Bihar's principle started making eco-friendly products from old jeans 6 years ago, today annual turnover is Rs 1.5 crore | बिहार के सिद्धांत ने 6 साल पहले पुरानी जींस से इको फ्रेंडली प्रोडक्ट बनाना शुरू किया, आज सालाना 1.5 करोड़ रुपए है टर्नओवर : vimarsana.com

Bihar's principle started making eco-friendly products from old jeans 6 years ago, today annual turnover is Rs 1.5 crore | बिहार के सिद्धांत ने 6 साल पहले पुरानी जींस से इको फ्रेंडली प्रोडक्ट बनाना शुरू किया, आज सालाना 1.5 करोड़ रुपए है टर्नओवर


हर महीने एक हजार पुरानी जींस को करते हैं अपसाइकल
नए ट्रेंड के हिसाब से जींस पहनने का शौक ज्यादातर लोगों को होता है। जींस की एक खासियत भी है कि यह जल्दी खराब नहीं होती है। ऐसे में लोग अपनी पुरानी जींस या तो फेंक देते हैं या कबाड़ वाले को दे देते हैं। इससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचता है। बिहार के मुंगेर जिले के रहने वाले सिद्धांत कुमार ने इसे लेकर पहल की है।
वे पिछले 6 साल से पुरानी जींस को अपसाइकल (पुरानी या बेकार चीजों की मदद से क्रिएटिव और बेहतर प्रोडक्ट बनाना) करके इको फ्रेंडली हैंडमेड प्रोडक्ट बना रहे हैं। 400 से ज्यादा वैराइटी के प्रोडक्ट की मार्केटिंग वे कर रहे हैं। भारत के साथ ही ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में भी उनके प्रोडक्ट की डिमांड है। उनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपए है।
पुरानी जींस के साथ ही सिद्धांत की टीम दूसरे पुराने प्रोडक्ट को भी अपसाइकल करके नया प्रोडक्ट बनाती है।
37 साल के सिद्धांत एक मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखते हैं। साल 2012 में IIT मुंबई से मास्टर्स की पढ़ाई करने के बाद बेंगलुरु में एक कंपनी में उनकी जॉब लग गई। हालांकि यहां उनका मन नहीं लगा। कुछ ही महीनों बाद नौकरी छोड़कर वे दिल्ली चले गए। यहां उन्होंने बच्चों के लिए एजुकेशनल गेम्स डिजाइन करने का स्टार्टअप शुरू किया। एक दर्जन से ज्यादा उन्होंने गेम्स डिजाइन भी किए। सबकुछ ठीक चल रहा था, लेकिन इसी बीच उन्हें एक ऐसा आइडिया मिला, जिससे उनकी प्रोफेशनल लाइफ बदल गई।
पुरानी जींस से घर की दीवारों पर कलाकारी की
सिद्धांत कहते हैं कि मैं दिल्ली में किराए के मकान में रहता था। चूंकि मुझे फाइन आर्ट और डिजाइनिंग में दिलचस्पी थी। इसलिए एक दिन सोचा कि पुरानी जींस से घर की दीवारों को सजाया जाए। इसके बाद मैंने कुछ डिजाइन बनाए। उस पर बॉटल और वॉच लगाए। इसी तरह कुछ और क्रिएटिव चीजें भी ऐड कीं।
सिद्धांत गाड़ियों की डिजाइनिंग में भी पुरानी जींस का इस्तेमाल करते हैं। ये कार उसी तर्ज पर डिजाइन की गई है।
सिद्धांत बताते हैं कि तब जो भी दोस्त या रिलेटिव्स घर आते थे, उन्हें पुरानी जींस से बना डिजाइन पसंद आता था। वे मेरे काम की तारीफ करते थे और खुद के लिए भी इस तरह के प्रोडक्ट की डिमांड करते थे। इस तरह धीरे-धीरे मैं और नए-नए प्रोडक्ट तैयार करने लगा। जो लोग डिमांड करते थे, उन्हें गिफ्ट के रूप में दे देता था।
लोगों को डिजाइनिंग पसंद आई तो बिजनेस करना शुरू किया
वे कहते हैं कि शुरुआत में तो बिजनेस के बारे में मैंने प्लान नहीं किया था, लेकिन जब लोग डिमांड करने लगे तो तय किया कि एक बार कोशिश करनी चाहिए। इसके बाद 2015 में 50-60 हजार रुपए की लागत से हमने कुछ प्रोडक्ट बनाए और एक मॉल में एक हफ्ते के लिए स्टॉल लगाने की जगह बुक की। तब तीन दिन के भीतर ही हमारे सभी प्रोडक्ट बिक गए। इस कामयाबी के बाद सिद्धांत का मनोबल बढ़ गया। उन्होंने अपने बिजनेस का दायरा बढ़ाना शुरू कर दिया। डेनिम डेकोर नाम से उन्होंने खुद की कंपनी रजिस्टर की और दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर स्टॉल लगाकर अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग करने लगे।
सिद्धांत की टीम दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर स्टॉल लगाकर अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग करती है।
अभी सिद्धांत के साथ 40 लोगों की टीम काम करती है। वे 400 से ज्यादा वैराइटी के प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग कर रहे हैं। इसमें बैग, पर्स, साइकिल, बाइक, कार, वॉच, बॉटल सहित होम डेकोरेशन और डेली लाइफ यूज की हर चीज शामिल है। इसके साथ ही वे ऑफिस और घरों के लिए इंटीरियर डिजाइनिंग का भी काम करते हैं। इस तरह के कई प्रोजेक्ट्स पर वे काम कर चुके हैं।
कैसे तैयार करते हैं प्रोडक्ट?
