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B2B E-commerce Marketplace Market Is Booming So Rapidly | Top Players - Thomasnet, Alibaba, IndiaMart

B2B E-commerce Marketplace Market Is Booming So Rapidly | Top Players – Thomasnet, Alibaba, IndiaMart

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Delhi HC stays notice of appearance against Indiamart Intermesh Ltd director in connection with abduction case

Delhi High Court has granted a stay to notice of appearance against Dinesh Chandra Agarwal, founder, and Managing Director of listed company Indiamart Intermesh Ltd in connection with a case of abduction, hurt and grievous hurt.

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Q2 Results: Hindustan Zinc Net Profit Rises 4 Per Cent, PVR Reports Rs 153 Crore Loss, IndiaMART Posts 18 Per Cent Rise In Profit, More

Leading multiplex chain operator PVR Ltd on Friday reported narrowing of its consolidated net loss to Rs 153.13 crore for the second quarter ended September 30, 2021.

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IndiaMART Q2 net profit rises 18% on-year to Rs 82 crore

Revenue from operations rose 12 per cent to Rs 182 crore during the reported period, compared to Rs 163 crore in the corresponding quarter of 2020-21.

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When the younger brother insisted on getting a scooter, the engineer brother made an e-cycle, now he is earning lakhs of rupees every month from his business. | छोटे भाई ने स्कूटर दिलाने की जिद की तो इंजीनियर भाई ने तैयार की ई साइकिल; फिर उसे बिजनेस में बदला, अब एक लाख रुपए महीना कमा रहे


When The Younger Brother Insisted On Getting A Scooter, The Engineer Brother Made An E cycle, Now He Is Earning Lakhs Of Rupees Every Month From His Business.
आज की पॉजिटिव खबर:छोटे भाई ने स्कूटर दिलाने की जिद की तो इंजीनियर भाई ने तैयार की ई साइकिल; फिर उसे बिजनेस में बदला, अब एक लाख रुपए महीना कमा रहे
वडोदरा11 घंटे पहलेलेखक: रोहित चावड़ा
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पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं। दिन ब दिन दाम बढ़ता जा रहा है। इसका सीधा असर हमारी जेब पर हो रहा है। जो लोग अपने काम के सिलसिले में या ऑफिस के लिए पेट्रोल वाले वाहन का इस्तेमाल करते हैं, उन पर अतिरिक्त खर्च का बोझ बढ़ रहा है। ऊपर से पर्यावरण को अलग नुकसान पहुंच रहा है। ऐसे अब इलेक्ट्रिक बाइक और साइकिल की डिमांड बढ़ रही है। कई बड़ी कंपनियां इस तरह के E व्हीकल बना रही हैं। ऐसा ही एक स्टार्टअप की शुरुआत वडोदरा के रहने वाले विवेक पगेना ने की है। वे इससे हर महीने एक लाख रुपए की कमाई कर रहे हैं।
कॉलेज के प्रोजेक्ट में बनाई थी पहली ई-बाइक
