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भारत न्यूज़: Vaccination Campaign : इजरायल की रिपोर्ट कहती है कि फाइजर वैक्सीन बी.1.1.7 स्ट्रेन के खिलाफ भी जबर्दस्त कारगर साबित हुई है। इसकी एक डोज से 58% संक्रमण रुकता है तो 76% मरीजों को अस्पताल नहीं जाने की जरूरत पड़ती है जबकि 77% मरीजों को मौत से बचा लेता है।
Pfizer Biontech Vaccine Efficacy in Hindi, फाइजर-बायोएनटेक की कोरोनावायरस के खिलाफ बनी वैक्सीन महामारी के स्पष्ट लक्षण वाले मरीजों पर 97 प्रतिशत तक प्रभावी है। दवा कंपनी ने वैक्सीनेशन अभियान के वास्तविक डेटा के आधार पर यह दावा किया है।
Vaccine Donation By India: भारत की दरियादिली की दुनियाभर में तारीफ, डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने पीएम मोदी का किया 'शुक्रिया' Coronavirus Vaccination in World in Hindi: डब्ल्यूएचओ (WHO) के प्रमुख टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने चेतावनी देते हुए कहा है कि दुनिया भर में कई देशों में कोरोना वैक्सीन को लेकर असमान नीतियों के कारण ‘भयावह नैतिक पतन’ (Horrific Moral Collapse) देखने को मिल रही है। ऐसा करना किसी भी हाल में उचित नहीं है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि अमीर देशों में युवाओं और स्वस्थ लोगों को गरीब राज्यों में रहने वाले कमजोर लोगों से पहले वैक्सीन लगवाएं। ये बेहद दुख की बात है कि लगभग 49 अमीर राज्यों में 3.9 करोड़ से अधिक वैक्सीन की खुराक दी गई, लेकिन एक गरीब राष्ट्र को सिर्फ 25 खुराक मिली। हालांकि, डब्ल्यूएचओ और चीन दोनों की कोरोना वैक्सीन से संबंधित प्रतिक्रिया के लिए आलोचनाएं भी की गई हैं। डब्ल्यूएचओ द्वारा गठित एक स्वतंत्र पैनल ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र के सार्वजनिक स्वास्थ्य निकाय को पहले अंतर्राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करनी चाहिए थी, साथ ही सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को जल्द लागू नहीं करने के लिए चीन को भी फटकार लगाई थी। अब तक चीन, भारत, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका सभी ने कोविड के टीके विकसित किए हैं, जबकि अन्य को बहुराष्ट्रीय टीमों द्वारा बनाया जा रहा है, जैसे अमेरिकी-जर्मन फाइजर वैक्सीन (Pfizer Vaccine)। दुनिया एक भयावह नैतिक पतन की कगार पर टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा ”अधिकतर देशों ने सिर्फ अपने बारे में सोचा है। अपने देश के लोगों के लिए वैक्सीन वितरण (Coronavirus Vaccination in World) को प्राथमिकता दी है। उन्होंने आगे कहा कि मुझे कुंठित होने की जरूरत है, दुनिया एक भयावह नैतिक पतन की कगार पर है। इस पतन की कीमत दुनिया के सबसे गरीब देशों में जीवन और आजीविका के साथ चुकानी होगी।” बढ़ सकती है वैक्सीन की जमाखोरी आज वैक्सीन के प्रति दृष्टिकोण आत्म-पतन की तरह है, क्योंकि यह कीमतों को बढ़ाएगा और जमाखोरी को प्रोत्साहित करेगा, जिससे ये कार्य सिर्फ महामारी को लम्बा बनाएंगे। टेड्रोस ने कहा है कि वैश्विक वैक्सीन-साझाकरण योजना कोवैक्स के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता का आह्वान किया, जो अगले महीने शुरू होने वाली है। अभी सबसे बड़ी चुनौती सभी सदस्य राज्यों के लिए ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ जो 7 अप्रैल को है, हर देश में कोविड-19 टीके को प्रशासित करना है। इससे संभवत: कोरोना महामारी और असमानता दोनों को खत्म किया जा सकेगा।