सिद्धांत कहते हैं कि हमने अभी तक जितने भी प्रोडक्ट बनाए हैं, सभी हमारे कस्टमर्स की देन है। वे ही नए-नए प्रोडक्ट की डिमांड करते गए और उससे हमें आइडिया मिलता गया। आज भी कस्टमर किसी प्रोडक्ट की डिमांड करते हैं तो हम उसे डायरी में नोट कर लेते हैं और उस पर काम करने की कोशिश करते हैं।
प्रोडक्ट तैयार करने के लिए सिद्धांत की टीम सबसे पहले पुराने जींस कलेक्ट करती है। इसके लिए उन्होंने कुछ कबाड़ वालों से कॉन्ट्रैक्ट किया। घर-घर जाकर जींस इकट्ठा करने वाले लोग भी उनके साथ जुड़े हैं। इसके साथ ही कुछ बड़ी कंपनियों से भी उनका टाइअप है जो खराब या फटे जींस उन्हें दे देती हैं।
सिद्धांत बताते हैं कि हम हर उस चीज को डिजाइन करते हैं जो हमारे घरों में होती है या होनी चाहिए।
इसके बाद जींस की सफाई होती है। उनकी क्वालिटी टेस्टिंग की जाती है। फिर उन्हें कलर और क्वालिटी के हिसाब से अलग-अलग कैटेगरी में बांट लिया जाता है। इसके बाद इससे प्रोडक्ट बनाए जाते हैं। सिद्धांत के मुताबिक ज्यादातर प्रोडक्ट हैंड मेड होते हैं। वहीं कुछ प्रोडक्ट बनाने के लिए मशीन की मदद ली जाती है। हर टीम मेंबर को इसके लिए ट्रेनिंग दी गई है। फिलहाल हर महीने वे एक हजार से ज्यादा पुरानी जींस को अपसाइकल कर रहे हैं।
कैसे करते हैं अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग?
सिद्धांत बताते हैं कि शुरुआत में हमने मार्केटिंग को लेकर कोई खास स्ट्रैटजी नहीं अपनाई थी। सबसे पहले हमने एक मॉल में स्टॉल लगाकर मार्केटिंग शुरू की। बेहतर रिस्पॉन्स मिला तो दिल्ली की दूसरी जगहों पर स्टॉल लगाना शुरू किया। अलग-अलग एग्जीबिशन में गए और अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग की। इसके बाद उन्होंने कुछ दुकानों से संपर्क किया और उन्हें अपना प्रोडक्ट देना शुरू किया। अभी देश में उनके कई रिटेलर्स और डीलर्स हैं। जिसके जरिए वे अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग कर रहे हैं। सोशल मीडिया के जरिए भी वे अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग करते हैं। साथ ही अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसे बड़े प्लेटफॉर्म पर भी उनके प्रोडक्ट उपलब्ध हैं।
अभी सिद्धांत की टीम में 40 लोग काम करते हैं। इसमें से ज्यादातर लोग गरीब परिवारों से ताल्लुक रखते हैं।
क्या आप भी ऐसे प्रोडक्ट बनाना चाहते हैं?
देश में कई लोग इस तरह के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। छोटे शहरों में भी लोग पुरानी जींस से अपनी जरूरत की चीजें बनाते हैं। अगर आप क्रिएटिव और डिमांडिंग प्रोडक्ट बनाना चाहते हैं तो गूगल की मदद ले सकते हैं। शुरुआत में आप छोटी-छोटी चीजें जैसे पॉट होल्डर, पेन होल्डर, बुक कवर, डायरी कवर, बैग, तकिया बना सकते हैं। यह लगातार सीखते रहने वाला काम है। आप जितना प्रैक्टिस करेंगे, उतना ही अलग-अलग तरह के प्रोडक्ट आप बना सकेंगे।
इसके लिए खास बजट की भी जरूरत नहीं होती है। आप अपने घर में पड़ी पुरानी जींस से यह काम शुरू कर सकते हैं। काम बढ़े तो आप कबाड़ वालों से भी संपर्क कर सकते हैं। मार्केटिंग करना थोड़ा मुश्किल टास्क जरूर है। इसके लिए आपको अपना प्रोडक्ट यूनीक रखना होगा और उसके हिसाब से प्राइस भी रखनी होगी, ताकि लोग खरीद सकें। सोशल मीडिया के जरिए आप मार्केटिंग की शुरुआत कर सकते हैं। पेड प्रमोशन और सेलिब्रेटी को गिफ्ट के रूप में अपना प्रोडक्ट भेजना भी मार्केटिंग का कारगर तरीका है।
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