वडोदरा के गोत्री रोड के रहने वाले 25 साल के विवेक ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। साल 2017 में कॉलेज के फाइनल ईयर के प्रोजेक्ट में उन्होंने एक इलेक्ट्रिक बाइक तैयार की थी। जजों के एक पैनल ने विवेक के प्रोजेक्ट की बहुत तारीफ की और उन्हें प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए कहा था। इसलिए विवेक अपनी इलेक्ट्रिक बाइक सयाजी स्टार्टअप में ले गए। वहां भी, उनकी इलेक्ट्रिक बाइक के प्रोजेक्ट को काफी तारीफ मिली और यहीं से उनके सफर की शुरुआत हुई।
25 साल के विवेक ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। इसके बाद थोड़े वक्त के लिए उन्होंने नौकरी भी की।
पैसों की कमी के चलते पहला स्टार्टअप बंद करना पड़ा
विवेक बताते हैं कि जब मैंने इलेक्ट्रिक बाइक बनाई थी तब मुझे मार्केटिंग का अनुभव नहीं था, लेकिन मैंने फ्लैश मोटरबाइक नाम से स्टार्टअप शुरू करने का फैसला किया। हालांकि पैसों की कमी के चलते मुझे इस प्रोजेक्ट को शुरू करने से पहले ही रोकना पड़ा। इसके बाद मैंने 2 साल तक डिजाइन इंजीनियर के रूप में काम किया, जहां मैंने इलेक्ट्रिक पैनल डिजाइन किए।
छोटे भाई ने स्कूटर दिलाने की जिद की तो पहली इलेक्ट्रिक साइकिल बनाई
ई-साइकिल के बारे में विवेक बताते हैं कि एक दिन मेरे छोटे भाई ने स्कूल जाने के लिए स्कूटर दिलाने की जिद की। इसलिए मैंने उसकी पुरानी साइकिल को ही इलेक्ट्रिक साइकिल में बदल दिया। इतना ही नहीं, सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई इस साइकिल की तस्वीरें रिश्तेदारों और दोस्तों को बहुत पसंद आईं। दुबई की एक कंपनी में काम करने वाले मेरे मामा ने मुझे दुबई में अपनी कंपनी के लिए साइकिल बनाने के लिए बुलाया और मैंने उस कंपनी के लिए एक इलेक्ट्रिक साइकिल तैयार की। इसके बाद ही मुझे भारत में और इलेक्ट्रिक साइकिल स्टार्टअप शुरू करने का ख्याल आया।
विवेक अभी अपने ई साइकिल की मार्केटिंग ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही तरह से देशभर में कर रहे हैं।
विवेक बताते हैं कि ​​​​​दुबई से भारत आने के बाद मैंने पेडो इलेक्ट्रा नाम से एक कंपनी शुरू की, लेकिन उस नाम से ट्रेडमार्क नहीं मिला। इसके बाद मैंने इसे ओडो बाइक का नाम दिया और इसी नाम से अब स्टार्टअप चला रहा हूं। सबसे पहले मुझे यूनाइटेड वे ऑफ बड़ौदा के गरबा में पहलवानों को पुरस्कार के रूप में देने के लिए 10 साइकिलें बनाने का बड़ा ऑर्डर मिला। इस तरह धीरे-धीरे मेरी साइकिल की बिक्री बढ़ने लगी और एक दिन में 3 से 4 ऑर्डर मिलने लगे। हालांकि, कोरोना के लॉकडाउन में बिक्री में गिरावट आई, लेकिन उस दौरान भी मैं साइकिलें बनाता रहा।
कैसे करते हैं मार्केटिंग?
विवेक ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही मोड में मार्केटिंग कर रहे हैं। देशभर में कहीं से भी इसके जरिए ऑर्डर किया जा सकता है। वे सोशल मीडिया के साथ ही फ्लिपकार्ट, अमेजन, इंडिया मार्ट जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग कर रहे हैं। ऑफलाइन के लिए उन्होंने उत्तरप्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, सहित साउथ इंडिया कई राज्यों में डीलरशिप चेन तैयार की है। वहां से भी E साइकिल खरीदी जा सकती है। कई और राज्यों में भी वे अपना नेटवर्क बढ़ा रहे हैं।
