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6 senior ips officers transferred in uttar pradesh four dg and two adg rank officers included up news acy | UP में फिर दौड़ी तबादला एक्सप्रेस, DG और ADG रैंक के अधिकारियों का ट्रांसफर, जानें कौन कहां गए?

6 senior ips officers transferred in uttar pradesh four dg and two adg rank officers included up newेs यूपी में 6 सीनियर आईपीएस अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया है. इसमें 4 डीजी और दो एडीजी रैंक के अधिकारी शामिल हैं. | उत्तर प्रदेश में बुधवार देर रात 6 वरिष्ठ आईपीएस अफसरों का तबादला कर दिया गया. मानवाधिकार में डीजी गोपाल लाल मीणा (DG Gopal Lal Meena) को सीबीसीआईडी(CBCID) का डीजी बनाया गया है. अभी तक यह काम विजिलेंस के डीजी पीवी रामा शास्त्री (PV Rama Shastri) देख रहे थे. जिन अफसरों का तबादला किया गया है, उसमें चार डीजी रैंक के और दो एडीजी रैंक के हैं.

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Bjp's Leaders Are Also Challenging Party In Zila Panchayat Chief Election. - जिपं अध्यक्ष चुनाव: विरोधियों के साथ असंतुष्ट भी दे रहे भाजपा को चुनौती, कई जिलों में टिकट न मिलने से नाराज हैं नेता

भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बने जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में कई चुनौतियां भी हैं। विपक्ष की लामबंदी तो है ही, साथ में टिकट न मिलने से नाराज असंतुष्ट भी चुनौती खड़ी करेंगे।

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Genome Sequencing Starts In Kgmu. - केजीएमयू: डेल्टा प्लस का पता लगाने को जीनोम सिक्वेंसिंग शुरू, पहले दिन हुई 100 सैंपल की जांच


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उत्तर प्रदेश में कोविड 19 के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस की आशंका को देखते हुए केजीएमयू में जीनोम सिक्वेंसिंग शुरू कर दी गई है। जबकि वाराणसी और गौतमबुद्ध नगर में इसके लिए तैयारी चल रही है।
प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में डेल्टा प्लस के मरीज मिलने के बाद यहां भी अलर्ट कर दिया गया है। दूसरे प्रदेश से आने वाले मरीजों की जांच की जा रही है। यह भी निर्देश दिया गया कि किसी भी मरीज के पॉजिटिव आने पर उसके संपर्क में आने वाले सभी लोगों का कोविड टेस्ट कराया जाए।
इसी तरह दूसरे प्रदेश से सटे जिलों में जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जानी है। डेल्टा प्लस का पता लगाने के लिए शनिवार को केजीएमयू में जीनोम सिक्वेंसिंग की लैब शुरू की गई है। पहले दिन 100 सैंपल की जांच की गई। यहां प्रतिदिन सैंपल की संख्या बढ़ाई जाएगी।
इसी तरह मुख्यमंत्री ने वाराणसी और गौतमबुद्ध नगर के चिकित्सा संस्थानों में जीनोम सिक्वेंसिंग जल्द शुरू करने के निर्देश दिए हैं। वहां सोमवार से शुरू होने की उम्मीद है। अन्य चिकित्सा संस्थानों में भी ऐसी सुविधाएं विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं। निजी चिकित्सा संस्थानों में भी जीनोम से जुड़ी जांच सुविधा बढ़ाने में सहयोग लेने की तैयारी है।
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उत्तर प्रदेश में कोविड 19 के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस की आशंका को देखते हुए केजीएमयू में जीनोम सिक्वेंसिंग शुरू कर दी गई है। जबकि वाराणसी और गौतमबुद्ध नगर में इसके लिए तैयारी चल रही है।
