मेकेदातु परियोजना के खिलाफ अन्नामलाई के विरोध को कमल हासन ने बताया दिखावा, बीजेपी की तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी से की prabhasakshi.com - get the latest breaking news, showbiz & celebrity photos, sport news & rumours, viral videos and top stories from prabhasakshi.com Daily Mail and Mail on Sunday newspapers.
Kamal Haasan attend parliamentary standing committee meeting to discuss on Cinematograph Amendment Bill 2021 | Cinematograph Amendment Bill 2021: कमल हासन समेत कई नेता संसदीय समिति की बैठक में होंगे शामिल, कल होगी चर्चा haribhoomi.com - get the latest breaking news, showbiz & celebrity photos, sport news & rumours, viral videos and top stories from haribhoomi.com Daily Mail and Mail on Sunday newspapers.
1400 People Related To The Industry Including Farhan Akhtar, Anurag Kashyap, Sudhir Mishra Came Against The Change In The Law Of Film Censorship सेंसर के ऊपर सरकार:फिल्म सेंसरशिप के कानून में बदलाव के खिलाफ आए फरहान अख्तर, अनुराग कश्यप, सुधीर मिश्रा सहित इंडस्ट्री से जुड़े 1400 लोग मुंबई18 घंटे पहलेलेखक: हिरेन अंतानी कॉपी लिंक 2 जुलाई तक सरकार ने इंडस्ट्री से जुड़े लोगों से मांगे थे कानून को लेकर सुझाव जो फिल्म ऑलरेडी रिलीज हो चुकी है, उसके खिलाफ शिकायत होने पर फिर सेंसर करने के कानून सुधार का प्रोड्यूसर्स गिल्ड ने विरोध जताया है। फरहान अख्तर, हंसल मेहता और अनुराग कश्यप समेत 1400 लोगों ने इस सुधार के खिलाफ पिटीशन फाइल की है। दूसरी और श्याम बेनेगल ने इस सुधार के समर्थन में कहा है कि कोई सर्टिफिकेशन स्थाई तौर पर लागू नहीं हो सकता। सरकार ने सिनेमेटोग्राफ (अमेंडमेंट) बिल, 2021 का ड्राफ्ट सार्वजनिक किया है। इस पर 2 जुलाई तक सुझाव मांगे गए हैं, लेकिन कुछ फिल्म मेकर्स का कहना है कि हम सरकार से और समय मांगेंगे। प्रोड्यूसर्स गिल्ड ने कहा- अपना विरोध साझा करेंगे प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के CEO नितिन तेज आहूजा ने बताया कि फिलहाल फिल्म इंडस्ट्री कोविड के प्रभाव से जूझ रही है। ऐसे माहौल में यह सुधार एक नया संकट है। गिल्ड सारे मेंबर्स और एक्सपर्ट के साथ चर्चा करेगा और हम अपना विरोध भी जरूर दर्ज कराएंगे। सेंसर सर्टिफिकेट की 10 साल की मुद्दत निरस्त कर उसे स्थाई बनाने के सुधार का स्वागत है। U/A सर्टिफिकेट में कैटेगरी बढ़ाने और पायरेसी के खिलाफ भारी दंड के प्रावधान भी अच्छे हैं, मगर उन पर किस तरह अमल हो पाएगा, यह समझना होगा। हमारे यहां कोर्ट है ही, फिर और क्या जरूरत? फिल्म मेकर सुधीर मिश्रा ने इस प्रावधान का विरोध करते हुए कहा कि हमारे यहां अपनी स्वायत्त न्याय प्रणाली है ही, किसी को अगर किसी फिल्म पर आपत्ति है, तो वह कोर्ट में जा ही सकता है। फिर यह प्रावधान क्यों होना चाहिए? इसका मतलब तो यह हुआ कि सरकार को खुद अपनी ही संस्था CBFC पर भरोसा नहीं। हम जानते हैं कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अबाधित नहीं है। हम सब को हमारी न्याय प्रणाली पर भरोसा है। फिर सरकार को खुद को समीक्षा का अधिकार क्यों चाहिए? पहले ट्रिब्यूनल के रूप में एक रिड्रेसल मैकेनिज्म था। वहां एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में सुनवाई होती थी। वह भी छीन लिया गया। उसे बहाल करना चाहिए। कोरोना के घाव पर नमक छिड़कने जैसा मिश्रा ने कहा- अभी पूरी इंडस्ट्री कोविड की वजह से बहुत नुकसान में है। इसमें राहत की बात तो दूर, अब इंडस्ट्री को इन सब बातों में उलझाया जा रहा है। मैं तो एक अरसे से कह रहा हूं कि इंडस्ट्री को पांच साल