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शर्मनाक: पति के सामने महिला को निर्वस्त्र कर जूतों की माला पहना गांव में घुमाया

झारखंड के दुमका जिले के रानीश्वर थाना क्षेत्र में एक महिला को पति के सामने निर्वस्त्र कर जूतों की माला पहनाकर सार्वजनिक रूप से घुमाए जाने का मामला सामने आया है।

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Mathura Sri Krishna Janmabhoomi Case: Shahi Masjid Party Objection Accepted In Court - श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामला: कोर्ट में शाही मस्जिद पक्ष की आपत्ति स्वीकार, अब रिवीजन में सुनवाई


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उत्तर प्रदेश के मथुरा में जिला जज की अदालत ने सोमवार को श्रीकृष्ण विराजमान के दावे की अपील पर शाही मस्जिद ईदगाह के सचिव की ओर से दाखिल की गई आपत्ति को स्वीकार कर लिया। इसके बाद अपील को संशोधित करते हुए रिवीजन में बदल दिया गया है। अदालत अब इस दावे की रिवीजन में सुनवाई करेगी। इसके लिए 28 जनवरी की तारीख तय की गई है। अदालत के इस निर्णय के बाद अपील में पक्षकार होने वाले अन्य दावों पर भी सुनवाई नहीं हो सकेगी।
सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री व अन्य ने श्रीकृष्ण विराजमान के भक्त के रूप में 25 सितंबर 2020 को अदालत में दावा किया था कि शाही मस्जिद ईदगाह के साथ वर्ष 1967 में हुए समझौते के बाद हुई डिक्री (न्यायिक निर्णय) को रद्द कर दिया जाए। जिससे कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान से संबंधित कटरा केशवदेव की 13.37 एकड़ जमीन श्रीकृष्ण विराजमान को मिल सके। 
इस दावे में वादी की ओर से यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन, शाही मस्जिद ईदगाह के सचिव, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के ट्रस्टी और श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव को प्रतिवादी बनाया गया था। श्रीकृष्ण विराजमान का दावा सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत के अनुपस्थित होने के कारण फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुना गया और उसे प्रकीर्ण वाद में दर्ज किया गया। 
सात जनवरी को दाखिल की गई थी आपत्ति
इस मामले में सुनवाई जिला जज यशवंत कुमार मिश्र की अदालत में चल रही थी। इसमें सात जनवरी को शाही मस्जिद ईदगाह के सचिव अधिवक्ता तनवीर अहमद द्वारा आपत्ति दर्ज करते हुए अदालत में प्रार्थनापत्र दिया कि श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से दाखिल की गई अपील प्रकीर्ण वाद में दर्ज होने के कारण सुनवाई योग्य नहीं है। 
इस प्रार्थनापत्र पर अदालत में 7 व 18 जनवरी को बहस हुई। इस बहस के बाद जिला जज ने आपत्ति को स्वीकार करते हुए निर्णय दिया कि इस दावे की सुनवाई अब निगरानी में रिवीजन के रूप में होगी। इसके लिए अदालत ने 28 जनवरी की तारीख तय की है। अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन व डीजीसी शिवराम तरकर ने बताया कि अब दावे की सुनवाई रिवीजन के रूप में अदालत में होगी।
पक्षकार बनने वालों के दावों को नहीं सुना जा सकेगा
अदालत के इस निर्णय के बाद जिन लोगों ने श्रीकृष्ण विराजमान के दावे की अपील पर स्वयं को पक्षकार बनाने के लिए अदालत में प्रार्थनापत्र दिया था। अब उनके प्रार्थनापत्रों पर सुनवाई नहीं हो सकेगी। बता दें कि अभी तक करीब दस लोगों की ओर से दावे में स्वयं को पक्षकार बनाने के लिए अदालत को प्रार्थनापत्र दिया था।
