अपडेट समय: 150 देहरादून में रविवार को पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलातीं राज्यपाल बेबी रानी मौर्य। -प्रेट्र देहरादून, 4 जुलाई (एजेंसी) पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को उत्तराखंड के नये मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। यहां राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। उनके बाद 11 अन्य कैबिनेट मंत्रियों ने भी शपथ ली, जिनमें से कुछ शनिवार से नाराज चल रहे थे। उधमसिंह नगर जिले के खटीमा से विधायक 45 वर्षीय धामी उत्तराखंड के 11वें और अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री हैं। धामी के मंत्रिमंडल में सभी पुराने चेहरों को बरकरार रखा गया है। इसमें एकमात्र परिवर्तन यही किया गया है कि सभी मंत्रियों को कैबिनेट दर्जा दिया गया है। धामी मंत्रिमंडल में कोई भी राज्य मंत्री नहीं है। पहले की तरह सतपाल महाराज को नंबर 2 पर रखा गया है। अन्य मंत्रियों में डाॅ. हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल, यशपाल आर्य, बिशन सिंह चुफाल, बंशीधर भगत, रेखा आर्य, स्वामी यतीश्वरानंद, अरविंद पाण्डेय, गणेश जोशी और धनसिंह रावत शामिल हैं। रेखा आर्य, धनसिंह रावत और यतीश्वरानंद का कद बढ़ाया गया है। पिछले मंत्रिमंडल में ये राज्य मंत्री थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नये मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट सहयोगियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। शपथ ग्रहण समारोह से पहले दिन भर रूठे विधायकों को मनाने की कवायद चलती रही। धामी खुद सतपाल महाराज के आवास पर गये। माना जा रहा था कि महाराज शनिवार को हुए फैसले के बाद से नाराज चल रहे थे। हालांकि, महाराज ने नाराजगी को लेकर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। पार्टी मामलों के प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, प्रदेश पार्टी अध्यक्ष मदन कौशिक के साथ कुछ अन्य विधायकों की नाराजगी दूर करने के प्रयास में लगे रहे। ‘कोई आपको नाराज दिखा क्या यहां?’ देहरादून : शपथ ग्रहण करने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने वरिष्ठ विधायकों की नाराजगी के बारे में पूछे जाने पर कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। उल्टा सवाल दागते हुए उन्होंने पूछा, ' कोई आपको नाराज दिखा क्या यहां ?' उन्होंने कहा, 'मैं आयु में कम हूं। सब बड़े अनुभवी हैं और मुझसे वरिष्ठ हैं। मेरी पार्टी मेरी मां है जिसने मुझे सेवा करने का अवसर प्रदान किया है। इसलिए यह मेरी जिम्मेदारी बनती है कि मैं सब बड़ों को आदरपूर्वक और छोटों को स्नेहपूर्वक साथ लेकर पार्टी और प्रदेश के काम को आगे बढाऊं।' मुख्यमंत्री ने कहा कि वह लंबे समय से प्रदेश में काम कर रहे हैं और प्रदेश के कोने-कोने से वाकिफ हैं, यहां की समस्याओं से वाकिफ हैं। उन्होंने कहा, 'मैं एक सैनिक परिवार में सीमांत क्षेत्र पिथौरागढ़ के कनालीछीना में पैदा हुआ और वहां कक्षा 5 तक पढाई की। उन्होंने कहा कि समस्याओं के समाधान के लिए सरकार जनता के द्वार तक जाएगी। खबर शेयर करें 14 घंटे पहले 14 घंटे पहले 14 घंटे पहले दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है। ‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया। खबरों के लिए सब्सक्राइब करें