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अपडेट समय: 260 उत्तराखंड के पिछले विधानसभा चुनाव में भारी जीत दर्ज करने वाली भाजपा को चार माह में यदि दो मुख्यमंत्री बदलने पड़े तो जाहिर है कि पार्टी में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है। राज्य बनने के दो दशक के दौरान यदि ग्यारहवें मुख्यमंत्री को शपथ दिलायी गई तो यह राजनीतिक अस्थिरता का ही पर्याय है। पिछले चुनाव में जनता ने 57 सीटें देकर पार्टी में पूरा विश्वास जताया था, लेकिन पार्टी में कोई ऐसा चेहरा नजर नहीं आया जो पूरे पांच साल तक राज्य को कुशल नेतृत्व दे सकता। हालांकि, राज्य में तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे की वजह जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 151 के चलते उत्पन्न संवैधानिक संकट को बताया जा रहा है, लेकिन राजनीतिक पंडित बता रहे हैं कि इसके मूल में पार्टी का असंतोष ही है। बताते हैं कि पार्टी के अंदरूनी सर्वेक्षण में यह बात सामने आयी थी कि तीरथ सिंह रावत 2022 में होने वाले चुनाव में पार्टी के खेवनहार साबित नहीं हो सकते। यही वजह है कि कुल 114 दिन के कार्यकाल के बाद तीरथ सिंह रावत ने बीते शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया। वैसे भी रावत अपने विवादित बयानों के कारण खासे सुर्खियों में रहे। महिलाओं की फटी जीन्स पर की गई उनकी टिप्पणी की खासी आलोचना हुई। फिर भारत के अमेरिका के अधीन रहने के बयान पर पार्टी की किरकिरी हुई। कुंभ मेले के आयोजन व कोरोना संकट पर उनके विवादित बयान सुर्खियां बनते रहे। सवाल यह है कि ग्याहरवें मुख्यमंत्री बनने वाले युवा पुष्कर सिंह धामी पार्टी की साख को संवारते हुए आसन्न विधानसभा चुनाव में पार्टी की नैया पार लगा पाएंगे? उन्हें पार्टी की छवि संवारनी है और खुद को भी साबित करना है। उनके पास किसी मंत्री पद का अनुभव भी नहीं है। साथ ही पार्टी के दिग्गज नेताओं को साथ लेकर भी चलना है जो उनके मुख्यमंत्री बनने की घोषणा के बाद तेवर दिखा रहे थे। पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के ओएसडी रहे धामी भारतीय जनता युवा मोर्चे के प्रदेशाध्यक्ष व विद्यार्थी परिषद के विभिन्न पदों पर रहे हैं। बहरहाल, राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के संकट ने उत्तराखंड में विपक्षी कांग्रेस को हमलावर होने का मौका दे दिया है। कांग्रेसी कह रहे हैं कि राज्य में डबल इंजन वाली सरकार का फायदा राज्य की जनता को नहीं मिला और पार्टी अपने चुनावी वादे पूरे नहीं कर पायी है। निस्संदेह, जब राज्य में विधानसभा चुनाव के लिये कुछ ही महीने बाकी हैं, पुष्कर सिंह धामी के लिये कई चुनौतियां सामने खड़ी हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि धामी को मुख्यमंत्री के रूप में कांटों का ताज मिला है। राज्य में भाजपा सरकार के कामकाज पर कई प्रश्नचिन्ह हैं। जहां उन्हें एक ओर पार्टी के असंतुष्टों को साथ लेकर चलना है, वहीं सरकार की छवि सुधारनी है ताकि 2022 के समर में वे जनता से अधिकार से वोट मांग सकें। उनके पास समय कम है और काम ज्यादा है। भाजपा की कोशिश है कि उत्तर प्रदेश के साथ ही उत्तराखंड में भी फिर से उसकी सरकार लौटे। उत्तर प्रदेश में हालिया जिला पंचायत चुनावों के परिणामों से जहां भाजपा उत्साहित है, वहीं उत्तराखंड की स्थिति उसकी चिंता बढ़ाने वाली है। मौजूदा बदलाव उसी चिंता का परिचायक है। दरअसल, पार्टी की दिक्कत यह है कि पश्चिम बंगाल की तरह उसके पास उत्तराखंड में कोई सर्वमान्य चेहरा नहीं है; जिसके चलते