हिंदू आर्मी के दावे पर हुई सुनवाई, फैसला 29 जनवरी को
सोमवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन नेहा बधौतिया की अदालत में हिंदू आर्मी चीफ मनीष यादव के दावे पर सुनवाई हुई। मनीष यादव ने खुद को श्रीकृष्ण विराजमान का वंशज बताते हुए श्रीकृष्ण जन्मस्थान के कटरा केशव देव से संबंधित 13.37 एकड़ जमीन की वर्ष 1968 में हुई डिक्री रद्द करने का दावा किया गया था। 
अदालत ने बहस के बाद निर्णय के लिए 29 जनवरी की तारीख तय की है। मनीष यादव ने बताया कि अदालत ने 29 जनवरी को उनके दावे के दाखिल होने के संबंध में निर्णय की तिथि दी है। इस दौरान उनके साथ अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह, अंकित तिवारी, वरुण मिश्रा, नितेश मिश्रा मौजूद थे।
विस्तार
उत्तर प्रदेश के मथुरा में जिला जज की अदालत ने सोमवार को श्रीकृष्ण विराजमान के दावे की अपील पर शाही मस्जिद ईदगाह के सचिव की ओर से दाखिल की गई आपत्ति को स्वीकार कर लिया। इसके बाद अपील को संशोधित करते हुए रिवीजन में बदल दिया गया है। अदालत अब इस दावे की रिवीजन में सुनवाई करेगी। इसके लिए 28 जनवरी की तारीख तय की गई है। अदालत के इस निर्णय के बाद अपील में पक्षकार होने वाले अन्य दावों पर भी सुनवाई नहीं हो सकेगी।
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सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री व अन्य ने श्रीकृष्ण विराजमान के भक्त के रूप में 25 सितंबर 2020 को अदालत में दावा किया था कि शाही मस्जिद ईदगाह के साथ वर्ष 1967 में हुए समझौते के बाद हुई डिक्री (न्यायिक निर्णय) को रद्द कर दिया जाए। जिससे कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान से संबंधित कटरा केशवदेव की 13.37 एकड़ जमीन श्रीकृष्ण विराजमान को मिल सके। 
इस दावे में वादी की ओर से यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन, शाही मस्जिद ईदगाह के सचिव, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के ट्रस्टी और श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव को प्रतिवादी बनाया गया था। श्रीकृष्ण विराजमान का दावा सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत के अनुपस्थित होने के कारण फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुना गया और उसे प्रकीर्ण वाद में दर्ज किया गया। 
सात जनवरी को दाखिल की गई थी आपत्ति
इस मामले में सुनवाई जिला जज यशवंत कुमार मिश्र की अदालत में चल रही थी। इसमें सात जनवरी को शाही मस्जिद ईदगाह के सचिव अधिवक्ता तनवीर अहमद द्वारा आपत्ति दर्ज करते हुए अदालत में प्रार्थनापत्र दिया कि श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से दाखिल की गई अपील प्रकीर्ण वाद में दर्ज होने के कारण सुनवाई योग्य नहीं है। 
इस प्रार्थनापत्र पर अदालत में 7 व 18 जनवरी को बहस हुई। इस बहस के बाद जिला जज ने आपत्ति को स्वीकार करते हुए निर्णय दिया कि इस दावे की सुनवाई अब निगरानी में रिवीजन के रूप में होगी। इसके लिए अदालत ने 28 जनवरी की तारीख तय की है। अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन व डीजीसी शिवराम तरकर ने बताया कि अब दावे की सुनवाई रिवीजन के रूप में अदालत में होगी।
पक्षकार बनने वालों के दावों को नहीं सुना जा सकेगा
