश्व स्तर पर न्यूकमर्स में वृद्धि दर्ज की गई। निवेशकों ने इंटरनेट के जरिए पैदा हुई नई कंपनियों में अरबों का निवेश किया। डॉटकॉम कंपनियों के शेयर की कीमतें इस उम्मीद के साथ आसमान छू रही थीं कि वे बहुत तेजी से विस्तार कर सकती हैं। इसलिए निवेशक का जोर मौजूदा मुनाफे से हटकर ऐसी कंपनियों पर चला गया, जिसमें भारी नुकसान तो हुआ लेकिन लंबे समय में बड़े पैमाने पर धन सृजन की संभावनाएं भी थीं। 2001 में फूटा डॉट-कॉम का बुलबुला 2001 में डॉट-कॉम का बुलबुला फूटा। सैकड़ों कंपनियां धराशायी हो गईं और कई निवेशकों को झटका लगा। लेकिन कुछ तकनीकी कंपनियां बच गईं जैसे Google, फेसबुक और ऐमजॉन। आगे चलकर ये दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक बन गईं, जिन्होंने एक्सॉन और जनरल मोटर्स जैसी पारंपरिक दिग्गजों पर ग्रहण लगा दिया। इसने पूरे पूंजीवादी मॉडल में परिवर्तन को प्रेरित किया। कभी ऐसा भी वक्त था जब केवल वही लोग बड़ी कंपनियां खड़ी कर पाते थे, जिनके पास अधिक धन था। अब ऐसे युवा जिनके पास पैसे नहीं हैं लेकिन इनोवेटिव आइडियाज हैं, उनके पास सबसे ज्यादा ताकत है। अमीर लोग अपना लाखों का धन युवाओं में निवेश करने के लिए तैयार हैं। उनका मानना है कि खुद से नया व्यवसाय शुरू करने में लाखों लगाने से अच्छा है कि टैलेंटेड और इनोवेटिव आइडियाज वाले युवाओं पर इसे खर्च किया जाए। बेहतर रिटर्न की तलाश में वैश्विक धन विकासशील देशों में आने लगा है, जहां उच्च जोखिम तो है लेकिन साथ ही उच्च रिटर्न भी है। और बहुत कुछ स्टार्ट-अप में भी निवेशित किया जा रहा है जो भविष्य के Amazons और Googles हो सकते हैं। एक साथ कई इनोवेटिव स्टार्टअप हो सकते हैं फेल डॉटकॉम के अनुभव से पता चला है कि इनोवेटिव स्टार्ट-अप की विशाल संख्या बेकार भी हो सकता है। तो क्या? कुशल वेल्थ मैनेजर- म्यूचुअल फंड, उद्यम पूंजीपति और निजी इक्विटी विशेषज्ञ दर्जनों या सैकड़ों नए लोगों पर अपना दांव लगाकर जोखिम का प्रबंधन करते हैं। अगर एक या दो न्यूकमर्स भी यूनिकॉर्न बन गए तो ये वेल्थ मैनेजर पैसा कमा लेंगे। अर्थशास्त्री पॉल क्रुगमैन ने एक बार कहा था कि लंबे समय में उत्पादकता ही सब कुछ नहीं है, बल्कि लगभग सब कुछ है। उच्च उत्पादकता के लिए धन की आवश्यकता होती है, जो सबसे प्रतिभाशाली के पास जाता है न कि सबसे अमीर माता-पिता की औलादों के पास। पारंपरिक पूंजीवाद सबसे प्रतिभाशाली लोगों के लिए धन का प्रवाह करने में बहुत अच्छा नहीं था। यह यूनिकॉर्न के उदय के साथ बदल रहा है। यह भविष्य के लिए शुभ संकेत देता है। Business Idea: 'कड़कनाथ' मुर्गे से होगी कड़क कमाई, धोनी भी कर रहे हैं ये बिजनस Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुक पेज लाइक करें कॉमेंट लिखें इन टॉपिक्स पर और पढ़ें