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Lahore still world's second most polluted city despite govt measures

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LDA razes, seals several illegal properties in Johar Town

LAHORE: In a grand operation, Lahore Development Authority demolished and sealed several illegal buildings here on Wednesday. The operation was carried out on the instructions of Commissioner Lahore...

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LDA seals eight car showrooms in Lahore - Pakistan Observer

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LDA operation against encroachments in full swing

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Pakistan Under The Supervision Of Fatf - सबक: पाकिस्तान एफएटीएफ की निगरानी में, काम आ रहा है भारत का दबाव


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हाल ही में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, 'हमारे कारण पाकिस्तान एफएटीएफ की निगरानी में है, और उसे ग्रे सूची में रखा गया है। हम पाकिस्तान पर दबाव बनाने में सफल रहे हैं और तथ्य यह कि पाकिस्तान का रवैया बदल गया है, क्योंकि भारत ने विभिन्न उपायों के जरिये दबाव बनाया है। यही नहीं, भारत के प्रयासों के कारण संयुक्त राष्ट्र के जरिये लश्कर-ए तैयबा और जैश प्रतिबंधों के दायरे में आ गए हैं।' पाकिस्तान 2018 से ग्रे लिस्ट में बना हुआ है। इसने वैश्विक वित्तीय संस्थानों से उसकी उधार लेने की क्षमता को सीमित कर दिया है, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है।
पाकिस्तानी नेतृत्व ने इस बयान की आड़ लेकर दावा किया कि भारत एफएटीएफ को प्रभावित कर रहा है। उसके विदेश कार्यालय ने ट्वीट किया, 'पाकिस्तान हमेशा से एफएटीएफ के राजनीतिकरण और भारत द्वारा उसकी प्रक्रियाओं को कमजोर करने का खुलासा करता रहा है। भारतीय विदेश मंत्री का हालिया बयान पाकिस्तान के खिलाफ अपने राजनीतिक मंसूबों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच का उपयोग करने के भारत के निरंतर प्रयासों की पुष्टि करता है।' इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री, एसएम कुरैशी ने कहा था कि पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट में बने रहने का कोई कारण नहीं है, क्योंकि उसने 27 में से 26 बिंदुओं को पूरा कर लिया था, जिसे पूरा करने के लिए कहा गया था। उन्होंने यह भी ट्वीट किया, 'पाकिस्तान ने लगातार कहा है कि भारत ने एफएटीएफ का राजनीतिकरण किया है।' 
पाकिस्तान भले ही भारत पर एफएटीएफ के राजनीतिकरण का आरोप लगाता है, लेकिन सच यह है कि हर देश अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए काम करता है। पाकिस्तान ने भारत को निशाना बनाने वाले आतंकवादी समूहों का समर्थन किया और बदले में भारत ने कई वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान का मुकाबला करने के लिए काम किया, इनमें एफएटीएफ सिर्फ एक था, इसके अलावा भारत ने बालाकोट में उसके शिविर को निशाना बनाया। पाकिस्तान द्वारा वैश्विक मानदंडों का पालन नहीं करने के मुद्दे को नियमित रूप से उठाकर भारत ने दुनिया के सामने साबित कर दिया कि पाकिस्तान का एफएटीएफ की शर्तों का पालन करने का कोई इरादा नहीं है। 
पाक मीडिया के मुताबिक जोहर टाउन धमाके में हाफिज सईद को निशाना बनाया गया था। हालांकि पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, हाफिज के जेल में होने की आशंका थी। धमाके और पाक हस्तियों के बयानों से संकेत मिलता है कि पाकिस्तान का एफएटीएफ के निर्देशों का पालन करने और विश्व स्तर पर नामित आतंकवादियों को उनके कार्यों के लिए जिम्मेदार ठहराने का कोई इरादा नहीं है। तथ्य यह है कि वह अपने आवास में छिपा है, यानी पाकिस्तान एफएटीएफ से झूठ बोल रहा है। 