विवेक द्वारा बनाई गई इलेक्ट्रिक साइकिल की कीमत 25,000 रुपए से लेकर 46,500 रुपए तक है।
डिलीवरी के लिए उन्होंने कुछ ट्रांसपोर्टिंग कंपनियों से टाइअप कर रखा है। इसके लिए कस्टमर को एक यूजर गाइड दिया जाता है ताकि वे खुद इसे इंस्टॉल कर सकें। अगर किसी तरह की दिक्कत होती है तो उसे वीडियो कॉल के जरिए या लोकल स्टाफ भेजकर दूर करने की कोशिश होती है।
इलेक्ट्रिक साइकिल की खासियत
विवेक द्वारा बनाई गई इलेक्ट्रिक साइकिल की कीमत 25,000 रुपए से लेकर 46,500 रुपए तक है। एक बार चार्ज करने के बाद साइकिल 40 से 80 किमी तक चलाई जा सकती है। साइकिल के दायीं ओर एक एक्सेलेरेटर है और डिस्प्ले में स्पीड और बैटरी का लेवल दिखता है। साइकिल के पिछले टायरों में मोटर और सीट के निचले हिस्से में बैटरी लगी है। पैडल में एक सेंसर लगा होता है, जिससे पैडलिंग करते समय मोटर चालू करने पर साइकिल की स्पीड बढ़ जाती है। साइकिल में ई-ब्रेक और बुलेट वायरिंग भी दी गई है। ई-ब्रेक मारने से साइकिल की मोटर बंद हो जाती है और बुलेट वायरिंग हादसे के दौरान वायरिंग को डैमेज होने से बचाती है।
उनके मुताबिक बहुत हद तक यह E साइकिल एक आम साइकिल की तरह ही है। इसे ऑपरेट करना बिलकुल आसान है। साथ ही इसका मेंटेनेंस भी किफायती और सहूलियत भरा है। अगर किसी भी तरह की दिक्कत आती है तो एक कॉमन साइकिल रिपेयरिंग करने वाला इसकी मरम्मत कर सकता है।
भारत में तेजी से बढ़ रहा ई साइकिल का मार्केट? भारत में पिछले कुछ सालों से ई साइकिल का मार्केट बढ़ रहा है। इस सेक्टर में तेजी से नए-नए स्टार्टअप आ रहे हैं। अलग-अलग राज्य सरकारें भी इसको लेकर पहल कर रही हैं। खास करके कोरोनाकाल में ई साइकिल की डिमांड ज्यादा बढ़ी है। पिछले साल कोरोना के दौरान ही बिहार के रहने वाले प्रशांत कुमार ने voltron नाम से ई साइकिल का स्टार्टअप शुरू किया। अब तक वे 30 लाख से ज्यादा का बिजनेस कर चुके हैं। उन्होंने 10 लोगों को रोजगार से भी जोड़ा है (पढ़िए पूरी खबर)। इसी तरह महाराष्ट्र के पुणे के रहने वाले कुनाल गुप्ता ने भी साल 2020 में ई-मोटोरैड नाम से ई साइकिल का बिजनेस शुरू किया। अब तक वे 70 करोड़ रुपए का कारोबार कर चुके हैं। उन्हें विदेशों से भी ऑर्डर मिलते हैं (पढ़िए पूरी खबर)।
खबरें और भी हैं.

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Headlines at 03 pm on 4th July 2021


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ભારતમાં 12થી 18 વર્ષના બાળકો માટેની સૌપ્રથમ કોરોના વેક્સિન ZyCoV-D વાસ્તવિકતાના આરે પહોંચી ગઇ છે. ઝાયડસ કેડિલાની કોરોના રસી ZyCoV-Dને ઇમર્જન્સી યૂઝ માટે મંજૂરી મળી જતાં 12થી 18 વર્ષના બાળકોમાં રસીકરણની શરૂઆત થઇ શકશે.  ધામીના મુખ્યમંત્રી બનવાને લઇને બીજેપીના કેટલાક સીનિયર નેતાઓ સહજ જોવા મળી રહ્યા નથી. પાર્ટી સૂત્રો પ્રમાણે સતપાલ મહારાજ, મદન કૌશિક, સુબોધ ઉન્યાલ, હરક સિંહ રાવત, બિશન સિંહ ચુફાલ અને યશપાલ આર્યા જેવા નેતાઓએ ઉત્તરાખંડ બીજેપી સહિત હાઈકમાન્ડ સામે પોતાની નારાજગી વ્યક્ત કરી છે. સાગર ધનખડ હત્યાકાંડમાં તિહાડ જેલમાં બંધ પહેલવાન સુશીલ કુમારે અજીબ માંગો શરૂ કરી દીધી છે. તેની ડિમાન્ડ પર જેલ વહીવટીતંત્રએ અત્યારે કોઈ નિર્ણય નથી લીધો, સહિતના મહત્વના સમાચાર.
