india fear china warn pakistan pm imran khan says he will talk to balochistan insurgents भारत का खौफ, चीन की चेतावनी बलूचों के आगे झुके इमरान खान, कहा-विद्रोहियों से करेंगे बात Curated by शैलेश शुक्ला | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 06 Jul 2021, 09:18:00 AM Subscribe Imran Khan Balochistan Insurgents India: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ऐलान किया है कि वह बलूचिस्तान के विद्रोहियों के साथ बातचीत करने पर विचार कर रहे हैं। इमरान का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत का डर उन्हें सता रहा है और चीन ने 6 महीने का समय दिया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान बलूचों से करेंगे बात हाइलाइट्स: इमरान खान को अब बलूचिस्तान पर भारत का खौफ और चीन की चेतावनी का डर सताने लगा पाक पीएम ने ऐलान किया है कि वह बलूचिस्तान के विद्रोहियों के साथ बात करने के लिए तैयार हैं उन्होंने कहा कि भारत ने बलूचों का इस्तेमाल पाकिस्तान में आतंक फैलाने के लिए किया ग्वादर बलूचिस्तान की निर्दोष जनता पर कहर ढाने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अब भारत का खौफ और चीन की चेतावनी का डर सताने लगा है। पीएम इमरान खान ने ऐलान किया है कि वह बलूचिस्तान के विद्रोहियों के साथ बात करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि विद्रोही कुछ पिछली शिकायतों की वजह से पाकिस्तान सरकार से नाराज थे या भारत ने उनका इस्तेमाल पाकिस्तान में आतंक फैलाने के लिए किया। हालांकि इमरान ने दावा किया कि अब बलूचिस्तान में स्थिति बदल गई है। बलूचिस्तान के ग्वादर में विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करने पहुंचे इमरान खान ने कहा कि अगर बलूचिस्तान में विकास परियोजनाओं को बढ़ावा दिया गया होता तो हमें कभी भी विद्रोहियों को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं होती। उन्होंने कहा, 'बलूचों की पहले की शिकायतें हो सकती हैं और दूसरे देशों ने इस्तेमाल किया होगा...भारत ने उनका इस्तेमाल अव्यवस्था फैलाने के लिए किया होगा लेकिन अब स्थिति वैसी नहीं रही।' चीनी निवेश पर बलूच कर रहे हमले, आने को मजबूर हुए इमरान इमरान ने यह भी कहा कि अभी पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं हुई है कि हमारी सरकार बहुत ज्यादा पैसा बलूचिस्तान को दे सके। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री बनने से पहले उन्होंने बलूचिस्तान के विकास की ठान ली थी। इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने लंदन की 24 बार यात्रा की लेकिन एक भी बार बलूचिस्तान नहीं आए। वहीं पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने दुबई की 51 बार यात्रा की लेकिन वह कभी ग्वादर नहीं आए। दरअसल, ग्वादर चाइना-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) का बेहद अहम ठिकाना है। इस पूरे प्रॉजेक्ट पर चीन ने 62 अरब डॉलर का निवेश किया है। यही नहीं ग्वादर में चीन नौसैनिक अड्डा बनाने की तैयारी कर रहा है ताकि उसके जंगी जहाज पूरे फारस की खाड़ी पर अपनी पकड़ को मजबूत कर सकें। अभी तक इस इलाके में अमेरिकी नौसेना का दबदबा है। बलूच विद्रोही लगातार चीन की परियोजनाओं और पाकिस्तानी सैनिकों पर जानलेवा हमले कर रहे हैं। इन हमलों में कई चीनी नागरिक भी मारे गए हैं। पाकिस्तान आरोप लगाता रहा है कि बलूच विद्रोहियों को भारत मदद देता है। अब पाकिस्तानी पीएम ने खुलकर भारत का नाम भी ले लिया है। बलूच हमलों और भारत का यही डर है जिसकी वजह से लंबे अरसे बाद कोई पाकिस्तानी पीएम बलूच विद्रोहियों के साथ बातचीत को तैयार हुआ है। बलूचों पर ऐक्शन के लिए चीन ने दिया 6 महीने का वक्त पिछले दिनों पाकिस्तानी सेना के एक जनरल ने यह कहकर तहलका मचा दिया था कि बलूचिस्तान की आजादी के आंदोलन को दबाने में चीन की भूमिका है। उन्होंने कहा है कि पेइचिंग ने उन्हें बलूचों का संघर्ष खत्म करने के लिए 6 महीने का वक्त दिया है। बांग्लादेशी अखबार द डेली सन ने पाकिस्तानी सेना के मेजर जनरल अयमान बिलाल के हवाले से लिखा है कि उन्हें बलूच आंदोलन को खत्म करने के लिए क्षेत्र में तैनात किया गया है। बिलाल ने ईरान को पाकिस्तान का सबसे बड़ा दुश्मन बताया है और चेतावनी दी है कि पाक सेना ईरान के अंदर जाकर ऐक्शन लेगी। अखबार के मुताबिक बिलाल ने कहा है, 'चीन ने मुझे सैलरी और बड़ी रकम दी है और आधिकारिक रूप से मुझे क्षेत्रीय हितों के लिए यहां तैनात किया है ताकि मैं चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के खिलाफ ईरान की साजिश को खत्म कर सकूं।' पाकिस्तान ने बलूचिस्तान में कई विकासकार्य शुरू किए हैं लेकिन अभी भी यह देश का सबसे कम आबादी वाला सबसे गरीब कोना है। बागी संगठन यहां दशकों से अलगाववादी उग्रवाद की लड़ाई लड़ रहे हैं। उनकी शिकायत है कि केंद्र सरकार और अमीर पंजाब प्रांत उनके संसादनों का दोहन करता है। इस्लामाबाद ने 2005 में उग्रवाद के खिलाफ सैन्य ऑपरेशन छेड़ दिया था। इमरान ने सीपीईसी के कई परियोजनाओं की शुरुआत की ग्वादर शहर में इमरान खान ने महत्वाकांक्षी सीपीईसी परियोजना के तहत कई बड़ी परियोजनाओं और अन्य ढांचागत कार्यों की शुरुआत की। सीपीईसी पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में ग्वादर बंदरगाह को चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ता है जो अरबों डॉलर के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के तहत चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इससे चीन की पहुंच अरब सागर तक हो जाएगी। बीआरआई को चीन द्वारा ढांचागत परियोजनाओं के माध्यम से दुनिया को प्रभावित करने के प्रयास के तौर पर देखा जाता है। उन्होंने चीन के साथ कई एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए जिसका उद्देश्य एक आधुनिक अस्पताल, एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और एक व्यावसायिक संस्थान के निर्माण सहित ग्वादर में पानी और बिजली की समस्याओं का समाधान करना है। खान ने अपने संबोधन में कहा कि पाकिस्तान ‘महान राष्ट्र’ बनने की राह पर है। उन्होंने कहा, ‘मैं पाकिस्तान के भविष्य का सपना देखता हूं- मैं पाकिस्तान के साथ बड़ा हुआ हूं। देश महान राष्ट्र बनने के पथ पर अग्रसर है।’ इमरान ने कहा, ‘ग्वादर पाकिस्तान का मुख्य केंद्र बन रहा है जिससे देश के साथ ही बलूचिस्तान को भी फायदा होगा।’ Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुक पेज लाइक करें कॉमेंट लिखें इन टॉपिक्स पर और पढ़ें