दशकों तक पाकिस्तान ने तालिबान को अपनी धरती पर पनाह दी, उन्हें हर तरह का समर्थन दिया, जबकि वैश्विक स्तर पर इससे इन्कार करता रहा। दूसरी तरफ, उसने भारत पर पाकिस्तान विरोधी आतंकवादी समूहों के समर्थन का आरोप लगाया। पिछले हफ्ते एक बयान में, तालिबान ने पाकिस्तान सरकार से पाकिस्तान तालिबान के साथ बातचीत करने का आग्रह किया, क्योंकि वह अफगानिस्तान में मजबूती से जमा हुआ है। यह पाकिस्तान के उस दावे को झूठा साबित करता है कि भारत पाकिस्तान विरोधी आतंकवादी समूहों का समर्थन करता है।
पाकिस्तान की आतंकवाद समर्थक नीतियों के कारण एक राष्ट्र के रूप में अफगानिस्तान को भारी नुकसान हुआ। पाकिस्तान जैसे दुष्ट देशों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए वैश्विक मंचों पर अपनी बात रखने की अफगानिस्तान के पास ताकत नहीं थी। भारत सहित बाकी दुनिया ने वैश्विक संस्थाओं को पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रेरित किया, जिससे उसे अपनी नीचतापूर्ण नीतियों का खामियाजा भुगतना पड़ा। यानी अकेले भारत ने नहीं, बल्कि वैश्विक समुदाय ने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की। दूसरी बात, जिसे पाकिस्तान भूल जाता है कि ग्रे लिस्ट में उसका रहना एजेंडा बिंदुओं को पूरा करने के कारण नहीं, बल्कि अधूरे एजेंडा बिंदुओं के महत्व के कारण है। 
एक प्रमुख कारण, जिसे पाकिस्तान ने अभी तक पूरा नहीं किया है, वह आतंकवादी समूहों और उनके सरगनाओं के खिलाफ निर्णायक रूप से कार्रवाई है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित आतंकी भी शामिल हैं। ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान के बने रहने को सही ठहराते हुए एफएटीएफ ने जो बयान जारी किया है, उसमें साफ है कि डेनियल पर्ल की हत्या के आरोपी उमर सईद शेख को पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने मुक्त कर दिया। इसी तरह पाकिस्तान ने मसूद अजहर, हाफिज सईद और जकीउर रहमान लखवी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है। पाकिस्तान ने उन्हें आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए दंडित किया है, लेकिन आतंकवाद के लिए नहीं, जिसकी दुनिया भर से मांग हो रही है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस से जब कुरैशी के उस बयान पर सवाल किया गया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत एफएटीएफ को प्रभावित कर रहा है, तो उन्होंने कहा कि अमेरिका 'पाकिस्तान को एफएटीएफ और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करना जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करेगा, ताकि आतंकवाद के वित्तपोषण, जांच और अभियोजन को संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकी समूहों के सरगनाओं और कमांडरों को लक्षित करके शेष कार्रवाई को तेजी से पूरा किया जा सके।' उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार प्रतिबंधित आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, जिससे वह बचने का प्रयास करता है। 
आतंकवादी समूहों और उनके नेताओं के खिलाफ कार्रवाई किए बिना पाकिस्तान एफएटीएफ के चंगुल से बाहर निकलने के लिए हर तरह का प्रयास करता है, क्योंकि उन्हें पाक सेना और आईएसआई द्वारा पोषित किया गया है। ये आतंकी सरगना पाकिस्तान के लिए संपत्ति हैं और अगर यह उनके खिलाफ कार्रवाई करता है, तो वे संभवतः पाकिस्तान को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए भारत पर आरोप लगाकर वह एफएटीएफ को बरगलाना और इसकी अनिवार्य शर्तों को पूरा किए बिना ग्रे लिस्ट से बाहर आना चाह रहा है। लेकिन उसे इसकी अनुमति कभी नहीं दी जाएगी। पाकिस्तान ने आतंकी समूहों का समर्थन किया और अब उसे इसकी कीमत चुकानी ही होगी।