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प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में डेल्टा प्लस के मरीज मिलने के बाद यहां भी अलर्ट कर दिया गया है। दूसरे प्रदेश से आने वाले मरीजों की जांच की जा रही है। यह भी निर्देश दिया गया कि किसी भी मरीज के पॉजिटिव आने पर उसके संपर्क में आने वाले सभी लोगों का कोविड टेस्ट कराया जाए।
इसी तरह दूसरे प्रदेश से सटे जिलों में जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जानी है। डेल्टा प्लस का पता लगाने के लिए शनिवार को केजीएमयू में जीनोम सिक्वेंसिंग की लैब शुरू की गई है। पहले दिन 100 सैंपल की जांच की गई। यहां प्रतिदिन सैंपल की संख्या बढ़ाई जाएगी।
इसी तरह मुख्यमंत्री ने वाराणसी और गौतमबुद्ध नगर के चिकित्सा संस्थानों में जीनोम सिक्वेंसिंग जल्द शुरू करने के निर्देश दिए हैं। वहां सोमवार से शुरू होने की उम्मीद है। अन्य चिकित्सा संस्थानों में भी ऐसी सुविधाएं विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं। निजी चिकित्सा संस्थानों में भी जीनोम से जुड़ी जांच सुविधा बढ़ाने में सहयोग लेने की तैयारी है।
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People Oppose Opening Of Nishad Party Office In Campus Of Residential Building. - लखनऊ: निषाद पार्टी के अध्यक्ष की दादागिरी, आवासीय बिल्डिंग में विरोध के बावजूद पार्टी कार्यालय का उद्घाटन किया


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यूपी के चुनाव में भाजपा से खुद को उप मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाए जाने की मांग करने वाले निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने सोसाइटी के लोगों के विरोध के बावजूद लखनऊ के विभूतिखंड स्थित पार्श्वनाथ प्लेनेट बिल्डिंग के फ्लैट में पार्टी कार्यालय का उद्घाटन कर दिया।
बता दें कि ये आवासीय बिल्डिंग है जिसके कारण सोसाइटी के लोग यहां राजनीतिक पार्टी का कार्यालय खोले जाने का विरोध कर रहे हैं। इस दौरान सोसाइटी के लोगों व निषाद पार्टी के समर्थकों के बीच बहस भी हुई।
अपने समर्थकों के साथ पहुंचे संजय निषाद ने किसी की भी एक न सुनी और पार्टी कार्यालय का उद्घाटन कर दिया। इस पर नाराज लोगों ने उनके कार्यालय की बिजली व पानी का कनेक्शन काट दिया। वहीं, बिल्डिंग की महिलाओं ने निषाद के समर्थकों को पार्टी कार्यालय के बाहर निकाल दिया।
बता दें कि निषाद पार्टी प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी पार्टी है। वहीं, इसके अध्यक्ष संजय निषाद आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा से खुद को उप मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाए जाने की मांग को लेकर चर्चा में आ गए हैं। निषाद के समर्थकों ने लोगों की एक न सुनी और जमकर दादागिरी की।
सोसाइटी की महिलाओं से निषाद पार्टी के समर्थकों से बहस हुई और जब वो नहीं माने तो महिलाओं ने हाथ से हाथ जोड़कर एक घेरा बनाया और समर्थकों को आगे बढ़ने से रोका।
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यूपी के चुनाव में भाजपा से खुद को उप मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाए जाने की मांग करने वाले निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने सोसाइटी के लोगों के विरोध के बावजूद लखनऊ के विभूतिखंड स्थित पार्श्वनाथ प्लेनेट बिल्डिंग के फ्लैट में पार्टी कार्यालय का उद्घाटन कर दिया।
