Jagannath Rath Yatra| 12 जुलाई

Jagannath Rath Yatra| 12 जुलाई को कर्फ्यू के साये में निकलेगी जगन्नाथ रथ यात्रा


Last Updated:
शनिवार, 10 जुलाई 2021 (14:03 IST)
पुरी। विश्वप्रसिद्ध पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा 12 जुलाई से प्रारंभ होने जा रही है लेकिन विभिन्न सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि इस बार यह यात्रा कर्फ्यू के साए में संपन्न होगी। बताया जा रहा है कि पिछले साल की तरह इस साल भी यात्रा सांकेतिक रूप से होगी जिसमें सिर्फ वही पुजारी शामिल होंगे जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। साथ ही कोविड प्रोटोकॉल और गाइडलाइन का पूरा पालन किया जाएगा।
12 जुलाई को भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्र के साथ रथ पर विराजमान होकर गुंडिचादेवी के मंदिर तक की यात्रा करेंगे। ऐसे में पुरी शहर में सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से मजूबत कर दिया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रविवार रात से मंगलवार रात तक शहर में कर्फ्यू लगाया जाएगा, ऐसे में आज सुबह से ही पुरी शहर के होटल, लाज, धर्मशाला, गेस्ट हाउस आदि की जांच करते हुए उन्हें खाली करा दिया गया है।
हालांकि पुरी शहर में कर्फ्यू के दौरान इमरजेंसी सुविधाएं जैसे मेडिकल दुकान आदि खुली रहेंगी। पुरी शहर में आने वाले लोगों को बल पूर्वक रोकने के लिए सभी प्रवेश मार्ग को सील कर दिया गया है। इसके साथ ही सभी प्रमुख जगहों पर चेकिंग प्वांइट की व्यवस्था भी की गई है। रथयात्रा के लिए 70 प्लाटून पुलिस बल तैनात किया गया है जो यात्रा पर नजर रखेगा।
उल्लेखनीय है कि ‘कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट’ के बढ़ते प्रकोप के चलते सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोविड 19 की वजह से इस यात्रा को पूरे राज्य में निकालना संभव नहीं है। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य मालूम हो कि राज्य सरकार ने भी पूरे राज्य में ‘रथयात्रा’ को निकालने पर पाबंदी लगाई थी लेकिन कुछ लोग सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए, इन लोगों की मांग थी कि बारीपदा, सासांग और ओडिशा में रथयात्रा को निकालने की मंजूरी दी जाए लेकिन कोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
- एजेंसी
सम्बंधित जानकारी

Related Keywords

Orissa , India , , Puri Citya Hotel , Puri Jagannath , God Jagannath Her , Puri City , Guest House , Emergency Utilities , ஓரிஸ்ஸ , இந்தியா , பூரி ஜெகந்நாத் , பூரி நகரம் , விருந்தினர் வீடு ,

© 2025 Vimarsana