हाल ही में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, 'हमारे कारण पाकिस्तान एफएटीएफ की निगरानी में है, और उसे ग्रे सूची में रखा गया है। हम पाकिस्तान पर दबाव बनाने में सफल रहे हैं और तथ्य यह कि पाकिस्तान का रवैया बदल गया है, क्योंकि भारत ने विभिन्न उपायों के जरिये दबाव बनाया है। यही नहीं, भारत के प्रयासों के कारण संयुक्त राष्ट्र के जरिये लश्कर-ए तैयबा और जैश प्रतिबंधों के दायरे में आ गए हैं।' पाकिस्तान 2018 से ग्रे लिस्ट में बना हुआ है। इसने वैश्विक वित्तीय संस्थानों से उसकी उधार लेने की क्षमता को सीमित कर दिया है, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है।
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पाकिस्तानी नेतृत्व ने इस बयान की आड़ लेकर दावा किया कि भारत एफएटीएफ को प्रभावित कर रहा है। उसके विदेश कार्यालय ने ट्वीट किया, 'पाकिस्तान हमेशा से एफएटीएफ के राजनीतिकरण और भारत द्वारा उसकी प्रक्रियाओं को कमजोर करने का खुलासा करता रहा है। भारतीय विदेश मंत्री का हालिया बयान पाकिस्तान के खिलाफ अपने राजनीतिक मंसूबों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच का उपयोग करने के भारत के निरंतर प्रयासों की पुष्टि करता है।' इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री, एसएम कुरैशी ने कहा था कि पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट में बने रहने का कोई कारण नहीं है, क्योंकि उसने 27 में से 26 बिंदुओं को पूरा कर लिया था, जिसे पूरा करने के लिए कहा गया था। उन्होंने यह भी ट्वीट किया, 'पाकिस्तान ने लगातार कहा है कि भारत ने एफएटीएफ का राजनीतिकरण किया है।' 
पाकिस्तान भले ही भारत पर एफएटीएफ के राजनीतिकरण का आरोप लगाता है, लेकिन सच यह है कि हर देश अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए काम करता है। पाकिस्तान ने भारत को निशाना बनाने वाले आतंकवादी समूहों का समर्थन किया और बदले में भारत ने कई वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान का मुकाबला करने के लिए काम किया, इनमें एफएटीएफ सिर्फ एक था, इसके अलावा भारत ने बालाकोट में उसके शिविर को निशाना बनाया। पाकिस्तान द्वारा वैश्विक मानदंडों का पालन नहीं करने के मुद्दे को नियमित रूप से उठाकर भारत ने दुनिया के सामने साबित कर दिया कि पाकिस्तान का एफएटीएफ की शर्तों का पालन करने का कोई इरादा नहीं है। 
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दशकों तक पाकिस्तान ने तालिबान को अपनी धरती पर पनाह दी, उन्हें हर तरह का समर्थन दिया, जबकि वैश्विक स्तर पर इससे इन्कार करता रहा। दूसरी तरफ, उसने भारत पर पाकिस्तान विरोधी आतंकवादी समूहों के समर्थन का आरोप लगाया। पिछले हफ्ते एक बयान में, तालिबान ने पाकिस्तान सरकार से पाकिस्तान तालिबान के साथ बातचीत करने का आग्रह किया, क्योंकि वह अफगानिस्तान में मजबूती से जमा हुआ है। यह पाकिस्तान के उस दावे को झूठा साबित करता है कि भारत पाकिस्तान विरोधी आतंकवादी समूहों का समर्थन करता है।
पाकिस्तान की आतंकवाद समर्थक नीतियों के कारण एक राष्ट्र के रूप में अफगानिस्तान को भारी नुकसान हुआ। पाकिस्तान जैसे दुष्ट देशों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए वैश्विक मंचों पर अपनी बात रखने की अफगानिस्तान के पास ताकत नहीं थी। भारत सहित बाकी दुनिया ने वैश्विक संस्थाओं को पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रेरित किया, जिससे उसे अपनी नीचतापूर्ण नीतियों का खामियाजा भुगतना पड़ा। यानी अकेले भारत ने नहीं, बल्कि वैश्विक समुदाय ने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की। दूसरी बात, जिसे पाकिस्तान भूल जाता है कि ग्रे लिस्ट में उसका रहना एजेंडा बिंदुओं को पूरा करने के कारण नहीं, बल्कि अधूरे एजेंडा बिंदुओं के महत्व के कारण है। 
