US company paid the biggest cyber ransom to hackers? Know wh

US company paid the biggest cyber ransom to hackers? Know what is ransomware and the story of its major attacks in India | अमेरिकी कंपनी ने हैकर्स को दी सबसे बड़ी साइबर फिरौती? जानिए रैनसमवेयर क्या है और भारत में इसके बड़े हमलों की कहानी


US Company Paid The Biggest Cyber Ransom To Hackers? Know What Is Ransomware And The Story Of Its Major Attacks In India
भास्कर इनडेप्थ:अमेरिकी कंपनी ने हैकर्स को दी सबसे बड़ी साइबर फिरौती? जानिए रैनसमवेयर क्या है और भारत में इसके बड़े हमलों की कहानी
8 घंटे पहलेलेखक: आदित्य द्विवेदी
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अभिषेक मिश्रा प्रयागराज में रहते हैं। वेडिंग फोटोग्राफी करते हैं। सीजन में 5 से 10 शादियां तक शूट कर लेते हैं। पिछले सीजन में उन्होंने अपनी 4 टीबी की हार्ड ड्राइव में सारा डेटा सेव कर रखा था। जब उसे एडिटिंग के लिए खोला तो सारी फाइल जीरो केबी की दिखने लगी। अभिषेक को खबर नहीं लगी, लेकिन उनकी हार्ड ड्राइव पर रैनसमवेयर अटैक हुआ था। उन्होंने शादियों के जिन बेहतरीन मोमेंट्स को शूट किया था, वो अब किसी हैकर की कैद में थे।
क्या होता है रैनसमवेयर?
रैनसमवेयर एक तरह का मालवेयर होता है, जो आपके कंप्यूटर में घुसकर एक्सेस हासिल कर लेता है। वो आपकी सभी फाइल को इन्क्रिप्टेड कर देता है। डेटा और एक्सेस वापस देने के एवज में फिरौती की मांग करता है। आसान भाषा में इसे किडनैपिंग समझ सकते हैं। कोई लुटेरा आपके सिस्टम और डेटा को कैद कर लेता है और उसके बदले फिरौती मांगता है। फिरौती देने के बाद वो चाहे तो आपका डेटा वापस कर दे या उसे खत्म कर सकता है।
रैनसमवेयर का पहला मामला
बेकर्स हॉस्पिटल रिव्यू वेबसाइट के मुताबिक दुनिया का पहला रैनसमवेयर अटैक 1989 में हुआ था। इसे एड्स रिसर्चर जोसेफ पोप ने अंजाम दिया था। जोसेफ ने दुनिया के 90 देशों में 20 हजार फ्लॉपी डिस्क बंटवाई। उन्होंने कहा कि इस डिस्क में एड्स के खतरों का एनालिसिस है। इस डिस्क में एक मालवेयर प्रोग्राम भी था, जो उन सभी कंप्यूटर्स में एक्टिव हो गया। डेटा के बदले उस वक्त 189 डॉलर की फिरौती मांग गई। इस रैनसमवेयर अटैक को AIDS Trojan के नाम से जाना जाता है।
रैनसमवेयर का सबसे ताजा बड़ा मामला
4 जुलाई को अमेरिका अपना स्वतंत्रता दिवस मना रहा था। इसी दिन मियामी की एक IT फर्म Kaseya पर साइबर हमला हुआ। ये फर्म 40 हजार से ज्यादा कॉर्पोरेट हाउस को अपनी सर्विस देती है। इस साइबर हमले का असर 1 हजार से ज्यादा कंपनियों के बिजनेस पर पड़ा। स्वीडन में Coop's नाम की ग्रोसरी चेन की 800 दुकानें बंद पड़ गईं क्योंकि वो अपने खाते और चेकआउट्स को एक्सेस नहीं कर पा रहे थे।
इसके पीछे 'Revil' नाम के साइबर क्राइम ग्रुप के होने की आशंका जताई गई, जो रूस से संचालित होता है। हैकर्स ने 592 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी। करीब दो हफ्ते तक डेटा इन्क्रिप्टेड रहा। 22 जुलाई को डिस्क्रिप्शन मिलने के बाद Kaseya वापस अपने डेटा तक एक्सेस कर सका। हालांकि फर्म ने ये साफ नहीं किया कि क्या उन्होंने इसके लिए फिरौती की रकम चुकाई है?
एफबीआई ने कहा है कि उनकी टीम ‘साइबर सिक्योरिटी एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी’ के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि रूस से जुड़े समूह ने Kaseya कंपनी की प्राइवेसी का हनन कैसे किया? यहां ये बताना जरूरी है कि Revil ने ही 30 मई को अमेरिकी मीट कंपनी जेबीएस पर भी साइबर अटैक किया था और 1.1 करोड़ डॉलर की फिरौती वसूली थी।
भारत के बड़े रैनसमवेयर हमले
- मई 2017 में दुनियाभर के दर्जनों देशों में वानाक्राई रैनसमवेयर का हमला हुआ, जिसमें 2 लाख से ज्यादा कंप्यूटर सिस्टम प्रभावित हुए। भारत भी इसमें शामिल था। हैकर्स ने कंप्यूटर सिस्टम लॉक करके 300 से 600 डॉलर जमा करने की बात कही थी। इस हमले में अमेरिकी हेल्थकेयर सिस्टम सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था।
- 22 मार्च 2018 की बात है। उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के पंचकुला स्थित हेड ऑफिस के कंप्यूटर पर एक मैसेज फ्लैश हुआ। इसमें लिखा था कि आपका सिस्टम हैक हो चुका है। इसके बदले में 1 करोड़ रुपए की मांग की गई थी, जिसे बिटक्वॉइन में जमा करना था। हालांकि निगम ने एक हफ्ते में सिस्टम रिस्टोर कर लिया। किसी तरह की फिरौती देने की बात सामने नहीं आई।
- 29 अप्रैल 2019 को तेलंगाना और आंध्र प्रदेश स्टेट पॉवर यूटिलिटी पर रैनसमवेयर हमला हुआ। इससे उनके सिस्टम पर हैकर्स का कंट्रोल हो गया और कई तरह की सर्विसेज प्रभावित हुई। साइबर क्राइम के एडिशनल डीसीपी ने उस वक्त बताया था कि हैकर्स ने बिटक्वॉइन में फिरौती मांगी, लेकिन वो बिना पैसे दिए भी सिस्टम रिस्टोर कर लेंगे। कुछ दिनों में सिस्टम रिस्टोर कर लिया गया।
अब वापस आते हैं अभिषेक मिश्रा की आपबीती पर। अपनी हार्ड ड्राइव का डेटा रिकवर करने के लिए वो दिल्ली गए। वहां उन्हें पता लगा कि उनकी हार्ड ड्राइव पर रैनसमवेयर अटैक हुआ है। हैकर्स ने जापानी भाषा में मैसेज भेजकर 4.5 लाख रुपए की मांग की। 1 लाख रुपए में एक शादी का डेटा डिस्क्रिप्ट करने की बात तय हुई। अभिषेक ने हैकर्स के बताए खाते में 1 लाख रुपए जमा कर दिए, लेकिन 6 महीने बाद भी उन्हें अपने डेटा का एक्सेस मिलने का इंतजार है।
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