अदालत के इस निर्णय के बाद जिन लोगों ने श्रीकृष्ण विराजमान के दावे की अपील पर स्वयं को पक्षकार बनाने के लिए अदालत में प्रार्थनापत्र दिया था। अब उनके प्रार्थनापत्रों पर सुनवाई नहीं हो सकेगी। बता दें कि अभी तक करीब दस लोगों की ओर से दावे में स्वयं को पक्षकार बनाने के लिए अदालत को प्रार्थनापत्र दिया था।
हिंदू आर्मी के दावे पर हुई सुनवाई, फैसला 29 जनवरी को
सोमवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन नेहा बधौतिया की अदालत में हिंदू आर्मी चीफ मनीष यादव के दावे पर सुनवाई हुई। मनीष यादव ने खुद को श्रीकृष्ण विराजमान का वंशज बताते हुए श्रीकृष्ण जन्मस्थान के कटरा केशव देव से संबंधित 13.37 एकड़ जमीन की वर्ष 1968 में हुई डिक्री रद्द करने का दावा किया गया था। 
अदालत ने बहस के बाद निर्णय के लिए 29 जनवरी की तारीख तय की है। मनीष यादव ने बताया कि अदालत ने 29 जनवरी को उनके दावे के दाखिल होने के संबंध में निर्णय की तिथि दी है। इस दौरान उनके साथ अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह, अंकित तिवारी, वरुण मिश्रा, नितेश मिश्रा मौजूद थे।
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Family Member Cut Womans Tongue Cheek And Boob Doubting Woman Have An Affair With Someone - चरित्र शंका होने पर पति और सास-ससुर ने दिखाई क्रूरता; महिला के स्तन, जीभ गाल काटे, प्राइवेट पार्ट में बेलन डाला


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उज्जैन से सटे नागदा जिले के विद्यानगर में एक वीभत्स मामला सामने आया है। एक महिला के चरित्र पर शक होने पर उसके पति, सास-ससुर और एक महिला रिश्तेदार ने क्रूरता की हद पार कर दी। इन सभी ने मिलकर महिला का स्तन, जीभ और गाल काट दिया। इस पर भी इनकी हैवानियत शांत नहीं हुई तो महिला के मुंह और प्राइवेट पार्ट में बेलन डाल दिया।
रूह कंपा देने वाले इस कृत्य की वजह से पीड़ित महिला बेहोश हो गई। इस पर उसे मरा हुआ समझकर उसे घर से बाहर फेंक दिया और मौका ए वारदात से फरार हो गए। इस घटना से भी ज्यादा दर्दनाक यह बात रही कि आस पड़ोस के लोग यह सब देखते रहे लेकिन किसी ने भी महिला को बचाने की हिम्मत नहीं दिखाई।
शैतान परिजनों के फरार होने के बाद दस मिनट तक महिला सड़क पर पड़ी तड़पती रही और मदद की गुहार लगाती रही। लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। अंतत: किसी ने पुलिस को घटना की जानकारी दी, जिसके बाद उसे पहले स्थानीय अस्पताल और फिर वहां से इंदौर के लिए रैफर कर दिया गया है। महिला की हालत नाजुक बनी हुई है। बिरलाग्राम थाना पुलिस ने पति, सास-ससुर और महिला रिश्तेदार के खिलाफ प्राणघातक हमले का प्रकरण दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।
घटना मंगलवार 12 जनवरी की है, जब सुबह विद्यानगर की मुख्य सड़क के पास बने एक मकान से एक महिला के चीखने-चिल्लाने की काफी आवाजें आ रही थीं। इसके बाद परिवार के सदस्य उसे पीटते हुए बाहर लेकर आए। खून से लथपथ महिला को मरा हुआ समझकर उसे घर के बाहर फेंककर वे सभी फरार हो गए।
मंडी थाना पुलिस के मुताबिक महिला को पहले जनसेवा अस्पताल पहुंचाया गया था, जहां से उसे उज्जैन भेजा गया। स्थिति गंभीर होने पर महिला को इंदौर रैफर किया गया। पुलिस ने तीन अलग-अलग टीमें बनाकर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
पहले भी की थी मारपीट
