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Addressing the issue of canal breaches, which is causing flooding in Punjab and Haryana, Col Sandhu said that certain breaches cannot be plugged immediately due to the high rate of water flow. “

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Briefing September 19-25, 2021

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Lahul Claims Ladakh Did Deep Incursion Into Himachal, Seeks Resolution of Crisis

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Bro Will Build Four Tunnels On Manali Leh Road, Distance Will Reduced By 256 Km - मनाली से कारगिल 260, लेह की 250 किमी कम होगी दूरी्, चार सुरंगों का निर्माण करेगा बीआरओ


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चीन और पाकिस्तान की सीमा से सटे लेह-लद्दाख और कारगिल तक जाने वाले सामरिक महत्व के मनाली-लेह तथा मनाली-दारचा-पदम-कारगिल मार्ग पर केंद्र सरकार चार सुरंगें बनाने जा रही है। इससे मनाली से कारगिल की दूरी 260 और लेह की दूरी 250 किलोमीटर कम होगी। मनाली-लेह मार्ग पर 29 किमी लंबी तीन सुरंगें बनेंगी। 16040 फीट ऊंचे बारालाचा दर्रा में सुरंग की डीपीआर बनाने के आदेश जारी कर दिए हैं।
यह टनल करीब 11.25 किमी लंबी होगी। 17420 फीट ऊंचे तंगलंगला दर्रा में साढ़े पांच किमी तथा 15547 फीट ऊंचे नकिला दर्रा में साढ़े 13 किमी लंबी टनल बनाई जाएगी। इन सुरंगों का निर्माण सीमा सड़क संगठन करेगा। मनाली से लेह की दूरी 475 किलोमीटर है। सुरंगें बनने के बाद मनाली से लेह पहुंचने में करीब 12 घंटे लगेंगे। करीब 250 किमी सफर कम होगा। मनाली-लेह मार्ग भी डबललेन होगा। इसके करीब 80 फीसदी क्षेत्र में काम जारी है। 
2019 में वायु सेना के एमआई-17 हेलीकाप्टर से सुरंगों का आधुनिक विदेशी एंटीना से सर्वे होना था, लेकिन मौसम खराब होने से यह काम नहीं हो सका था। इसके बाद भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलीकाप्टर से शिंकुला दर्रा का सर्वे किया था। शिंकुला टनल बनने से मनाली-कारगिल की दूरी 260 किमी कम होगी और सफर भी 885 से घटकर 625 किमी रह जाएगा। यह मार्ग डबललेन बनाया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मनाली-लेह की तीन और मनाली-कारगिल की शिंकुला सुरंग का निर्माण बीआरओ करेगा।
टनल को देखते हुए बनेगी अलग डिविजन
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मंत्रालय इस साल करीब दो लाख करोड़ के टनलों के प्रोजेक्टों को मंजूरी देगा। मंत्रालय सुरंग के निर्माण के लिए अलग से डिविजन बनाने जा रहा है। इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है। इसकी रिपोर्ट आने पर अलग डिविजन बनेगा। कुल्लू और लाहौल की वादियां स्विट्जरलैंड की तरह हैं। यहां रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाकर युवाओं को रोजगार दिया जाएगा। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए नए प्रोजेक्ट बनाए जाएंगे।
विस्तार
चीन और पाकिस्तान की सीमा से सटे लेह-लद्दाख और कारगिल तक जाने वाले सामरिक महत्व के मनाली-लेह तथा मनाली-दारचा-पदम-कारगिल मार्ग पर केंद्र सरकार चार सुरंगें बनाने जा रही है। इससे मनाली से कारगिल की दूरी 260 और लेह की दूरी 250 किलोमीटर कम होगी। मनाली-लेह मार्ग पर 29 किमी लंबी तीन सुरंगें बनेंगी। 16040 फीट ऊंचे बारालाचा दर्रा में सुरंग की डीपीआर बनाने के आदेश जारी कर दिए हैं।
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यह टनल करीब 11.25 किमी लंबी होगी। 17420 फीट ऊंचे तंगलंगला दर्रा में साढ़े पांच किमी तथा 15547 फीट ऊंचे नकिला दर्रा में साढ़े 13 किमी लंबी टनल बनाई जाएगी। इन सुरंगों का निर्माण सीमा सड़क संगठन करेगा। मनाली से लेह की दूरी 475 किलोमीटर है। सुरंगें बनने के बाद मनाली से लेह पहुंचने में करीब 12 घंटे लगेंगे। करीब 250 किमी सफर कम होगा। मनाली-लेह मार्ग भी डबललेन होगा। इसके करीब 80 फीसदी क्षेत्र में काम जारी है। 
2019 में वायु सेना के एमआई-17 हेलीकाप्टर से सुरंगों का आधुनिक विदेशी एंटीना से सर्वे होना था, लेकिन मौसम खराब होने से यह काम नहीं हो सका था। इसके बाद भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलीकाप्टर से शिंकुला दर्रा का सर्वे किया था। शिंकुला टनल बनने से मनाली-कारगिल की दूरी 260 किमी कम होगी और सफर भी 885 से घटकर 625 किमी रह जाएगा। यह मार्ग डबललेन बनाया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मनाली-लेह की तीन और मनाली-कारगिल की शिंकुला सुरंग का निर्माण बीआरओ करेगा।
टनल को देखते हुए बनेगी अलग डिविजन
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मंत्रालय इस साल करीब दो लाख करोड़ के टनलों के प्रोजेक्टों को मंजूरी देगा। मंत्रालय सुरंग के निर्माण के लिए अलग से डिविजन बनाने जा रहा है। इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है। इसकी रिपोर्ट आने पर अलग डिविजन बनेगा। कुल्लू और लाहौल की वादियां स्विट्जरलैंड की तरह हैं। यहां रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाकर युवाओं को रोजगार दिया जाएगा। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए नए प्रोजेक्ट बनाए जाएंगे।
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