| | Updated: January 19, 2021 3:28 pm Pfizer Vaccine News: ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने कहा, 29 बुजुर्गों की मौत के बावजूद देश में कोरोना की रोकथाम के लिए फाइजर वैक्सीन ही लगेगी। Pfizer Vaccine News: ऑस्ट्रेलियाई सरकार (Australian government) के एक शीर्ष सलाहकार ने कहा है कि नॉर्वे (Norway) में फाइजर वैक्सीन (Pfizer Vaccine) लगाने के बाद 29 बुजुर्गों की मौत के बावजूद देश में संभवत: कोरोना की रोकथाम (Coronavirus Prevention) के लिए फाइजर वैक्सीन ही लगाई जाएगी। टीकाकरण (Vaccination in Australia) पर ऑस्ट्रेलियाई तकनीकी सलाहकार समूह (एटीएजीआई) के सह-अध्यक्ष एलन चेंग ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया कि अधिकारियों को उम्मीद है कि हर 100,000 ऑस्ट्रेलियाई लोगों में से लगभग एक को टीके से एलर्जी (Vaccine Allergy) की प्रतिक्रिया होगी, लेकिन इससे सबसे कमजोर लोगों की रक्षा भी होगी। 100,000 ऑस्ट्रेलियाई लोगों में से एक को होगी टीके से एलर्जी एलन चेंग ने सोमवार को नाइन एंटरटेनमेंट अखबार को बताया, “इसका मतलब है कि हमें उसके लिए तैयारी करने की आवश्यकता होगी। ऐसे कई लोग होंगे जो टीकाकरण के बावजूद संक्रमित होंगे, लेकिन विचार यह है कि ये वैक्सीन कोरोना के जोखिम को कम कर सकता है। यह पूरी तरह से समाप्त नहीं कर सकता है, लेकिन यह इसे कम जरूर कर देगा।” फाइजर वैक्सीन लगाने के बाद 29 लोगों की हो गई थी मौत गौरतलब है कि पिछले महीने नॉर्वे में लगभग 30 हजार लोगों को फाइजर और मॉडर्ना (Moderna) कंपनी का कोरोना वैक्सीन का शॉट दिया गया था। फाइजर वैक्सीन (Pfizer vaccine) लगाने के बाद नॉर्वे में 29 बुजुर्गों की मौत होने के बाद लोगों के मन में इस वैक्सीन के प्रति डर बैठ गया था। जिसके बाद ऑस्ट्रेलियाई स्वास्थ्य मंत्री ग्रेग हंट ने फाइजर वैक्सीन (Pfizer Vaccine Norway News) टीकाकरण के बाद हुए सभी मौतों पर तत्काल सूचना मांगा था। ऑस्ट्रेलिया ने फाइजर वैक्सीन की एक करोड़ खुराक के लिए समझौता भी किया है। कहां की है फाइजर वैक्सीन? कोरोनावायरस की वैक्सीन को जर्मनी की कंपनी बायोएनटेक (BioNTech) और अमेरिका कंपनी फाइजर फाइजर और बायोएनटेक (Pfizer and BioNTech) ने मिलकर तैयार किया है। कंपनी ने कुछ दिनों पहले वैक्सीन के 90 प्रतिशत असरदार होने का दावा भी इसके तीसरे फेज के क्लिनिकल ट्रायल के बाद किया था।
Pfizer Vaccine: ऑस्ट्रेलिया ने फाइजर टीकाकरण के बाद नॉर्वे में हुई मौतों पर मांगी जानकारी। Pfizer Vaccine Norway News: फाइजर वैक्सीन (Pfizer vaccine) लगने के बाद नॉर्वे में 29 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद से ही फाइजर वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में आशंकाएं बढ़ गई हैं। उन सभी 29 मौतों के बाद ऑस्ट्रेलियाई स्वास्थ्य मंत्री ग्रेग हंट ने कहा है कि देश कोविड-19 के खिलाफ फाइजर-बायोएनटेक एमआरएनए वैक्सीन (Pfizer Vaccine Norway News) के टीकाकरण के बाद हुए सभी बुजुर्ग नॉर्वेजियन रोगियों की मौतों पर तत्काल सूचना मांग रहा है। उन्होंने कहा है कि ऑस्ट्रेलियन चिकित्सीय प्रशासन कंपनी के साथ ही नॉर्वे के चिकित्सा नियामक से भी अतिरिक्त जानकारी मांगेगा। बता दें कि ऑस्ट्रेलिया ने फाइजर वैक्सीन की एक करोड़ खुराक के लिए एक समझौता किया है। सिडनी मॉर्निग हेराल्ड (एसएमएच) की एक रिपोर्ट के अनुसार, नॉर्वेजियन मेडिसिंस एजेंसी (नोमा) ने कहा है कि वे इस संभावना से इंकार नहीं कर सकते हैं कि बुखार और मिचली सहित टीकाकरण के दुष्प्रभावों ने मौतों में योगदान दिया है, मगर यह भी देखने वाली बात है कि देश में ऐसे बुजुर्ग लोगों का टीकाकरण किया गया है, जिन्हें गंभीर बीमारियां थीं। एजेंसी ने एक बयान में कहा, “इसलिए यह उम्मीद की जा रही है कि टीकाकरण (Vaccination) के समय ही ये मौतें हुई हो सकती हैं।” फाइजर वैक्सीन से नॉर्वे में 29 बुजुर्ग मरीजों की मौत नॉर्वे (Norway Vaccination News) ने गंभीर अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियों वाले बुजुर्ग लोगों पर फाइजर वैक्सीन (Pfizer vaccine) लगाने के बाद की सुरक्षा के बारे में चिंता व्यक्त की है। नॉर्वे में 29 बुजुर्ग मरीजों की मौत के बाद सरकार फाइजर (Pfizer in hindi) वैक्सीन के साथ अत्यधिक सावधानी बरत रही है। वहीं फाइजर ने कहा है कि कंपनी वैक्सीन के लिए गंभीर एलर्जी प्रतिक्रियाओं की सभी रिपोर्टों की निगरानी और समीक्षा कर रही है। कंपनी ने एक बयान में कहा, “कुल मिलाकर, हमारे नैदानिक परीक्षणों (क्लीनिकल ट्रायल) में चिंता के कोई संकेत नहीं मिले थे।” कंपनी ने यह भी कहा कि उनकी वैक्सीन से जुड़ी गंभीर एलर्जी संबंधी दिक्कतों का भी कोई संकेत नहीं मिला है।