ભારતમાં 12થી 18 વર્ષના બાળકો માટેની સૌપ્રથમ કોરોના વેક્સિન ZyCoV-D વાસ્તવિકતાના આરે પહોંચી ગઇ છે. ઝાયડસ કેડિલાની કોરોના રસી ZyCoV-Dને ઇમર્જન્સી યૂઝ માટે મંજૂરી મળી જતાં 12થી 18 વર્ષના બાળકોમાં રસીકરણની શરૂઆત થઇ શકશે. ત્યારે આજે કેન્દ્રીય મંત્રી મનસુખ માંડવિયાએ અમદાવાદમાં આવેલ ઝાયડસ કેડિલાની મુલાકાત લીધી હતી.
India Mart જેવી સોશ્યલ સાઇટ્સના પ્લેટફોર્મ મારફતે ફાર્મા કંપનીનો સંપર્ક કરીને દવાઓનું Duplicate રો-મટિરિયલ વેચવાના કેસમાં દમણ પોલીસે કાનપુરમાંથી 9 ગુનેગારોની ધરપકડ કરી છે. પકડાયેલ ઈસમોએ 15 જૂન 2021ના રોજ દમણની ફાર્મા કંપનીનો પેરાસીટામોલ મેડિસિનના રો મટિરીયલનો ઓર્ડર લઈ ડુપ્લીકેટ રો- મટિરિયલ પધરાવી 9.75 લાખ રૂપિયા પડાવી લઇ છેતરપીંડી કરી હતી.
સાગર ધનખડ હત્યાકાંડમાં તિહાડ જેલમાં બંધ પહેલવાન સુશીલ કુમારે અજીબ માંગો શરૂ કરી દીધી છે. તેની ડિમાન્ડ પર જેલ વહીવટીતંત્રએ અત્યારે કોઈ નિર્ણય નથી લીધો. સાગર પહેલવાન હત્યાકાંડના મુખ્ય આરોપી સુશીલ કુમારે તિહાડ જેલમાં TVની માંગ કરી છે. તિહાડ વહીવટીતંત્રને લખેલા પત્રમાં સુશીલ કુમારે કહ્યું છે કે, તેને ટીવીની જરૂર છે. તે દેશ-દુનિયામાં ચાલી રહેલી ગતિવિધિઓની જાણકારી ટીવી પર જોવા ઇચ્છે છે.
ઉત્તરાખંડમાં રાજકીય ઉથલ-પાથલ વચ્ચે પુષ્કર સિંહ ધામીને ધારાસભ્ય દળના નેતા બનાવવામાં આવ્યા છે, જ્યારે તેઓ આજે સાંજે તીરથ સિંહ રાવતની જગ્યાએ ઉત્તરાખંડના નવા મુખ્યમંત્રી બનવાના શપથ લેશે. ધામીના મુખ્યમંત્રી બનવાને લઇને બીજેપીના કેટલાક સીનિયર નેતાઓ સહજ જોવા મળી રહ્યા નથી. પાર્ટી સૂત્રો પ્રમાણે સતપાલ મહારાજ, મદન કૌશિક, સુબોધ ઉન્યાલ, હરક સિંહ રાવત, બિશન સિંહ ચુફાલ અને યશપાલ આર્યા જેવા નેતાઓએ ઉત્તરાખંડ બીજેપી સહિત હાઈકમાન્ડ સામે પોતાની નારાજગી વ્યક્ત કરી છે.
આજે સમગ્ર દુનિયા કોરોના મહામારી સામે લડી રહી છે. આ કોરોના વાયરસ (Corona Virus)થી બચવા માટે વેક્સિનેશન (Vaccination), માસ્ક (Mask)નો ઉપયોગ અને સોશિયલ ડિસ્ટન્સ (Social Distance)છે. યૂકે (UK)માં થોડાસમયથી ડેલ્ટા વોરિએન્ટે કોરોનાના કેસોમાં ધરખમ વધારો કરી દીધો છે. જેના પગલે ત્યાંના લોકોને ફરી સતર્ક રહેવા ફરમાન કરવામાં આવ્યું છે. હાલમાં જ ઈંગ્લેન્ડ (England)ના લિંકનશાયરની સામે આવેલા ડ્રોન ઈમેઝિસ દ્વારા જાણવા મળ્યું છે કે ત્યાં વિવાદિત સેક્સ ફેસ્ટિવલ (Sex Festival)નું આયોજન કરવામાં આવી રહ્યું છે.
