अफगानिस्तान में तमाम उथलपुथल के बीच एक छोटी सी जगह ध्यान खींचती है। बाकी देश की तरह यहां कोई अफरातफरी नहीं है, कोई भाग नहीं रहा, किसी को छिपने पर मजबूर नहीं होना पड़ रहा, किसी को दरवाजे पर दस्तक से डर नहीं लगता... ये पंजशीर घाटी है, नॉर्दन अलॉयंस का गढ़ है।पंजशीर की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगता है कि अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से एक यही हैजहां तालिबान का कब्जा नहीं है। कभी रहा भी नहीं... 70 और 80 के दशक में सोवियत ने भी कोशिश की थी, मगर पंजशीर से पार नहीं पा सके। आइए समझते हैं कि तालिबान से लोहा लेने की ताकत पंजशीर को कहां से मिलती है और वे कौन लोग हैं जो मिलकर फिर से तालिबान को चुनौती दे सकते हैं।