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वाशिंगटन: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच अमेरिका में नए डिजास्टर रेस्पिरेटरी नस्लीय वायरस (आरएसवी) ने दस्तक दे दी है। गौरतलब है कि अधिक संक्रामक रोग 2 सप्ताह से 17 वर्ष की आयु के बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है। अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों ने कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त की है। विशेषज्ञ भी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े तो बच्चे क्या करेंगे।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट ने रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के आंकड़ों के हवाले से कहा कि आरएसवी के मामले जून में धीरे-धीरे बढ़े, पिछले महीने बहुत अधिक दर के साथ। RSV नाक बहने, खांसी, छींकने और बुखार जैसे लक्षण दिखा सकता है। ह्यूस्टन के टेक्सास चिल्ड्रन हॉस्पिटल में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ हीथर हक ने कहा, "महीनों के शून्य या बेहद कम बच्चे के मामलों के बाद, नवजात शिशुओं, बच्चों और किशोरों को अब अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है। ये संख्या हर दिन बढ़ रही है।"
न्यूयॉर्क टाइम्स के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले दो हफ्तों में अमेरिका में नए कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों में 148 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हालांकि अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या में 73 फीसदी का इजाफा हुआ है। तेजी से बढ़ते संक्रमण के ग्राफ की वजह डेल्टा वेरिएंट को माना जा रहा है। वहीं, कई राज्यों में कमजोर टीकाकरण दर भी बढ़ते मामलों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
 
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