પ્રોપર્ટીમાં રોકાણ કરવું એલોકોની પહેલી પસંદ હોય છે. બચત કરેલા પૈસાને પ્રોપર્ટીમાં રોકાણ કરીને ભવિષ્યને સુરક્ષિત કરવું સૌથી બેસ્ટ માનવામાં આવે છે. લોકો પ્રોપર્ટી ખરીદતા પહેલા તેનું ભવિષ્યની વેલ્યુને પણ જોતા હોય છે. આજકાલ પ્રોપર્ટી માર્કેટમાં ઈંગ્લેન્ડના ટેંગનમૌથમાં બનેલી એક ઝુંપડી ખુબ જ ચર્ચામાં આવી છે. આ ઝુંપડીં ડિવોનમાં એક કાર પાર્કિંગમાં છે. વાદળી રંગની આ નાના ઝુંપડીના બદલે લોકો તેને રૂ.46 લાખ આપવા તૈયાર છે. એક એસેસ્ટ એજન્ટનો દાવો છે કે કેટલાક લોકો આ કિંમત પર તે ઝુંપડી ખરીદવા તૈયાર છે.
આમિર ખાન અને કિરણ રાવની છૂટાછેડાની ઘોષણાના સમાચારથી બધાએ આશ્ચર્યચકિત કરી દીધા. ફેન્સને આ સમાચાર મળતાની સાથે જ તેમના હોશ ઉડી ગયા હતા. ફેન્સ સમજી શક્યા નહીં કે આ કેવી રીતે થયું. આમિર ખાન અને કિરણ રાવે સંયુક્ત નિવેદન જારી કરીને લોકોને છૂટાછેડા લેવાની તેમની યોજનાઓ વિશે માહિતી આપી હતી. આના થોડા સમય બાદ આમિર ખાનની પુત્રી આઈરા ખાને એક સોશિયલ મીડિયા પોસ્ટ શેર કરી છે.
આજકાલ સોશિયલ મીડિયા (Social Media)નો જમાનો ચાલી રહ્યો છે. નાના બાળકોથી લઈને વૃદ્ધો સુધી તમામ લોકો સોશિયલ મીડિયા (Social Media)ના આદી થઈ ગયા છે. તેમાં પણ ખાસ કરીને વોટ્સએપ (WhtasApp) ખુબ જ જાણીતું અને મોટાભાગના લોકો ઉપયોગ કરી રહ્યા છે. ત્યારે હવે તમને આજે વોટ્સએપ (WhatsApp)ને લઈને એવી જાણકારી આપવા જઈ રહ્યા છીએ કે જેનાથી લગભગ તમે અજાણ હશો. હાલના સમયમાં વોટ્સએપ (WhatsApp) પર ચેટિંગ,વીડિયો કોલ અને વોઈસ કોલનો ખુબ જ ઉપયોગ થઈ રહ્યો છે.
લોકો ઘરને સુંદર બનાવવા માટે ઘણી વ્યવસ્થા કરે છે. કોઈપણ પ્રકારની વાસ્તુ દોષથી બચવા માટે, તેઓ તેમના ઘરની અંદર ખાસ પ્રકારના વૃક્ષો અને છોડ રોપતા હોય છે. વાસ્તુ શાસ્ત્રમાં એક ખાસ છોડનો ઉલ્લેખ કરવામાં આવ્યો છે, જે તમારા ઘરની સુંદરતામાં વધારો કરે છે. આ સિવાય તે ઘરની પ્રગતિમાં પણ મહત્વની ભૂમિકા ભજવે છે. આ પ્લાન્ટનું નામ મની પ્લાન્ટ છે. ઘરમાં મની પ્લાન્ટ લગાવવાથી અનેક પ્રકારની વાસ્તુ ખામી દૂર થાય છે.
