मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य सरकार ने एक जुलाई से 31 दिसंबर तक स्किम्ड मिल्क पाउडर के निर्यात के लिए 150 करोड़ रुपये की अधिकतम सीमा के साथ 50 रुपये प्रति किलो तक की सहायता देने का फैसला किया है। सरकार ने स्किम्ड मिल्क पाउडर के लिए माल के लदान तक की (एफओबी) कीमत 20 रुपये प्रति किलो बढ़ाकर 200 रुपये प्रति किलो करने का फैसला किया है। इस कीमत पर 50 रुपये की सहायता सरकार देगी। इसमें कहा गया है कि दूध उत्पादक संघों की मांग के बाद यह निर्णय लिया गया। सरकार ने कहा कि यदि इस अवधि के दौरान स्किम्ड मिल्क पाउडर की एफओबी कीमत बढ़ती है, तो निर्यात सहायता उसी के अनुसार कम हो जाएगी। अगर, उदाहरण के लिए, एफओबी की कीमत बढ़कर 210 रुपये हो जाती है, तो सहायता 50 रुपये प्रति किलो से घटकर 40 रुपये रह जाएगी। हालांकि, एफओबी घटने पर अधिकतम निर्यात सहायता 50 रुपये ही रहेगी। जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक आरएस सोढ़ी ने कहा कि यह तीसरी बार है जब गुजरात सरकार ने ऐसी सहायता प्रदान की है जिससे दुधारू पशु पालने वाले 36 लाख किसानों को लाभ होगा। सोढ़ी ने कहा कि इस सहायता के मिलने से घरेलू या निर्यात बाजारों में स्किम्ड मिल्क पाउडर पर 250 रुपये प्रति किलोग्राम की उत्पादन लागत के मुकाबले कम आय प्राप्ति होने के कारण जीसीएमएमएफ को किसानों से दूध की खरीद दर घटाने के लिए मजबूर नहीं होगा। भाषा राजेश राजेश मनोहर