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बता दें कि ये आवासीय बिल्डिंग है जिसके कारण सोसाइटी के लोग यहां राजनीतिक पार्टी का कार्यालय खोले जाने का विरोध कर रहे हैं। इस दौरान सोसाइटी के लोगों व निषाद पार्टी के समर्थकों के बीच बहस भी हुई।
अपने समर्थकों के साथ पहुंचे संजय निषाद ने किसी की भी एक न सुनी और पार्टी कार्यालय का उद्घाटन कर दिया। इस पर नाराज लोगों ने उनके कार्यालय की बिजली व पानी का कनेक्शन काट दिया। वहीं, बिल्डिंग की महिलाओं ने निषाद के समर्थकों को पार्टी कार्यालय के बाहर निकाल दिया।
बता दें कि निषाद पार्टी प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी पार्टी है। वहीं, इसके अध्यक्ष संजय निषाद आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा से खुद को उप मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाए जाने की मांग को लेकर चर्चा में आ गए हैं। निषाद के समर्थकों ने लोगों की एक न सुनी और जमकर दादागिरी की।
सोसाइटी की महिलाओं ने किया विरोध, रास्ते में खड़ी हुईं
महिलाओं ने इस तरह से संजय निषाद समर्थकों को रोका।
- फोटो : अमर उजाला
सोसाइटी की महिलाओं से निषाद पार्टी के समर्थकों से बहस हुई और जब वो नहीं माने तो महिलाओं ने हाथ से हाथ जोड़कर एक घेरा बनाया और समर्थकों को आगे बढ़ने से रोका।
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Traffic Police Issued Diversion Plan For 28 And 29 June. - लखनऊ : राष्ट्रपति के आगमन पर बदली रहेगी यातायात व्यवस्था, ट्रैफिक पुलिस ने जारी किया डायवर्जन प्लान

राष्ट्रपति के 28 व 29 जून को लखनऊ भ्रमण एवं प्रवास के दौरान सुरक्षा के मद्देनजर यातायात पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्जन प्लान जारी किया है। इसके तहत छोटे-बड़े वाहनों के लिए यातायात पुलिस ने रूट डायवर्जन की व्यवस्था बनाई है।

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222 New Corona Cases Found In Uttar Pradesh. - यूपी: बीते 24 घंटे में 222 नए कोरोना संक्रमित मिले, प्रदेश में अब सक्रिय मरीजों की संख्या 3165


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प्रदेश में 222 नए मरीज मिले हैं और 169 डिस्चार्ज हुए। चार दिन बाद मृतकों का ग्राफ बढ़ता नजर आ रहा है। रविवार को 45 लोगों की मौत बताई जा रही है। एक्टिव केसों की संख्या 3165 है। प्रदेश में कोरोना वायरस का असर लगातार कम हो रहा है। बीते 24 घंटे में 2,77, 890 लोगों की जांच की गई। अब तक कुल 5 करोड़ 70 लाख से अधिक लोगों की जांच की जा चुकी है।
इसमें करीब 17 लाख पांच हजार 596 की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है। रविवार को 222 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसमें लखनऊ में 23, प्रयागराज में 11, वाराणसी में 15, मेरठ में नौ, मुजफ्फरनगर में 10, कानपुर नगर में 17 और गोंडा में 14 लोग शामिल हैं। अन्य जिलों में 10 से कम संक्रमित मिले हैं। वहीं दूसरी ओर प्रदेश के 22 जिलों में एक भी संक्रमित नहीं मिला।
बढ़ी चिंता : 45 लोगों गंवाई जान
