Shiv Shayanotsava 2021 Date in India: After Lord Vishnu now Lord Shiva Going to Sleep Know here Shiv Shayanotsava Importance - Astrology in Hindi - शिव शयनोत्सव 2021: भगवान विष्णु के बाद अब योग निद्रा में जा रहे भोलेनाथ, जानें कौन करेगा सृष्टि का संचालन : vimarsana.com

Shiv Shayanotsava 2021 Date in India: After Lord Vishnu now Lord Shiva Going to Sleep Know here Shiv Shayanotsava Importance - Astrology in Hindi - शिव शयनोत्सव 2021: भगवान विष्णु के बाद अब योग निद्रा में जा रहे भोलेनाथ, जानें कौन करेगा सृष्टि का संचालन


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शिव शयनोत्सव 2021: भगवान विष्णु के बाद अब योग निद्रा में जा रहे भोलेनाथ, जानें कौन करेगा सृष्टि का संचालन
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्ली Published By: Saumya Tiwari
Thu, 22 Jul 2021 08:56 AM
आषाढ़ मास की देवोशयनी एकादशी यानी 20 जुलाई 2021 को सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु योग निद्रा में जा चुके हैं। भगवान विष्णु के बाद अब भगवान शिव भी शयन में चले जाएंगे। इस दिन को शिव शयनोत्सव कहा जाता है। इस साल शिव शयनोत्सव 23 जुलाई, दिन शुक्रवार को है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भोलेनाथ के शयन में जाने से पहले वह अपने एक स्वरूप रुद्र को सृष्टि का कार्यभार सौंप देते हैं। 
4 महीने जगत का संचालन करेंगे भगवान रुद्र-
भगवान शिव के अवतार रुद्र सृष्टि के संचालन के साथ-साथ सृष्टि के भर्ता की भी जिम्मेदारी निभाएंगे। इस दिनों में भगवान रुद्रा की पूजा का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि भगवान रुद्र जल्दी प्रसन्न होते हैं और इन्हें क्रोध भी जल्दी आता है। मान्यता है कि सृष्टि के संचालन के दौरान भक्त के कार्यों से प्रसन्न होकर वे उसकी समस्याओं को खत्म कर सकते हैं या क्रोधित होकर परेशानियों को बढ़ा सकते हैं।
भगवान शिव को प्रिय है सावन मास-
भगवान शिव के शयन में जाने के दो दिन बाद उनका प्रिय महीना सावन शुरू होगा। सावन का महीना इस साल 25 जुलाई से शुरू होगा, जबकि सावन का पहला सोमवार 26 जुलाई को पड़ेगा। सावन में भगवान शिव और सोमवार के दिन व्रत और पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है। कहते हैं कि भक्त की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव उन पर अपनी कृपा बरसाते हैं।
 
चातुर्मास में आते हैं ये त्योहार-
चातुर्मास में सावन, हरियाली तीज और रक्षाबंधन जैसे त्योहार आते हैं। इन दिनों में दान, तप और जप का विशेष महत्व होता है। आपको बता दें कि आषाढ़ मास के 5 दिन, सावन मास के 30 दिन, भाद्रपद की 30 दिन, आश्विन मास की 30 दिन और कार्तिक मास के 11 दिन मिलाकर चंद्रमास के हिसाब से 106 और सौर मास के हिसाब से 108 दिनों का चातुर्मास बनता है। 
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