एक प्रमुख कारण, जिसे पाकिस्तान ने अभी तक पूरा नहीं किया है, वह आतंकवादी समूहों और उनके सरगनाओं के खिलाफ निर्णायक रूप से कार्रवाई है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित आतंकी भी शामिल हैं। ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान के बने रहने को सही ठहराते हुए एफएटीएफ ने जो बयान जारी किया है, उसमें साफ है कि डेनियल पर्ल की हत्या के आरोपी उमर सईद शेख को पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने मुक्त कर दिया। इसी तरह पाकिस्तान ने मसूद अजहर, हाफिज सईद और जकीउर रहमान लखवी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है। पाकिस्तान ने उन्हें आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए दंडित किया है, लेकिन आतंकवाद के लिए नहीं, जिसकी दुनिया भर से मांग हो रही है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस से जब कुरैशी के उस बयान पर सवाल किया गया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत एफएटीएफ को प्रभावित कर रहा है, तो उन्होंने कहा कि अमेरिका 'पाकिस्तान को एफएटीएफ और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करना जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करेगा, ताकि आतंकवाद के वित्तपोषण, जांच और अभियोजन को संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकी समूहों के सरगनाओं और कमांडरों को लक्षित करके शेष कार्रवाई को तेजी से पूरा किया जा सके।' उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार प्रतिबंधित आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, जिससे वह बचने का प्रयास करता है। 
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Pakistan Foreign Minister Shah Mahmood Qureshi Furious On FATF About India Sponsoring Terrorism: भारत के खिलाफ झूठ पर FATF ने नहीं दिया साथ, भड़के पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री


pakistan foreign minister shah mahmood qureshi furious on fatf about india sponsoring terrorism
भारत के खिलाफ झूठ पर FATF ने नहीं दिया साथ, भड़के पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री
Curated by
शैलेश शुक्ला | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 05 Jul 2021, 08:16:00 AM
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Pakistan Foreign Minister India FATF: पाकिस्‍तान को ग्रे लिस्‍ट में डालने वाले FATF ने भारत के खिलाफ उसके झूठ को नहीं माना तो पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को जोरदार मिर्ची लगी है। कुरैशी ने कहा कि अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय उनकी चिंताओं पर ध्‍यान नहीं दे रहा है।
 
हाइलाइट्स:
FATF के साथ नहीं देने पर पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी बुरी तरह से भड़क उठे हैं
शाह महमूद कुरैशी ने आरोप लगाया कि भारत पाकिस्‍तान में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है
उन्‍होंने निराशा जताई कि अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय भारत के खिलाफ उनकी चिंताओं पर ध्‍यान नहीं दे रहा
इस्‍लामाबाद
भारत के खिलाफ झूठ पर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के साथ नहीं देने पर पाकिस्‍तान के बड़बोले विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भड़क उठे हैं। लश्‍कर आतंकी हाफिज सईद के घर के पास हुए विस्‍फोट के बहाने कुरैशी ने आरोप लगाया कि भारत पाकिस्‍तान में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। उन्‍होंने इस बात पर निराशा जताई कि अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय भारत के खिलाफ पाकिस्‍तानी चिंताओं पर ध्‍यान नहीं दे रहा है।
कुरैशी ने कहा कि अगर समय से अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय ने ध्‍यान दिया होता तो लाहौर में जोहर टाउन इलाके में विस्‍फोट नहीं होता। पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री ने दावा किया कि इस विस्‍फोट के पीछे भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के हाथ होने के स्‍पष्‍ट साक्ष्‍य हैं। कुरैशी ने कहा कि 'आंतक फैलाने' के स्‍पष्‍ट साक्ष्‍य को देखते हुए एफएटीएफ की यह ड्यूटी है कि वह भारत से पूछे कि वह क्‍यों पाकिस्‍तान में आतंक‍ी गतिविधियों में मदद कर रहा है।