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों में चार दिन बाद मौत का ग्राफ बढ़ता नजर आ रहा है। अब तक प्रदेश में 22518 लोगों की मौत हुई है। रविवार को 45 संक्रमितों ने दम तोड़ा है। इसमें लखनऊ में 6, प्रयागराज में 6, लखीमपुर में तीन, मथुरा में दो, कानपुर में पांच, शाहजहांपुर में चार, बाराबंकी में दो, कन्नौज में दो लोगों की मौत हुई है। अन्य जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है, जबकि 55 जिलों में किसी भी व्यक्ति ने जान नहीं गंवाई। 
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प्रदेश में 222 नए मरीज मिले हैं और 169 डिस्चार्ज हुए। चार दिन बाद मृतकों का ग्राफ बढ़ता नजर आ रहा है। रविवार को 45 लोगों की मौत बताई जा रही है। एक्टिव केसों की संख्या 3165 है। प्रदेश में कोरोना वायरस का असर लगातार कम हो रहा है। बीते 24 घंटे में 2,77, 890 लोगों की जांच की गई। अब तक कुल 5 करोड़ 70 लाख से अधिक लोगों की जांच की जा चुकी है।
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इसमें करीब 17 लाख पांच हजार 596 की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है। रविवार को 222 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसमें लखनऊ में 23, प्रयागराज में 11, वाराणसी में 15, मेरठ में नौ, मुजफ्फरनगर में 10, कानपुर नगर में 17 और गोंडा में 14 लोग शामिल हैं। अन्य जिलों में 10 से कम संक्रमित मिले हैं। वहीं दूसरी ओर प्रदेश के 22 जिलों में एक भी संक्रमित नहीं मिला।
बढ़ी चिंता : 45 लोगों गंवाई जान
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों में चार दिन बाद मौत का ग्राफ बढ़ता नजर आ रहा है। अब तक प्रदेश में 22518 लोगों की मौत हुई है। रविवार को 45 संक्रमितों ने दम तोड़ा है। इसमें लखनऊ में 6, प्रयागराज में 6, लखीमपुर में तीन, मथुरा में दो, कानपुर में पांच, शाहजहांपुर में चार, बाराबंकी में दो, कन्नौज में दो लोगों की मौत हुई है। अन्य जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है, जबकि 55 जिलों में किसी भी व्यक्ति ने जान नहीं गंवाई। 
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Pm Modi Discuss About The Development Vision Document Of Ayodhya. - Live अपडेट: प्रधानमंत्री मोदी आज देखेंगे अयोध्या के विकास का विजन डॉक्यूमेंट, मुख्यमंत्री योगी भी होंगे शामिल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में अयोध्या के विकास को लेकर बनाए गए विजन डॉक्युमेंट पर शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश के उप मुख्यमंत्रियों, कैबिनेट मंत्रियों व अफसरों के साथ समीक्षा बैठक हुई।

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A Car Fell Into A Pathole Filled With Water In Ambedkarnagar. - अंबेडकरनगर: अनियंत्रित होकर पानी से भरे गड्ढे में पलटी कार, लखनऊ से मऊ जा रहे थे सवार


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अंबेडकरनगर जिले के बसखारी थाना क्षेत्र में एक कार अनियंत्रित होकर पानी भरे गड्ढे में पलट गई। हादसे में कार सवार सात लोग घायल हो गए।
बताया जा रहा है कि सऊदी अरब से लखनऊ लौटे ये लोग कार से मऊ जा रहे थे। जानकारी के अनुसार मऊ जनपद निवासी कुछ लोग सऊदी अरब से शनिवार देर रात लखनऊ हवाई अड्डा पहुंचे थे और वहां से कार द्वारा घर जा रहे थे।
शनिवार सुबह करीब 6 बजे जब कार बसखारी थाना क्षेत्र के कौड़ाही पुलिया के पास पहुंची तभी चालक को झपकी आ गई। इससे अनियंत्रित होकर कार सड़क किनारे पानी भरे गड्ढे में जाकर पलट गई। स्थानीय लोगों ने यात्रियों को बाहर निकाला।