के टैक्स ब्रेक की जरूरत है। तभी इस देश में क्रिएटिविटी का विस्फोट होगा। मगर, ऐसी समीक्षा के जोखिम की स्थिति में कौन अपना पैसा फिल्म बनाने पर लगाएगा? हम तीन बंदर नहीं बन सकते इस सुधार के खिलाफ विशाल भारद्वाज और प्रीतिश नंदी जैसे प्रोड्यूसर आ चुके हैं। साउथ फिल्म इंडस्ट्री से कमल हासन ने कहा है कि हम आंख, मुंह और कान बंद करके बैठे तीन बंदर की भूमिका नहीं निभा सकते। ऑनलाइन भी चल रहा है एक्ट में संशोधन का विरोध फिल्म मेकर प्रतीक वत्स और शिल्पा गुलाटी ने एक ऑनलाइन पिटीशन तैयार की है। इस पर फरहान अख्तर, शबाना आजमी, हंसल मेहता और अनुराग कश्यप समेत फिल्म उद्योग से जुड़े लोग और कई प्रबुद्ध लोगों ने अपनी सहमति जताई है। इस पिटीशन में 5 बातें अहम हैं। श्याम बेनेगल ने किया सुधार का समर्थन दूसरी ओर वरिष्ठ फिल्म मेकर श्याम बेनेगल ने इस सुधार का स्वागत किया है। हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि आज जो बात सही लग रही है, वो 20 साल के बाद सही न लगे, ऐसा हो सकता है इसलिए सर्टिफिकेशन स्थाई नहीं होना चाहिए। सुझाव मांगे है तो सुझाव दीजिए फिल्म प्रोड्यूसर विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि अभी तो सरकार ने सुझाव ही मांगे हैं। यह तो अच्छी बात है कि सरकार कोई कानून बनाने से पहले सभी संबंधित लोगों से सुझाव मांग रही है, तो अभी तो सुझाव भेजने चाहिए। इसमें अभी से राजनीति की क्या जरूरत है? थिएटर एक्जीबिटर्स एसोसिएशन भी खिलाफ में सिनेमा ऑनर्स एंड एग्जीबिटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट नितिन दातार ने बताया कि सरकार का ओटीटी या इंटरनेट पर कोई कंट्रोल नहीं है। सारे कंट्रोल बस सिनेमाघर के लिए हैं। कोई प्रैक्टिकल तरीके से सोचता नहीं, सब बस अपनी खिचड़ी पका रहे हैं। 7+, 13+ या 16+ के अलग U/A सर्टिफिकेट का क्या मतलब है? इससे तो सिनेमाघर के स्टाफ, मालिक और पेरेंट्स के बीच झगड़ा बढ़ेगा। अब सिनेमाघर का स्टाफ क्या बच्चों के एज प्रूफ भी चेक करेगा? कोई परिवार में एक बच्चा 13 साल से छोटा और दूसरा 13 साल से बड़ा है तो क्या एक बच्चे को घर पर छोड़ आएंगे? हर फिल्म रिलीज होती है तो उसमें एग्जीबिटर्स और थिएटर ऑनर्स के पैसे लगते हैं। अगर फिल्म वापस ले ली गई तो इन सबका नुकसान कौन भरेगा? और सरकार को भी टैक्स का नुकसान होगा। बड़े प्रोडक्शन हाउस ने चुप्पी साधी दैनिक भास्कर ने बॉलीवुड में करोड़ों की लागत से फिल्म बनाने वाले बड़े प्रोडक्शन हाउस से उनकी राय जाननी चाही, मगर ज्यादातर प्रोड्यूसर्स ने इस विवाद पर चुप्पी साध रखी है। सनी देओल से है उम्मीद सूत्रों ने बताया कि फिल्म अभिनेता और भाजपा सांसद सन्नी देओल इस सुधार को लेकर सरकार और प्रोड्यूसर्स दोनों के संपर्क में हैं। शायद इससे कोई सकारात्मक हल निकल सकता है। खबरें और भी हैं.
D. Rajinikanth All those eager to participate must send in their answers before 9 PM tomorrow (May 18, 2021). Here is the 8th question of the #KBC13 registrations. Please send in your answers before 9 PM tomorrow. @SonyLIV@SrBachchanpic.twitter.com/Te8FbatuoM The post shared by the channel telecasting the show. The theme for Kaun Banega Crorepati (KBC) season 13 is Koshish , to fulfil one’s dreams by taking all the first step that counts the most. The selection process is completely digital and users can make use of the SonyLIV app. Kaun Banega Crorepati is a game show based on the British TV programme titled Who Wants to Be a Millionaire? . Big B has been associated with it for 11 seasons, and Shah Rukh Khan hosted season 3 of KBC.