असंतोष के सुर उभरते हैं, जिसका समाधान पार्टी नेतृत्व परिवर्तन के रूप में देखती है। कमोबेश यही स्थिति कांग्रेस की भी रही है, जिसने 2013 की केदारनाथ आपदा में सरकार की नाकामयाबी के बाद मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को बदलकर हरीश रावत को सरकार की बागडोर सौंपी थी। बहरहाल, आने वाला वक्त बताएगा कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन पार्टी के भविष्य के लिये कितना कारगर साबित होता है। आसन्न चुनाव में भाजपा के लिये परंपरागत विरोधी पार्टी कांग्रेस तो मौजूद है, लेकिन इस बार राज्य में आम आदमी पार्टी की चुनौती का भी उसे सामना करना पड़ेगा क्योंकि आप ने जमीनी स्तर पर काम करना शुरू कर दिया है। खबर शेयर करें 18 घंटे पहले 18 घंटे पहले दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है। ‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया। खबरों के लिए सब्सक्राइब करें
ख़बर सुनें पुष्कर सिंह धामी आज मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। पहले वे कल ही शपथ लेने वाले थे लेकिन बाद में कार्यक्रम में बदलाव कर दिया गया। शपथ लेने के बाद वे राज्य के सबसे युवा सीएम भी बन जाएंगे। खटीमा से भाजपा के युवा विधायक पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री होंगे। धामी आज शपथ ग्रहण करेंगे। चुनावी साल में भाजपा ने युवा चेहरे पर दांव खेला है। 45 वर्षीय धामी छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय हैं। धामी के नाम की घोषणा करके भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने एक बार फिर चौंकाया। मुख्यमंत्री की दौड़ में गिने जाने वाले दिग्गज नेता सतपाल महाराज, त्रिवेंद्र सिंह रावत, धनसिंह रावत समेत कई बड़े नाम निर्णायक क्षणों में पिछड़ गए। शनिवार को प्रदेश पार्टी कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की अध्यक्षता में हुई भाजपा विधायक मंडल दल की बैठक में 45 वर्षीय धामी को सर्वसम्मति से नेता चुना गया। नाम की घोषणा के बाद धामी राजभवन पहुंचे जहां उन्होंने राज्यपाल को उन्हें भाजपा विधायक मंडल दल का नेता चुने जाने की सूचना दी और सरकार बनाने का प्रस्ताव दिया। रविवार को राजभवन में शाम छह बजे शपथग्रहण समारोह होगा। पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और भाजपा अध्यक्ष कौशिक ने धामी के नाम का प्रस्ताव किया। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, वरिष्ठ नेता सतपाल महाराज, बंशीधर भगत, हरबंस कपूर, रेखा आर्य और ऋतु खंडूड़ी ने उनके नाम का अनुमोदन किया। भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर ने धामी के नाम की घोषणा की। उनके नाम की घोषणा के साथ उनके समर्थन में जिंदाबाद के नारे गूंज उठे। बैठक संपन्न होने के बाद धामी वरिष्ठ नेताओं के साथ राजभवन के लिए रवाना हो गए। बैठक से पहले ही धामी के नाम का खुलासा भाजपा विधायक मंडल दल की बैठक शुरू होने से पहले ही पुष्कर सिंह धामी के नाम का खुलासा हो गया। बाहर उनके समर्थन में जिंदाबाद के नारे भी गूंजने लगे। बाद में बैठक में उनके नाम की घोषणा हो गई। समर्थकों के साथ पहुंचे त्रिवेंद्र पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने समर्थकों के साथ पार्टी कार्यालय बैठक में भाग लेने पहुंचे। कार्यालय पहुंचने पर उनके समर्थकों ने त्रिवेंद्र रावत जिंदाबाद के नारे लगाए। भाजपा विधायक मंडल दल की बैठक में युवा विधायक पुष्कर सिंह धामी के नाम का एलान होने के साथ ही कई वरिष्ठ विधायकों के चेहरे लटक गए। मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे चर्चित सतपाल महाराज से मीडिया कर्मियों ने प्रतिक्रिया लेनी चाही। लेकिन सीधे निकल गए।