हादसे में घायल लोगों को सीएचसी बसखारी ले जाया गया। घायलों में एहसान, अबुल, नफीस और रिजवान आदि शामिल हैं।
विस्तार
अंबेडकरनगर जिले के बसखारी थाना क्षेत्र में एक कार अनियंत्रित होकर पानी भरे गड्ढे में पलट गई। हादसे में कार सवार सात लोग घायल हो गए।
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बताया जा रहा है कि सऊदी अरब से लखनऊ लौटे ये लोग कार से मऊ जा रहे थे। जानकारी के अनुसार मऊ जनपद निवासी कुछ लोग सऊदी अरब से शनिवार देर रात लखनऊ हवाई अड्डा पहुंचे थे और वहां से कार द्वारा घर जा रहे थे।
शनिवार सुबह करीब 6 बजे जब कार बसखारी थाना क्षेत्र के कौड़ाही पुलिया के पास पहुंची तभी चालक को झपकी आ गई। इससे अनियंत्रित होकर कार सड़क किनारे पानी भरे गड्ढे में जाकर पलट गई। स्थानीय लोगों ने यात्रियों को बाहर निकाला।
हादसे में घायल लोगों को सीएचसी बसखारी ले जाया गया। घायलों में एहसान, अबुल, नफीस और रिजवान आदि शामिल हैं।
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Fight Between Sp And Bjp In Zila Panchayat Chief Election 2021. - जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव: दबदबे के लिए भाजपा-सपा में जोर-आजमाइश, भाजपा के हर हथकंडे व रणनीति की परीक्षा


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जिला पंचायत चुनाव में दबदबा कायम करने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल सपा हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। सपा ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले अपने पक्ष में एकतरफा माहौल का संदेश देने के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में अधिकतम सीटें जीतने के लिए सारे हथकंडे अपनाए थे। 59 अध्यक्ष जिता भी लिए थे।
अब सत्ताधारी दल भाजपा भी उसी के नक्शे कदम पर उससे भी ज्यादा सीटें जीतने के लक्ष्य के साथ मैदान में है। इसके लिए सक्षम बागियों व विरोधियों को अपना बनाकर अध्यक्ष की संख्या बढ़ाने की तरकीब को आजमा रहा है।
सपा भी एक-एक सीट के लिए जोर-आजमाइश कर रही है, लेकिन प्रत्याशी चयन में कई जगह जिताऊ की जगह भरोसेमंद व टिकाऊ पर भरोसे की रणनीति भारी पड़ रही है। सपा की कई जिलों की आंतरिक खींचतान भी इस चुनाव में बाहर आ गई है। जबकि भाजपा स्थानीय खींचतान को काफी हद तक दबा ले गई है।
जानकार बताते हैं कि मुख्य रूप से प्रदेश में लड़ाई भाजपा और सपा के बीच है। पर, 50 से अधिक जिलों में सत्ताधारी दल भाजपा ने अध्यक्ष बनाने के लिए जरूरी वोटों का जुगाड़ कर लिया है। जिला पंचायत सदस्यों के प्रमाणपत्र बटोरने से लेकर उनकी रखवाली तक का इंतजाम हो गया है। पर, ये जतन कितने कारगर होते हैं, यह चुनाव नतीजे बताएंगे। वर्ष 2016 के जिपं अध्यक्ष चुनाव में 38 जिलों में निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए थे। इनमें तब के  सत्ताधारी दल सपा ने 36 सीटें जीती थीं। आज की सत्ताधारी दल की पहली परीक्षा यही है कि वह अपने कितने निर्विरोध अध्यक्ष जिता पाती है।
जिपं अध्यक्ष चुनाव एक बार फिर साबित करता नजर आ रहा है कि गिनती के वोटों में सांगठनिक कौशल के सामने छत्रपों की मठाधीशी ही कारगर होती है। संगठन की ताकत का डंका पीट रहे दल लगभग हर क्षेत्र के किसी न किसी रसूखदार छत्रप के सामने नतमस्तक की स्थिति में है। गोंडा, सिद्धार्थनगर, जौनपुर, प्रतापगढ़ से लेकर गोरखपुर तक यह देखा जा सकता है। हालात ये हैं कि तमाम छत्रपों ने पार्टियों को रणनीति में इस तरह उलझाया कि कई जिलों में चौंकाऊ व जेबी प्रत्याशी तक सामने आए हैं।
