Chaturmas | चातुर्मास के 10 नियम, 10 फायदे webdunia.com - get the latest breaking news, showbiz & celebrity photos, sport news & rumours, viral videos and top stories from webdunia.com Daily Mail and Mail on Sunday newspapers.
आज हरि सौंपेंगे सृष्टि का भार भोलेनाथ को, 4 महीने तक होगी सिर्फ पूजा और दान पुण्य की बात webdunia.com - get the latest breaking news, showbiz & celebrity photos, sport news & rumours, viral videos and top stories from webdunia.com Daily Mail and Mail on Sunday newspapers.
Chaturmas 2021: चातुर्मास में क्या करें और क्या नहीं, 20 काम की बातें webdunia.com - get the latest breaking news, showbiz & celebrity photos, sport news & rumours, viral videos and top stories from webdunia.com Daily Mail and Mail on Sunday newspapers.
हिन्दू माह का चौथा माह होता है आषाढ़ माह। इस माह की शुक्ल एकादशी से चातुमास प्रारंम हो जाते हैं। आषाढ़ी एकादशी के दिन से चार माह के लिए देव सो जाते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार चातुर्मास का प्रारंभ 12 जुलाई 2021 को हो रहा है। आओ जानते हैं इस चार माह में किए जाने वाले प्रमुख 5 कार्य। 4 माह : चातुर्मास 4 महीने की अवधि है, जो आषाढ़ शुक्ल एकादशी से प्रारंभ होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चलता है। ये चार माह है श्रावण, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक। इसमें आषाढ़ के 15 और कार्तिक के 15 दिन शामिल है। इस माह में यही आपने निम्नलिखित 5 कार्य कर लिए तो सभी तरह की मनोकामनापूर्ण होगी और होगा चमत्कारिक रूप से फायदा। ALSO READ: 1. साधु जैसा जीवन जीएं : इस दौरान फर्श पर सोना और सूर्योदय से पहले उठना बहुत शुभ माना जाता है। उठने के बाद अच्छे से स्नान करना और अधिकतर समय मौन रहना चाहिए। दिन में केवल एक ही बार भोजन करना चाहिए। एक समय ही उत्तम भोजन ग्रहण करना चाहिए। 2. त्याग दें ये भोजन : इन चार माह में तेल से बनी चीजों का सेवन न करें, दूध, शकर, दही, तेल, बैंगन, पत्तेदार सब्जियां, नमकीन या मसालेदार भोजन, मिठाई, सुपारी, मांस और मदिरा का सेवन नहीं किया जाता। श्रावण में पत्तेदार सब्जियां यथा पालक, साग इत्यादि, भाद्रपद में दही, आश्विन में दूध, कार्तिक में प्याज, लहसुन और उड़द की दाल, आदि का त्याग कर दिया जाता है। 3. भगवान विष्णु की करें उपासना : प्रतिदिन सुबह और शाम को विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें या ॐ नमोः नारायणाय, ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र की रोज एक माला सुबह और शाम को जपें। 4. ध्यान योग : प्रतिदिन सुबह और शाम को 20-20 मिनट का ध्यान करें और सूर्य नम:स्कार करें। 5. दान करें : इन चार माह में 5 तरह का दान करें। 1.अन्नदान : किसी गरीब को, पशु या पक्षी को भोजन कराएं, 2.दीपदान : नदी के जल में दीप छोड़े या मंदिर में दीप जलाएं। 3. वस्त्रदान : किसी गरीब को वस्त्र का दान करें। 4. छायादान : कटोरी में सरसों के तेल में अपनी चेहरा देखकर उसे शनिमंदिर में दान कर दें। 5.श्रमदान : किसी मंदिर या आश्रम में सेवा करके श्रमदान दे सकते हैं। सम्बंधित जानकारी