હાલમાં ઈન્ટરનેટ ઉપર એક ચોંકવાનારો વીડિયો વાયરલ થઈ રહ્યો છે. જેમાં સમુદ્રમાં આગના ગોળા દેખાઈ રહ્યા છે. આ ઘટના મેક્સિકોની છે. જ્યાં યુકાટનમાં શુક્રવારે સવારે સમુદ્રમાં પાણીમાં ભયંકર આગ ભભૂકી ઉઠી હતી. ફાયર બ્રિગેડ દ્વારા ભારે જહેમત બાદ આ આગ પર કાબૂ મેળવવામાં આવ્યો હતો. પરંતુ આ દ્રશ્ય એટલું ભયાનક હતું કે તમે પણ ચોંકી જશો. જાણે કે સમુદ્રમાં પાણી નથી પરંતુ લાવા હોય. આ ઘટનાના કેટલાક વીડિયો સોશિયલ મીડિયા પર વાયરલ થઈ રહ્યા છે. આ વીડિયો ઈન્ટરનેટ પર લોકો ખુબ જ વાયરલ કરી રહ્યા છે. જુઓ ચોંકાવનારો Video..
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July 4, 2021

India , Uttarakhand , Uttaranchal , Amir-khan , Satpal-maharaj , Sushil-kumar-tihar , Daman-pharma , Sushil-kumar , Sea-tihar , Cupid-kaushik , Lion-rawat

UP's Prakhar left his civil engineering job and started fish farming, every year 16 lakh business, 100 farmers got employment | UP के प्रखर ने सिविल इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ मछली पालन शुरू किया, हर साल 16 लाख का बिजनेस, 100 किसानों को भी रोजगार से जोड़ा


UP s Prakhar Left His Civil Engineering Job And Started Fish Farming, Every Year 16 Lakh Business, 100 Farmers Got Employment
आज की पॉजिटिव खबर:UP के प्रखर ने सिविल इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ मछली पालन शुरू किया, हर साल 16 लाख का बिजनेस, 100 किसानों को भी रोजगार से जोड़ा
नई दिल्ली5 घंटे पहले
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उत्तरप्रदेश के कौशांबी जिले के रहने वाले प्रखर प्रताप सिंह किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता खेती करते हैं। साल 2014 में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रखर ने करीब 4 साल तक अलग-अलग कंपनियों में काम किया। इसके बाद पारिवारिक कारणों से वे वापस गांव लौट आए। 2019 में उन्होंने मछली पालन की शुरुआत की। अभी वे इससे सालाना 16 लाख रुपए का बिजनेस कर रहे हैं। यूपी, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार जैसे राज्यों में मार्केटिंग कर रहे हैं। 100 किसानों को उन्होंने रोजगार भी दिया है।
प्रखर बताते हैं कि हमारे पास खेती की जमीन भरपूर है और हम लोग काफी समय से खेती करते आ रहे हैं। हालांकि पारंपरिक खेती में आमदनी ज्यादा नहीं हो रही थी। इसीलिए मेरे न चाहने के बाद भी पापा ने मुझे इंजीनियरिंग कराई। ताकि मैं अच्छी कमाई कर सकूं। वे कहते हैं कि 2014 में इंजीनियरिंग के बाद मुझे नौकरी के लिए काफी स्ट्रगल करना पड़ा। तब वैकेंसी का मुझे पता नहीं चलता था इसलिए नोयडा में कई कंपनियों में गया, कहीं गेट से ही भगा दिया गया तो कहीं सिलेक्शन ही नहीं हुआ। कुछ महीने इसी तरह दौड़-धूप के बाद एक कंपनी में काम करने का मौका मिला।
साइट के आसपास मछली पालन करने वालों से जानकारी लेता रहता था
फिलहाल प्रखर अपने दो तालाबों में 6 तरह की मछलियों का पालन करते हैं। एक में बड़ी मछली और दूसरे में सीड रखते हैं।
