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us president joe biden build back better plan will setback for china and india could also join this - ड्रैगन को जोर का झटका देगा BBB प्लान, भारत भी बन सकता है हिस्सा, जानें-क्या तैयारी


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Mon, 14 Jun 2021 03:53 PM
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देशड्रैगन को जोर का झटका देगा BBB प्लान, भारत भी बन सकता है हिस्सा, जानें-क्या तैयारी
एएनआई,नई दिल्लीPublished By: Surya Prakash
Mon, 14 Jun 2021 10:28 AM
भारत ने अमेरिका की ओर से दिए गए ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट BBB पर विचार करने की बात कही है। हाल ही में जी-7 मीटिंग के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 'बिल्ड बैक बेटर' प्लान का प्रस्ताव दिया था, जिसे चीन के बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट को काउंटर करने वाला माना जा रहा है। यदि दुनिया के G-7 देश इस दिशा में आगे बढ़ते हैं तो एशिया से यूरोप तक के मुल्कों में दखल की तैयारी कर रहे चीन को बड़ा झटका लगेगा। इस परियोजना का नेतृत्व दुनिया के बड़े लोकतंत्र करेंगे। इसके अलावा तकनीकी और आर्थिक मदद भी इन देशों की ओर से ही की जाएगी। इस प्रोजेक्ट पर 40 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की लागतर का अनुमान है। यह परियोजना उन देशों को फोकस करेगी, जो कोरोना संकट से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं।
इसके अलावा इस ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लान के जरिए लोकल लेवल पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी पैदा होने की बात कही जा रही है। भारत का कहना है कि वह इस परियोजना का अध्ययन कर रहा है और इससे जुड़ सकता है। मीडिया से बात करते हुए विदेश मंत्रालय के अधिकारी पी. हर्ष ने कहा, 'बिल्ड बैक बेटर को लेकर यदि आप सवाल पूछ रहे हैं तो मैं यही कह सकता हूं कि भारत अपनी एजेंसियों के जरिए इसका प्रभाव का आकलन कराएगा और उसके बाद इससे जुड़ भी सकता है।' चीन के बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट की उन देशों की ओर से भी आलोचना शुरू हो गई है, जो उसका हिस्सा हैं। संबंधित देशों पर लगातार बढ़ रहे कर्ज और स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार न मिलने को लेकर इसकी आलोचनाएं हो रही हैं। 
भारत ने चीन के इस प्रोजेक्ट से जुड़ने से इनकार कर दिया था, जबकि पाकिस्तान, नेपाल और श्रीलंका जैसे देश इसका हिस्सा हैं। भारत ने इस परियोजना के तहत बन रहे चाइना पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर को लेकर ऐतराज जताया था क्योंकि यह भारत के जम्मू-कश्मीर के एक हिस्से से होकर गुजरता है, जिस पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा जमा रखा है। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने जी-7 देशों की मीटिंग में कहा था कि दुनिया के लोकतांत्रिक देशों को यह विचार करना होगा कि कैसे प्रभावी और पारदर्शी तरीकों से परियोजनाओं को पूरा किया जा सकता है। 
रविवार को हुई जी-7 देशों की मीटिंग में पीएम मोदी ने कहा था कि भारत सत्तावाद, आतंकवाद, दुष्प्रचार और आर्थिक जबरदस्ती के कारण उत्पन्न होने वाली चुनौतियों से लोकतंत्र और विचारों की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए जी-7 और उसके सहयोगियों के लिए स्वाभाविक सहयोगी है। पीएम मोदी ने अपने आभासी संबोधन में ब्रिटिश समुद्र तटीय रिसोर्ट कॉर्नवाल में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन और खुले समाज पर दो आउटरीच सत्रों को संबोधित किया। इस बैठक में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूके और यूएस के नेता एक साथ आए, जबकि भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और दक्षिण अफ्रीका अतिथि देशों के रूप में चयनित सत्रों में शामिल हुए। 
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