'हाफिज सईद के घर के बाहर बम विस्फोट के पीछे भारतीय नागरिक'
कुरैशी ने कहा, 'यदि एफएटीएफ भारत को इसके लिए नहीं कहता है तो यह उसका दोहरा मानदंड दर्शाता है। पाकिस्‍तान को इस दोहरे मानदंड के खिलाफ एक आपत्ति जताने का अधिकार है।' उन्‍होंने कहा कि लाहौर विस्‍फोट के मुद्दे को वह अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर उठाएगा। दरअसल, आतंकवाद को बढ़ावा देने के कारण ही एफएटीएफ ने पाकिस्‍तान को ग्रे लिस्‍ट में डाल रखा है। पाकिस्‍तान इससे कर्ज नहीं ले पा रहा है और परेशान है। इससे पहले पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मुईद यूसुफ ने रविवार को आरोप लगाया था कि मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड और प्रतिबंधित जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद के घर के बाहर एक शक्तिशाली बम विस्फोट के पीछे एक भारतीय नागरिक का हाथ था।
यह विस्फोट पिछले महीने हुआ था। लाहौर के जोहर टाउन में बोर्ड ऑफ रेवेन्यू हाउसिंग सोसाइटी में स्थित सईद के घर के बाहर 23 जून को कार के जरिए बम विस्फोट किया गया था जिसमें तीन लोगों की मौत हुई थी और 24 अन्य जख्मी हुए थे। किसी भी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। एनएसए यूसुफ ने दावा किया कि हमले का मास्टरमाइंड 'एक भारतीय नागरिक है' जिसका एक खुफिया एजेंसी से संबंध है।
'मुख्य मास्टरमाइंड भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ से संबंधित'
उन्होंने कहा, 'इन आतंकवादियों के पास से बरामद किए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, फोरेंसिक विश्लेषण के जरिए, हमने मुख्य मास्टरमाइंड और इस आतंकवादी हमले के संचालकों की पहचान की है और हमें आपको यह सूचित करने में कोई शक या आपत्ति नहीं है कि मुख्य मास्टरमाइंड भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ से संबंधित एक भारतीय नागरिक है और भारत में है।' हालांकि उन्होंने कथित संदिग्ध की पहचान उजागर नहीं की। अतीत में, भारतीय विदेश मंत्रालय पाकिस्तान में कुछ आतंकी हमलों में भारत की संलिप्तता के आरोपों को खारिज कर चुका है और कह चुका है कि 'सबूत' के तथाकथित दावे कल्पना की उपज हैं।
भारत ने पाकिस्‍तान के झूठे दावे की निकाली हवा
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय उसके हथकंडों से अवगत है और इस्लामाबाद द्वारा आतंकवाद को प्रायोजित करने के प्रमाण को किसी और ने नहीं बल्कि उसके खुद के नेतृत्व ने माना है। इससे पहले कुरैशी ने भी आरोप लगाया था कि उनके देश में हुए कुछ आतंकी हमलों के पीछे भारत का हाथ है, जिसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पिछले साल नवंबर में कहा था, 'भारत विरोधी प्रचार की एक और बेकार कवायद है। भारत के खिलाफ सबूत के तथाकथित दावों की कोई विश्वसनीयता नहीं है, वे गढ़े गए हैं और कल्पना पर आधारित हैं।'
बाद में प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने अपनी टीम को विस्फोट की जांच के निष्कर्षों के बारे में आज राष्ट्र को जानकारी देने का निर्देश दिया था और कहा था कि नागरिक और सैन्य खुफिया एजेंसियों के बीच समन्वय से 'आतंकवादियों और उनके अंतरराष्ट्रीय संबंधों की पहचान की गई।' सईद संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी है। अमेरिका ने उस पर एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा है। वह आतंकवाद के वित्तपोषण के पांच मामलों में सजा काट रहा है। सईद के नेतृत्व वाला जमात-उद-दावा आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है। लश्कर 2008 के मुंबई हमले के लिए जिम्मेदार है।
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