कैसे-कैसे समीकरण: जीत के लिए बसपा से जीते और बागी को अपनाया
- अंबेडकरनगर में भाजपा के दो सदस्य जीते थे। दो बागी जीते, जिन्हें मिला लिया गया। पर, 41 सदस्यों में जीत के लिए जरूरी संख्या का इंतजाम मुश्किल लगा तो बसपा के बागी को कुर्सी थमा दी। अब भाजपा के चार वोटों के साथ साधू वर्मा 11 सीट जीतने वाली सपा के अजीत यादव के सामने मजबूत दावेदार बनकर उभर आए हैं। यहां की लड़ाई में 20 निर्दल और बसपा के सदस्यों की अहम भूमिका रहने वाली है।
- संतकबीरनगर में बसपा के 5 जिला पंचायत सदस्य जीते थे। कृष्ण कुमार चौरसिया भी इनमें शामिल थे। भाजपा ने यहां की 30 सीटों में से 3 पर जीत दर्ज की थी। सपा के बागियों को जोड़ दें तो 12 सदस्य हैं। भाजपा ने यहां अपना अध्यक्ष बनाने के लिए कृष्ण कुमार को अपना प्रत्याशी बना दिया है। अब 14 निर्दल व बसपा के 4 अन्य अहम भूमिका निभाएंगे। सपा ने भी निर्दल जीते बलिराम यादव पर भरोसा किया है।
- गोरखपुर में पूर्व मंत्री फतेह बहादुर सिंह की पत्नी साधना सिंह भाजपा से हैं तो सपा ने आलोक गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है। यहां का समीकरण साधना के पक्ष में फिट बैठता बताया जा रहा है। सिद्धार्थनगर और बस्ती में भी समीकरण सत्ता पक्ष की ओर जाता नजर आ रहा है।
- देवरिया में भाजपा ने जिस-जिस को अध्यक्ष का चेहरा मानकर सदस्य का चुनाव लड़ाया, वे सभी हार गए थे। नतीजा ये हुआ कि पुराने सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश तिवारी को प्रत्याशी बना दिया गया है। सपा ने पूर्व जिलाध्यक्ष की बहू शैलजा यादव को प्रत्याशी बनाया है। यहां सदस्य के हिसाब से सपा, भाजपा पर भारी है। पर, समीकरण भाजपा का सेट होता नजर आ रहा है। वहां के कई सदस्य लखनऊ पहुंच चुके हैं।
पश्चिम में मेरठ में कम सीटों के बावजूद भाजपा अध्यक्ष बनाने की मुकम्मल व्यवस्था कर चुकी है, लेकिन बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली, बिजनौर व सहारनपुर में भाजपा को घेरने के लिए गैर बसपा विपक्षी दल सारे मतभेद भुलाकर एकजुट हो गए हैं। कई जगह बसपा के कुछ सदस्य भी विपक्ष के साथ हैं।
अवध में सत्ता के दबदबे की रणनीति तैयार
अवध के जिलों में भी सत्ताधारी दल भाजपा का समीकरण सेट होता जा रहा है। गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, फैजाबाद, बहराइच और अंबेडकरनगर से लेकर अमेठी और सुलतानपुर तक अध्यक्ष की जोर-आजमाइश भाजपा व सपा के बीच है। अन्य कई जिलों की तरह यहां भी निर्दल और बसपा सदस्यों की भूमिका अहम है। मगर सूचना के मुताबिक सत्ताधारी दल ज्यादातर जिलों में जरूरी संख्या बल जुटाने की स्थिति में पहुंच गया है। कई जगह निर्विरोध चुनाव हो सकता है।
विस्तार
जिला पंचायत चुनाव में दबदबा कायम करने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल सपा हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। सपा ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले अपने पक्ष में एकतरफा माहौल का संदेश देने के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में अधिकतम सीटें जीतने के लिए सारे हथकंडे अपनाए थे। 59 अध्यक्ष जिता भी लिए थे।