महिला की शादी 15 साल पहले राजेश के साथ हुई थी। इनके दो बच्चे हैं। एक की उम्र 14 तो दूसरे की उम्र पांच साल है। राजेश पेशे से ट्रक ड्राइवर है और ज्यादातर समय घर से बाहर ही रहता है। घटना के कुछ दिनों पहले महिला अपने रिश्तेदार के साथ कहीं गई थी। सोमवार 11 जनवरी को राजेश उसे वापस लेकर आया था।
कटे हुए अंग बाहर मिले
पुलिस को शक है कि राजेश काफी समय से अपनी पत्नी को मारने की योजना बना रहा था। कुछ दिनों पहले ही राजेश एक तलवार लेकर आया था। घटना को अंजाम देने में उसने तलवार का ही उपयोग किया था। घर के अंदर पुलिस को महिला का खून और कटे हुए अंग भी मिले हैं। हालांकि फरार होने से पहले आरोपियों ने खून को साफ करने की कोशिश भी की थी।
उज्जैन से सटे नागदा जिले के विद्यानगर में एक वीभत्स मामला सामने आया है। एक महिला के चरित्र पर शक होने पर उसके पति, सास-ससुर और एक महिला रिश्तेदार ने क्रूरता की हद पार कर दी। इन सभी ने मिलकर महिला का स्तन, जीभ और गाल काट दिया। इस पर भी इनकी हैवानियत शांत नहीं हुई तो महिला के मुंह और प्राइवेट पार्ट में बेलन डाल दिया।
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रूह कंपा देने वाले इस कृत्य की वजह से पीड़ित महिला बेहोश हो गई। इस पर उसे मरा हुआ समझकर उसे घर से बाहर फेंक दिया और मौका ए वारदात से फरार हो गए। इस घटना से भी ज्यादा दर्दनाक यह बात रही कि आस पड़ोस के लोग यह सब देखते रहे लेकिन किसी ने भी महिला को बचाने की हिम्मत नहीं दिखाई।
शैतान परिजनों के फरार होने के बाद दस मिनट तक महिला सड़क पर पड़ी तड़पती रही और मदद की गुहार लगाती रही। लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। अंतत: किसी ने पुलिस को घटना की जानकारी दी, जिसके बाद उसे पहले स्थानीय अस्पताल और फिर वहां से इंदौर के लिए रैफर कर दिया गया है। महिला की हालत नाजुक बनी हुई है। बिरलाग्राम थाना पुलिस ने पति, सास-ससुर और महिला रिश्तेदार के खिलाफ प्राणघातक हमले का प्रकरण दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।
घटना मंगलवार 12 जनवरी की है, जब सुबह विद्यानगर की मुख्य सड़क के पास बने एक मकान से एक महिला के चीखने-चिल्लाने की काफी आवाजें आ रही थीं। इसके बाद परिवार के सदस्य उसे पीटते हुए बाहर लेकर आए। खून से लथपथ महिला को मरा हुआ समझकर उसे घर के बाहर फेंककर वे सभी फरार हो गए।
मंडी थाना पुलिस के मुताबिक महिला को पहले जनसेवा अस्पताल पहुंचाया गया था, जहां से उसे उज्जैन भेजा गया। स्थिति गंभीर होने पर महिला को इंदौर रैफर किया गया। पुलिस ने तीन अलग-अलग टीमें बनाकर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
पहले भी की थी मारपीट
महिला की शादी 15 साल पहले राजेश के साथ हुई थी। इनके दो बच्चे हैं। एक की उम्र 14 तो दूसरे की उम्र पांच साल है। राजेश पेशे से ट्रक ड्राइवर है और ज्यादातर समय घर से बाहर ही रहता है। घटना के कुछ दिनों पहले महिला अपने रिश्तेदार के साथ कहीं गई थी। सोमवार 11 जनवरी को राजेश उसे वापस लेकर आया था।
कटे हुए अंग बाहर मिले
पुलिस को शक है कि राजेश काफी समय से अपनी पत्नी को मारने की योजना बना रहा था। कुछ दिनों पहले ही राजेश एक तलवार लेकर आया था। घटना को अंजाम देने में उसने तलवार का ही उपयोग किया था। घर के अंदर पुलिस को महिला का खून और कटे हुए अंग भी मिले हैं। हालांकि फरार होने से पहले आरोपियों ने खून को साफ करने की कोशिश भी की थी।
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