प्रखर कहते हैं कि 2018 तक मैंने यूपी, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में अलग-अलग कंपनियों के लिए काम किया। मेरा मन तो नौकरी में नहीं लग रहा था, लेकिन घर की जिम्मेदारियों और पापा की वजह से काम कर रहा था। ओडिशा और पश्चिम बंगाल मछली पालन के लिए प्रसिद्ध है। यहां साइट पर काम करने के दौरान प्रखर अक्सर मछली पालने वालों से मिलते थे। उनके काम को देखते थे। इससे धीरे-धीरे उनके मन में भी मछली पालन का ख्याल आने लगा। वे मन ही मन खुद भी मछली पालन के बारे में सोचने भी लगे। उन्होंने अपने पापा से भी यह बात शेयर की, लेकिन उन्होंने डांट कर प्रखर को मना कर दिया।
प्रखर कहते हैं कि इंजीनियर होकर मैं मछली पालन करूं, ये बात पापा को पसंद नहीं थी। इसलिए मेरा प्लान भी होल्ड हो गया, लेकिन इसी बीच गांव में कुछ सरकारी अधिकारी आए और पापा को मछली पालन के बारे में बताए। उन्होंने सरकारी योजनाओं की भी जानकारी दी। इसके बाद पापा ने मुझे फोन कर बताया कि ऐसी-ऐसी बात है, क्या करूं? वे कहते हैं कि मैं तो पहले से प्लान कर ही रहा था। मैंने पापा से कह दिया कि ठीक है आप तालाब बनवा लो।
गांव वाले ताना मारते थे कि खेती की जमीन खराब कर दी
प्रखर प्रताप सिंह और उनके साथ काम करने वाले किसान। 100 किसानों को उन्होंने रोजगार से जोड़ा है।
प्रखर कहते हैं कि तालाब तो बन गया। इसमें हमारा अच्छा खासा पैसा भी लगा, लेकिन शुरुआत के दो साल कुछ काम नहीं हुआ। पापा ने मछली पालन किया लेकिन जानकारी नहीं होने की वजह से नुकसान हो गया। गांव वालों ने मजाक भी उड़ाया कि खेती की जमीन को तालाब बनाकर बेकार कर दिया। प्रखर खुद गांव आकर काम करना चाहते थे, लेकिन उनके पापा मना कर दे रहे थे। इसी बीच उनकी बहन की तबीयत खराब हो गई और कुछ दिनों बाद उनकी डेथ भी हो गई। प्रखर को इससे काफी तकलीफ पहुंची और उन्होंने नौकरी छोड़कर गांव लौटने का प्लान किया। 2018 के अंत में वे गांव आ गए।
शुरुआत में घाटा हुआ लेकिन कोशिश जारी रखी
गांव आने के बाद प्रखर ने खुद मछली पालन करना शुरू किया। हालांकि उन्हें भी शुरुआत में नुकसान उठाना पड़ा। इसके बाद उन्होंने मछली पालन करने वाले कुछ किसानों से मुलाकात की। इसकी प्रोसेस को समझा। इंटरनेट की मदद ली। रिसर्च पेपर्स पढ़े। तब उन्हें पता चला कि वे क्या गलतियां कर रहे थे। इसके बाद उन्होंने फिर से काम शुरू किया। इस बार उन्हें कामयाबी मिली और करीब 10 लाख रुपए का उन्होंने बिजनेस किया। इसके बाद उन्होंने दायरा बढ़ा दिया।
बड़ी मछलियों के अंडे से सीड तैयार किया जाता है। इसके बाद उसे दूसरे तालाब में ग्रोथ के लिए डाला जाता है।
फिलहाल प्रखर अपने दो तालाबों में 6 तरह की मछलियों का पालन करते हैं। एक तालाब में बड़ी मछलियां रखते हैं जिनसे वे सीड तैयार करते हैं। और फिर दूसरे तालाब में ये सीड डाल देते हैं। इस तरह वे मछली के साथ-साथ सीड का भी बिजनेस करते हैं। सोशल मीडिया और इंडिया मार्ट के जरिए वे देशभर में सीड की मार्केटिंग कर रहे हैं। उन्होंने अमर फिश सीड हैचरी नाम से खुद की कंपनी भी रजिस्टर की है। इसके जरिए भी वे मार्केटिंग करते हैं।
आप मछली पालन कैसे कर सकते हैं?