भाजपा विधानमंडल दल का नेता चुने जाने के बाद पुष्कर सिंह धामी कलेक्ट्रेट स्थित शहीद स्मारक पहुंचे, जहां उन्होंने शहीद राज्य आंदोलनकारियों को नमन किया। पार्टी ने एक सामान्य से कार्यकर्ता को सेवा का अवसर दिया है। जनता के मुद्दों पर हम सबका सहयोग लेकर काम करेंगे। युवाओं पर मेरा खास फोकस रहेगा। मानता हूं कि समय कम है, लेकिन हम पूरी ताकत के साथ काम करेंगे। - पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड विधायक दल की बैठक में पुष्कर सिंह धामी को विधायक दल का नेता पद के लिए चुना गया। भाजपा विधायक दल के इस प्रस्ताव को लेकर राज्यपाल के पास गए। उन्होंने उनसे आग्रह किया वो हमारे नए नेता को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करें। रविवार को शपथ ग्रहण होगा। - नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय पर्यवेक्षक, भाजपा रविवार को होगा शपथग्रहण समारोह भाजपा विधायक मंडल दल का नेता चुने जाने के बाद पुष्कर सिंह धामी रविवार को 11वें मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे। रविवार को राजभवन में शपथग्रहण समारोह होगा। भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र तोमर, भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक के साथ धामी राजभवन पहुंचे जहां उन्होंने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से सरकार बनाने का आमंत्रण देने का अनुरोध किया। धामी उत्तराखंड के सबसे युवा मुख्यमंत्री भाजपा विधान मंडल दल के नेता चुने गए पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के सबसे युवा मुख्यमंत्री होंगे। वह 45 साल के हैं। पुष्कर सिंह धामी पूर्व मुख्यमंत्री व महाराष्ट्र व गोवा के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के समर्थक माने जाते हैं। धामी पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी भी रहे हैं। जब कोश्यारी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनें तो धामी भारतीय जनता युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष थे। विस्तार पुष्कर सिंह धामी आज मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। पहले वे कल ही शपथ लेने वाले थे लेकिन बाद में कार्यक्रम में बदलाव कर दिया गया। शपथ लेने के बाद वे राज्य के सबसे युवा सीएम भी बन जाएंगे। विज्ञापन खटीमा से भाजपा के युवा विधायक पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री होंगे। धामी आज शपथ ग्रहण करेंगे। चुनावी साल में भाजपा ने युवा चेहरे पर दांव खेला है। 45 वर्षीय धामी छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय हैं। धामी के नाम की घोषणा करके भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने एक बार फिर चौंकाया। मुख्यमंत्री की दौड़ में गिने जाने वाले दिग्गज नेता सतपाल महाराज, त्रिवेंद्र सिंह रावत, धनसिंह रावत समेत कई बड़े नाम निर्णायक क्षणों में पिछड़ गए। शनिवार को प्रदेश पार्टी कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की अध्यक्षता में हुई भाजपा विधायक मंडल दल की बैठक में 45 वर्षीय धामी को सर्वसम्मति से नेता चुना गया। नाम की घोषणा के बाद धामी राजभवन पहुंचे जहां उन्होंने राज्यपाल को उन्हें भाजपा विधायक मंडल दल का नेता चुने जाने की सूचना दी और सरकार बनाने का प्रस्ताव दिया। रविवार को राजभवन में शाम छह बजे शपथग्रहण समारोह होगा। पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और भाजपा अध्यक्ष कौशिक ने धामी के नाम का प्रस्ताव किया। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, वरिष्ठ नेता सतपाल महाराज, बंशीधर भगत, हरबंस कपूर, रेखा आर्य और ऋतु खंडूड़ी ने उनके नाम का अनुमोदन किया। भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर ने धामी के नाम की घोषणा की। उनके नाम की घोषणा के साथ उनके समर्थन में जिंदाबाद के नारे गूंज उठे। बैठक संपन्न होने के बाद धामी वरिष्ठ नेताओं के साथ राजभवन के लिए रवाना हो गए। बैठक से पहले ही धामी के नाम का खुलासा भाजपा विधायक मंडल दल की बैठक शुरू होने से पहले ही पुष्कर सिंह धामी के नाम का खुलासा हो गया। बाहर उनके समर्थन में जिंदाबाद के नारे भी गूंजने लगे। बाद में बैठक में उनके नाम की घोषणा हो गई। समर्थकों के साथ पहुंचे त्रिवेंद्र पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने समर्थकों के साथ पार्टी कार्यालय बैठक में भाग लेने पहुंचे। कार्यालय पहुंचने पर उनके समर्थकों ने त्रिवेंद्र रावत जिंदाबाद के नारे लगाए। भाजपा विधायक मंडल दल की बैठक में युवा विधायक पुष्कर सिंह धामी के नाम का एलान होने के साथ ही कई वरिष्ठ विधायकों के चेहरे लटक गए। मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे चर्चित सतपाल महाराज से मीडिया कर्मियों ने प्रतिक्रिया लेनी चाही। लेकिन सीधे निकल गए। शहीद आंदोलनकारियों की किया नमन भाजपा विधानमंडल दल का नेता चुने जाने के बाद पुष्कर सिंह धामी कलेक्ट्रेट स्थित शहीद स्मारक पहुंचे, जहां उन्होंने शहीद राज्य आंदोलनकारियों को नमन किया। पार्टी ने एक सामान्य से कार्यकर्ता को सेवा का अवसर दिया है। जनता के मुद्दों पर हम सबका सहयोग लेकर काम करेंगे। युवाओं पर मेरा खास फोकस रहेगा। मानता हूं कि समय कम है, लेकिन हम पूरी ताकत के साथ काम करेंगे। - पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड विधायक दल की बैठक में पुष्कर सिंह धामी को विधायक दल का नेता पद के लिए चुना गया। भाजपा विधायक दल के इस प्रस्ताव को लेकर राज्यपाल के पास गए। उन्होंने उनसे आग्रह किया वो हमारे नए नेता को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करें। रविवार को शपथ ग्रहण होगा। - नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय पर्यवेक्षक, भाजपा रविवार को होगा शपथग्रहण समारोह भाजपा विधायक मंडल दल का नेता चुने जाने के बाद पुष्कर सिंह धामी रविवार को 11वें मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे। रविवार को राजभवन में शपथग्रहण समारोह होगा। भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र तोमर, भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक के साथ धामी राजभवन पहुंचे जहां उन्होंने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से सरकार बनाने का आमंत्रण देने का अनुरोध किया। धामी उत्तराखंड के सबसे युवा मुख्यमंत्री भाजपा विधान मंडल दल के नेता चुने गए पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के सबसे युवा मुख्यमंत्री होंगे। वह 45 साल के हैं। पुष्कर सिंह धामी पूर्व मुख्यमंत्री व महाराष्ट्र व गोवा के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के समर्थक माने जाते हैं। धामी पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी भी रहे हैं। जब कोश्यारी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनें तो धामी भारतीय जनता युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष थे। विज्ञापन