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अब सत्ताधारी दल भाजपा भी उसी के नक्शे कदम पर उससे भी ज्यादा सीटें जीतने के लक्ष्य के साथ मैदान में है। इसके लिए सक्षम बागियों व विरोधियों को अपना बनाकर अध्यक्ष की संख्या बढ़ाने की तरकीब को आजमा रहा है।
सपा भी एक-एक सीट के लिए जोर-आजमाइश कर रही है, लेकिन प्रत्याशी चयन में कई जगह जिताऊ की जगह भरोसेमंद व टिकाऊ पर भरोसे की रणनीति भारी पड़ रही है। सपा की कई जिलों की आंतरिक खींचतान भी इस चुनाव में बाहर आ गई है। जबकि भाजपा स्थानीय खींचतान को काफी हद तक दबा ले गई है।
जानकार बताते हैं कि मुख्य रूप से प्रदेश में लड़ाई भाजपा और सपा के बीच है। पर, 50 से अधिक जिलों में सत्ताधारी दल भाजपा ने अध्यक्ष बनाने के लिए जरूरी वोटों का जुगाड़ कर लिया है। जिला पंचायत सदस्यों के प्रमाणपत्र बटोरने से लेकर उनकी रखवाली तक का इंतजाम हो गया है। पर, ये जतन कितने कारगर होते हैं, यह चुनाव नतीजे बताएंगे। वर्ष 2016 के जिपं अध्यक्ष चुनाव में 38 जिलों में निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए थे। इनमें तब के  सत्ताधारी दल सपा ने 36 सीटें जीती थीं। आज की सत्ताधारी दल की पहली परीक्षा यही है कि वह अपने कितने निर्विरोध अध्यक्ष जिता पाती है।
गिनती के वोटों में छत्रपों ने कराया नतमस्तक
जिपं अध्यक्ष चुनाव एक बार फिर साबित करता नजर आ रहा है कि गिनती के वोटों में सांगठनिक कौशल के सामने छत्रपों की मठाधीशी ही कारगर होती है। संगठन की ताकत का डंका पीट रहे दल लगभग हर क्षेत्र के किसी न किसी रसूखदार छत्रप के सामने नतमस्तक की स्थिति में है। गोंडा, सिद्धार्थनगर, जौनपुर, प्रतापगढ़ से लेकर गोरखपुर तक यह देखा जा सकता है। हालात ये हैं कि तमाम छत्रपों ने पार्टियों को रणनीति में इस तरह उलझाया कि कई जिलों में चौंकाऊ व जेबी प्रत्याशी तक सामने आए हैं।
कैसे-कैसे समीकरण: जीत के लिए बसपा से जीते और बागी को अपनाया
- अंबेडकरनगर में भाजपा के दो सदस्य जीते थे। दो बागी जीते, जिन्हें मिला लिया गया। पर, 41 सदस्यों में जीत के लिए जरूरी संख्या का इंतजाम मुश्किल लगा तो बसपा के बागी को कुर्सी थमा दी। अब भाजपा के चार वोटों के साथ साधू वर्मा 11 सीट जीतने वाली सपा के अजीत यादव के सामने मजबूत दावेदार बनकर उभर आए हैं। यहां की लड़ाई में 20 निर्दल और बसपा के सदस्यों की अहम भूमिका रहने वाली है।
- संतकबीरनगर में बसपा के 5 जिला पंचायत सदस्य जीते थे। कृष्ण कुमार चौरसिया भी इनमें शामिल थे। भाजपा ने यहां की 30 सीटों में से 3 पर जीत दर्ज की थी। सपा के बागियों को जोड़ दें तो 12 सदस्य हैं। भाजपा ने यहां अपना अध्यक्ष बनाने के लिए कृष्ण कुमार को अपना प्रत्याशी बना दिया है। अब 14 निर्दल व बसपा के 4 अन्य अहम भूमिका निभाएंगे। सपा ने भी निर्दल जीते बलिराम यादव पर भरोसा किया है।
पूरब में आसान हो रहा समीकरण
- गोरखपुर में पूर्व मंत्री फतेह बहादुर सिंह की पत्नी साधना सिंह भाजपा से हैं तो सपा ने आलोक गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है। यहां का समीकरण साधना के पक्ष में फिट बैठता बताया जा रहा है। सिद्धार्थनगर और बस्ती में भी समीकरण सत्ता पक्ष की ओर जाता नजर आ रहा है।