मछली पालन मुश्किल नहीं है लेकिन इसमें संयम और रेगुलर मॉनिटरिंग की जरूरत होती है। इसके लिए आपको एक तालाब की जरूरत होगी। आप अपनी जरूरत के हिसाब से एक एकड़ से लेकर 10 एकड़ का भी तालाब खुदवा सकते हैं। आप चाहें तो लीज पर भी तालाब ले सकते हैं। तालाब लेने के बाद उसकी सफाई करें, उसका ट्रीटमेंट करें। पुरानी मछलियों को निकाल लें। फिर उसमें भरपूर मात्रा में पानी भर लें और गोबर की खाद डाल दें। इसके बाद तालाब को एक हफ्ते के लिए छोड़ दें।
तालाब तैयार करने के बाद किसी हैचरी से मछली का सीड खरीद लें। ये सीड भी अलग-अलग वैराइटी के होते हैं। इनके आधार पर आप चाहें तो एक साथ तीन तरह की मछलियों की फार्मिंग भी कर सकते हैं। इसके लिए वॉटर लेवल के हिसाब से इन्हें तालाब में डालना होगा। यानी सबसे ऊपर, बीच में और फिर गहराई में। एक एकड़ जमीन के लिए 3 से 4 हजार सीड की जरूरत होती है। सीड तालाब में डालने के करीब 25 दिन बाद मछली तैयार हो जाती है। इसके बाद आप इसे चाहें तो बेच सकते हैं या और बड़ा होने के लिए कुछ महीने छोड़ भी सकते हैं।
कहां से ले सकते हैं मछली पालन की ट्रेनिंग?
राज्य सरकार चयनित किसानों को मछली पालन की ट्रेनिंग दिलाती है। इस संबंध में नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से जानकारी ले सकते हैं। कई किसान भी मछली पालन की ट्रेनिंग देते हैं। इसके अलावा बायोफ्लॉक फिश फार्मिंग सेंटर लखनऊ, जयपुर, हाजीपुर, पात्रा फिश सीड फार्म भोपाल जैसे संस्थानों से भी आप ट्रेनिंग ले सकते हैं। एक हफ्ते से लेकर महीने, दिन का कोर्स होता है। इसकी फीस भी बहुत कम होती है।
लागत कितनी होगी, सरकार की क्या है योजना?
प्रखर के मुताबिक अगर आप लीज पर या किराए पर तालाब लेकर मछली पालन करना चाहते हैं तो 50 हजार से भी कम लागत में एक एकड़ तालाब में कर सकते हैं। अगर आप तालाब खुदवाना चाहते हैं तो बजट बढ़ जाएगा। इसमें तीन से चार लाख रुपए लग सकते हैं। केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों की मदद भी करती हैं।
इसके लिए आपको एक प्रोजेक्ट बनाकर जिला मत्स्य अधिकारी को देना होगा। उनकी जांच पड़ताल के बाद 7 लाख रुपए तक लोन मिल सकता है। इसमें सामान्य वर्ग को 50% और SC/ST को 70% तक सब्सिडी मिलती है। अलग-अलग राज्यों में ये आंकड़े कम ज्यादा भी हो सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप उस राज्य की मत्स्य पालन विभाग की वेबसाइट से जानकारी ले सकते हैं।
एक एकड़ के तालाब से सालभर में 5-6 लाख रुपए की कमाई आसानी से की जा सकती है। अगर प्रोडक्शन अच्छा होता है और मार्केट में सही कीमत मिलती है तो 10 लाख तक भी कमाई आप कर सकते हैं। इसमें मछलियों की वैराइटी बहुत मायने रखती है।
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