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toxic vegetables in lucknow: जहरीली सब्जियों से हो सकता कैंसर: toxic vegetables dangerous for health


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Toxic Vegetables: लखनऊ के हर कोने में बिक रहीं 'जहरीली सब्जियां', रिसर्च में कई गुना मिला लेड-कैडमियम का स्तर
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राम शंकर | नवभारत टाइम्स | Updated: 10 Jul 2021, 09:41:00 AM
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Lucknow News: यदि आप भी जहरीली सब्जियां खा रहे हैं तो तुरंत सावधान हो जाएं। सब्जियों में 'कार्सिनोजेनिक' पदार्थों की मौजूदगी इस्तेमाल सेहत के लिए बेहद नुकसानदेह है।
 
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हाइलाइट्स:
ताजा शोध में दावा किया गया है कि कई लोग 'जहरीली' सब्जियों के कारण कैंसर की चपेट में आ रहे हैं
इस शोध में कई सब्जियों में कार्सिनोजेनिक यानी कैंसरकारक पदार्थ की मात्रा सामान्य स्तर से कई गुना मिली
पुदीना और हरी मिर्च में भी निकिल, क्रोमियम और कैडमियम की मात्रा कई गुना मिली, जो बेहद नुकसानदेह है
सैयद अब्बास रिजवी, लखनऊ
करीब दो साल पहले यूपी की राजधानी लखनऊ में केजीएमयू के डॉक्टरों ने दावा किया था कि 10 फीसदी मरीज तंबाकू नहीं, बल्कि 'जहरीली' सब्जियों के कारण कैंसर की चपेट में आ रहे हैं। अब बीबीएयू में हुए एक शोध ने इस दावे को और पुष्ट कर दिया है।
इस शोध में शहर में हर कोने में बिक रही कई सब्जियों में कार्सिनोजेनिक यानी कैंसरकारक पदार्थ की मात्रा सामान्य स्तर से कई गुना मिली है। कई सब्जियों में लेड स्वीकृत स्तर से 50 गुना मिला है। यहां तक कि पुदीना और हरी मिर्च में भी निकिल, क्रोमियम और कैडमियम की मात्रा कई गुना मिली है, जो लोगों की सेहत के लिए बेहद नुकसानदेह है।
29 लाख लोगों पर असर
बीबीएयू के पर्यावरण विज्ञान विभाग डीन डॉ. राणा प्रताप सिंह और शोध छात्र प्रदीप कुमार ने शहर में बिक रहीं सब्जियों में खतरनाक रसायनों पर शोध किया है। इससे जुड़ा शोधपत्र इंटरनैशनल जर्नल ऑफ इन्वॉयरमेंट रिसर्च (आईजीईआर) में सात जुलाई को ही प्रकाशित हुआ है।
डॉ. राणा प्रताप सिंह ने बताया कि शोध के लिए मंडियों से आठ सब्जियों 294 नमूने लिए गए। फिर लैब में इनकी जांच की गई। स्टडी में दावा किया गया है कि 'जहरीली' सब्जियों के कारण सिर्फ राजधानी में 29 लाख लोग प्रभावित हो रहे हैं।
कमजोर हो सकती है इम्युनिटी
डॉ. राणा प्रताप सिंह ने बताया कि शरीर में ज्यादा लेड पहुंचने से हार्ट अटैक, कैंसर, दिमाग पर असर और किडनी फेल्योर के खतरे के साथ इम्युनिटी सिस्टम कमजोर हो सकता है। इसी तरह जिंक और कॉपर की ज्यादा मात्रा लेने से पाचन क्रिया खराब करने के अलावा हड्डियों को कमजोर हो जाती हैं। कैडमियम की मात्रा बढ़ने पर गैस सबंधित शिकायत बढ़ सकती हैं।
किसानों को जागरूक करने की जरूरत
शोधार्थी प्रदीप कुमार ने बताया कि सब्जियों में 'कार्सिनोजेनिक' पदार्थों की मौजूदगी इस्तेमाल सेहत के लिए बेहद नुकसानदेह है। इस शोध के बाद सब्जियों के उत्पादन के तौर-तरीकों, भंडारण के बारे में किसानों को जागरूक करने की जरूरत है।
दो बार की जांच
अगस्त से सितंबर 2018 और मार्च से जून 2019 के दौरान सब्जियों के सैंपल लिए गए।
8 सब्जियों के सैंपल लिए
पालक, टमाटर, चुकंदर, करेला, फूलगोभी, पत्तागोभी, पुदीना और हरी मिर्च।
294 सैंपल लिए
भूतनाथ, मोहनलालगंज, साउथ सिटी, दुबग्गा मंडी के साथ अलग-अलग कॉलोनियों में दुकानों से भी सब्जियां ली गईं।
ऐसे की गई जांच
सब्जी धोकर सुखाई। छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर हॉट एअर ओवन में दोबारा सुखाया। फिर मिक्सी में पीस कर पाउडर बनाया। इसमें 15 मिली एक्वा मिक्सर डाला। एक्वा मिक्सर में 2:1 के अनुपात में नाइट्रिक एसिड और परफ्लोरिक एसिड था। फिर हॉट प्लेट पर 80 डिग्री तापमान पर गर्म किया। साफ सोल्यूशन मिलने पर ठंडा कर 15 मिली पानी मिलाया। इसके बाद इंडक्टिव कपल प्लाजमा ऑप्टिकल इमिशन एस्पेक्ट्रोस्कोपी (आईसीपीओईएस) से जांच की।
सब्जियों में लेड-कैडमियम कई गुना
धातु---मौजूद स्तर---स्वीकृत स्तर* (माइक्रोग्राम/ग्राम में)
लेड---0.2 से 25---0.1
कोबाल्ट---0.16 से 1.70---0.5
तांबा---3.19 से 23.99---40
निकल---3.57 से 23.29---10
आयरन---153.48 से 2817.5---425
मैंगनीज---4.50 से 214.26---500
* इन्वायरमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी के तहत सब्जियों में धातु का स्वीकृत स्तर
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