- देवरिया में भाजपा ने जिस-जिस को अध्यक्ष का चेहरा मानकर सदस्य का चुनाव लड़ाया, वे सभी हार गए थे। नतीजा ये हुआ कि पुराने सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश तिवारी को प्रत्याशी बना दिया गया है। सपा ने पूर्व जिलाध्यक्ष की बहू शैलजा यादव को प्रत्याशी बनाया है। यहां सदस्य के हिसाब से सपा, भाजपा पर भारी है। पर, समीकरण भाजपा का सेट होता नजर आ रहा है। वहां के कई सदस्य लखनऊ पहुंच चुके हैं।
पश्चिम में भाजपा को तगड़ी चुनौती
पश्चिम में मेरठ में कम सीटों के बावजूद भाजपा अध्यक्ष बनाने की मुकम्मल व्यवस्था कर चुकी है, लेकिन बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली, बिजनौर व सहारनपुर में भाजपा को घेरने के लिए गैर बसपा विपक्षी दल सारे मतभेद भुलाकर एकजुट हो गए हैं। कई जगह बसपा के कुछ सदस्य भी विपक्ष के साथ हैं।
अवध में सत्ता के दबदबे की रणनीति तैयार
अवध के जिलों में भी सत्ताधारी दल भाजपा का समीकरण सेट होता जा रहा है। गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, फैजाबाद, बहराइच और अंबेडकरनगर से लेकर अमेठी और सुलतानपुर तक अध्यक्ष की जोर-आजमाइश भाजपा व सपा के बीच है। अन्य कई जिलों की तरह यहां भी निर्दल और बसपा सदस्यों की भूमिका अहम है। मगर सूचना के मुताबिक सत्ताधारी दल ज्यादातर जिलों में जरूरी संख्या बल जुटाने की स्थिति में पहुंच गया है। कई जगह निर्विरोध चुनाव हो सकता है।
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Meerut , Uttar-pradesh , India , Sultanpur , Saharanpur , Jaunpur , Muzaffarnagar , Amethi , Faizabad , Pratapgarh , Oudh , Bijnor

12 Jail Superintendent Transferred In Uttar Pradesh. - यूपी: प्रदेश के 12 जेल अधीक्षकों के तबादले, बड़े जिलों में किए गए बदलाव


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जेल महकमे में एक दर्जन जेल अधीक्षकों के तबादले कर दिए गए। इसमें नोएडा, गोरखपुर, वाराणसी और आगरा जैसे बड़े जिलों की जेलों के जेल अधीक्षक शामिल हैं।
रामधनी को वरिष्ठ जेल अधीक्षक फतेहगढ़, राजेंद्र कुमार को जेल अधीक्षक कानपुर देहात, हरिओम शर्मा को जेल अधीक्षक गाजीपुर, अरुण प्रताप सिंह को जेल अधीक्षक नोएडा की ज़िम्मेदारी दी गयी है।
भीमसेन मुकुंद को जेल अधीक्षक मऊ, सीताराम शर्मा को जेल अधीक्षक मुजफ्फरनगर, अरुण सक्सेना को जेल अधीक्षक वाराणसी, प्रेमदास सलोनिया को जेल अधीक्षक आगरा, शशिकांत मिश्रा को जेल अधीक्षक अयोध्या, बृजेश कुमार को जेल अधीक्षक मथुरा, ओम प्रकाश कटियार को जेल अधीक्षक गोरखपुर, अविनाश गौतम को जेल अक्षीक्षक रायबरेली बनाया गया है।
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जेल महकमे में एक दर्जन जेल अधीक्षकों के तबादले कर दिए गए। इसमें नोएडा, गोरखपुर, वाराणसी और आगरा जैसे बड़े जिलों की जेलों के जेल अधीक्षक शामिल हैं।
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रामधनी को वरिष्ठ जेल अधीक्षक फतेहगढ़, राजेंद्र कुमार को जेल अधीक्षक कानपुर देहात, हरिओम शर्मा को जेल अधीक्षक गाजीपुर, अरुण प्रताप सिंह को जेल अधीक्षक नोएडा की ज़िम्मेदारी दी गयी है।
भीमसेन मुकुंद को जेल अधीक्षक मऊ, सीताराम शर्मा को जेल अधीक्षक मुजफ्फरनगर, अरुण सक्सेना को जेल अधीक्षक वाराणसी, प्रेमदास सलोनिया को जेल अधीक्षक आगरा, शशिकांत मिश्रा को जेल अधीक्षक अयोध्या, बृजेश कुमार को जेल अधीक्षक मथुरा, ओम प्रकाश कटियार को जेल अधीक्षक गोरखपुर, अविनाश गौतम को जेल अक्षीक्षक रायबरेली बनाया गया है।
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