all you need to know about india first women mla dr muthulakshmi reddy MuthuLakshmi Reddy: जानिए कौन थीं भारत की पहली महिला विधायक और पहली सर्जन डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी? Shefali Srivastava | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Jul 30, 2021, 12:59 PM Subscribe आज भारत की पहली महिला विधायक डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी की 136वीं वर्षगांठ है। आज ही के दिन 1886 में तमिलनाडु के पुडुकोट्टई में उनका जन्म हुआ था। भारत की पहली महिला विधायक होने के साथ ही डॉ. रेड्डी को लोग एक शिक्षक, समाज सुधारक, सर्जन और व्यवस्थापक के तौर पर याद करते हैं।
हाइलाइट्स आज भारत की पहली महिला विधायक और पहली सर्जन डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी की 136वीं वर्षगांठ है 1886 में तमिलनाडु के पुडुकोट्टई में हुआ था जन्म, तमिलनाडु में आज मनाया जाता है हॉस्पिटल डे डॉ. रेड्डी ने लिंग भेद और महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने के लिए हमेशा अपनी लड़ाई जारी रखी चेन्नै देश की पहली महिला विधायक मुथुलक्ष्मी रेड्डी की 136वीं वर्षगांठ है। आज ही के दिन 1886 में तमिलनाडु के पुडुकोट्टई में उनका जन्म हुआ था। भारत की पहली महिला विधायक होने के साथ ही डॉ. रेड्डी को लोग एक शिक्षक, समाज सुधारक, सर्जन और व्यवस्थापक के तौर पर याद करते हैं। डॉ. रेड्डी की याद में तमिलनाडु में हर साल इस दिन हॉस्पिटल डे मनाया जाता है। डॉ. रेड्डी ने अपना जीवन लोगों के अच्छे स्वास्थ के प्रति समर्पित किया। इसके साथ ही उन्होंने लिंग भेद और महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने के लिए भी हमेशा अपनी लड़ाई जारी रखी। वह 1912 में भारत की पहली महिला सर्जन बनी थीं। 1927 में ब्रिटिश विधानसभा में भारत की पहली महिला विधायक चुनी गईं। दांडी यात्रा के समय महात्मा गांधी की गिरफ्तारी के विरोध में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने महिला उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई और महिलाओं की शिक्षा के लिए 1931 में अव्वाई होम स्थापित किया। 1954 में चेन्नै में कैंसर इंस्टिट्यूट बनाया। 1956 में उन्हें पद्मभूषण मिला। कम उम्र में शादी का किया विरोध डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी का जन्म 30 जुलाई 1886 को तमिलनाडु के पुडुकोट्टई में हुआ। उनके पिता एस नारायण स्वामी चेन्नई के महाराजा कॉलेज के प्रधानाचार्य थे। माता-पिता उनकी शादी छोटी उम्र में ही कर देना चाहते थे, लेकिन डॉ. रेड्डी ने इसका विरोध करते हुए पढ़ाई पूरी करने की बात कही। शुरुआती शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए मद्रास मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया। इस कॉलेज में डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाली पहली महिला छात्र भी डॉ. रेड्डी ही थीं। यहां उनकी दोस्ती एनी बेसेंट और सरोजिनी नायडू से हुई। मद्रास विधानसभा की पहली महिला सदस्य कुछ ही वर्षों में डॉ. रेड्डी ने मेडिकल करियर को छोड़ राजनीति का रुख किया। मद्रास विधानसभा की पहली महिला सदस्य बनने के बाद उन्होंने कम आयु में लड़कियों की शादी रोकने के लिए नियम बनाए। साथ ही उन्होंने समाज में महिलाओं के शोषण के खिलाफ भी अपनी आवाज को बुलंद किया। कैंसर अस्पताल की स्थापना डॉ. रेड्डी की बहन की कैंसर से मौत हुई जिनका उन्हें गहरा सदमा लगा था। इसके बाद उन्होंने साल 1954 में चेन्नै में अद्यार कैंसर इंस्टिट्यूट की शुरुआत की। यह कैंसर अस्पताल अभी भी दुनिया के सबसे सम्मानित कैंसर अस्पतालों में से एक है। यहां हर साल 80,000 से ज्यादा कैंसर पीड़ितों का इलाज किया जाता है। 1956 में पद्मभूषण से हुईं सम्मानित साल 1956 में उन्हें देश की सेवा करने के लिए भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया। समाज की बेहतरी के लिए अपने जीवन को समर्पित करने वाली डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी का निधन 22 जुलाई 1968 को चेन्नै में हुआ। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुक पेज लाइक करें कॉमेंट लिखें इन टॉपिक्स पर और पढ़ें