Stay updated with breaking news from Office bangalore. Get real-time updates on events, politics, business, and more. Visit us for reliable news and exclusive interviews.
Dimapur, December 15 (MExN): The president of Bible Society of India (BSI) Dimapur Auxiliary, Rev Dr Paphino released the first triennial magazine of BSI Kohima Branch at Calvary Baptist Church, Jotsoma on December 11.
కల్యాణ కర్ణాటకకు రూ.3 వేల కోట్లు andhrajyothy.com - get the latest breaking news, showbiz & celebrity photos, sport news & rumours, viral videos and top stories from andhrajyothy.com Daily Mail and Mail on Sunday newspapers.
15 ಮಂದಿ ಡಿವೈಎಸ್ ಪಿಗಳ ವರ್ಗಾವಣೆ sanjevani.com - get the latest breaking news, showbiz & celebrity photos, sport news & rumours, viral videos and top stories from sanjevani.com Daily Mail and Mail on Sunday newspapers.
NR Narayana Murthy's Infosys Market Cap And Largest Software Exporter इंफोसिस की कीमत 2 करोड़ रुपए:1991 में खरीदने के लिए लगी थी बोली, आज 6.60 लाख करोड़ मार्केट कैप वाली कंपनी मुंबईएक दिन पहले कॉपी लिंक एक कंप्यूटर को मंगाने के लिए 2-3 साल में लाइसेंस मिलते थे 1991 में कंपनी आईपीओ लाना चाहती थी, लेकिन कई घटनाएं अड़ंगा लगा दीं देश की दिग्गज सूचना प्रौद्योगिकी (IT) कंपनी इंफोसिस के संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति ने जबरदस्त खुलासा किया है। उनके मुताबिक, 1990 में कंपनी को केवल 2 करोड़ रुपए में खरीदने का ऑफर मिला था। हालांकि इस ऑफर्स को खुद वे और उनके को-फाउंडर्स ने ठुकरा दिया था। अब यही इंफोसिस 6.60 लाख करोड़ रुपए के मार्केट कैप वाली कंपनी बन गई है। दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यात वाली कंपनी इंफोसिस देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यात करने वाली कंपनी है। एक इंगलिश वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में मूर्ति ने यह जानकारी दी है। दरअसल 24 जुलाई को देश में उदारीकरण के 30 साल पूरे हो रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि हमने उस समय कंपनी में बने रहने का फैसला किया और इसका नतीजा सामने है। सुधारों के कारण इंफोसिस को हुआ फायदा मूर्ति ने कहा कि यह सब कुछ जो आज है, वह उस समय कंपनी के फाउंडर्स की प्रतिबद्धता और 1991 में हुए आर्थिक सुधारों के बिना संभव नहीं था। इन सुधारों के कारण इंफोसिस जैसी कंपनियों को अपने लिए मार्केट तलाशने की छूट मिली थी। इससे पहले उन्हें कई तरह की मंजूरियों के लिए सरकार पर निर्भर रहना पड़ा था। उन्होंने बताया कि 1991 में हुए बड़े बदलाव ने कैसे अचानक इंफोसिस के लिए सफलता के रास्ते खोल दिए थे। 1991 में बहुत छोटी साइज की थी कंपनी मूर्ति ने कहा कि 1991 में इंफोसिस बहुत छोटी साइज की कंपनी थी। कंपनी की उम्मीदें, महत्वाकांक्षाएं और दायरा भी बड़ा नहीं था। कंपनी की ऑफिस बैंगलोर के जया नगर में थी। हमारा बहुत सा समय कंप्यूटर और एक्सेसरीज खरीदने के इम्पोर्ट लाइसेंस को हासिल करने के लिए दिल्ली की यात्रा में बीत जाता था। कंपनी के युवा एंप्लॉयीज प्रोजेक्ट्स पर काम करने विदेश जाते थे और उनके लिए फॉरेन एक्सचेंज लेने मुंबई में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) जाना होता था। उन दिनों कंप्यूटर इम्पोर्ट करने की प्रक्रिया काफी जटिल थी। बैंकों को सॉफ्टवेयर की जानकारी नहीं थी और सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री को टर्म लोन और वर्किंग कैपिटल लोन नहीं दिए जाते थे। 10 वर्षों की मेहनत के बाद भी पैसा नहीं हुआ मूर्ति ने बताया कि कंपनी के सह संस्थापकों के पास 10 वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद भी इतना पैसा नहीं था कि वे घर और कार खरीद सकें। उनके घर पर फोन तक नहीं होता था। उन्होंने कहा कि कंपनी ने जब एक कंप्यूटर को इम्पोर्ट करने के लिए लाइसेंस का आवेदन किया तो उस प्रक्रिया में दो से तीन वर्ष लगने के साथ ही कई बार दिल्ली जाना पड़ा था। उस दौर में अमेरिका में टेक्नोलॉजी प्रत्येक छह महीने में बदल जाती थी और इंफोसिस को कंप्यूटर इम्पोर्ट करने का लाइसेंस मिलने पर 50% अधिक कैपेसिटी के साथ एक नया वर्जन आ जाता था। भारतीय बाजार की तेजी से खुशी इस समय भारतीय शेयर बाजार की तेजी और इंटरनेट से जुड़ी कंपनियों को लेकर उत्साह के बारे में मूर्ति ने कहा कि मैं इन कंपनियों को और सफल होने के लिए शुभकामना देता हूं। इंफोसिस पब्लिक ऑफर लाने वाली दूसरी सॉफ्टवेयर कंपनी थी। पहली कंपनी मूर्ति के दोस्त अशोक देसाई की मस्टेक थी जिसका पब्लिक ऑफर 1992 में आया था। इंफोसिस 1991 में IPO लाना चाहती थी लेकिन राजीव गांधी की हत्या, बाबरी मस्जिद विध्वंस और हर्षद मेहता स्कैम के कारण इसमें देरी हुई। शेयर बाजार को जानकारी नहीं थी मूर्ति ने बताया कि तब स्टॉक मार्केट को एक्सपोर्ट मार्केट, विशेषतौर पर अमेरिका में सॉफ्टवेयर सर्विसेज के लिए संभावनाओं की जानकारी नहीं थी। हालांकि, इंफोसिस ने पब्लिक ऑफर के लिए अच्छी तैयारी की थी। इसमें नंदन नीलेकणि, वी बालाकृष्णन और जी आर नाइक के साथ ही मूर्ति ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। रिजर्व बैंक की मंजूरी मिलने में होती थी देरी मूर्ति ने बताया कि उस समय एक बार ऐसा भी हुआ, जब हमारे एक अधिकारी को मीटिंग के लिए पेरिस और फ्रैंकफर्ट जाना था। रिजर्व बैंक से मंजूरी मिलने में 15 दिन लग गए। इस वजह से उन्हें पेरिस में और फ्रैंकफर्ट में एक दिन ज्यादा रुकना पड़ा। इस पर रिजर्व बैंक ने जवाब मांग लिया कि एक दिन ज्यादा क्यों रुके? जब 15-20 साल पहले मैं रिजर्व बैंक के बोर्ड में था, तो यह बात उस समय के गवर्नर बिमल जालान को बताई। इस बात पर वे हंस पड़े। इन नेताओं ने सुधारों में निभाई भूमिका उन्होंने कहा कि उस समय के नेता पीवी नरसिम्हा राव, पी. चिदंबरम, मनमोहन सिंह, मोंटेक सिंह अहलूवालिया जैसे नेताओं ने जो उदारीकरण की शुरुआत की, उसका बहुत फायदा मिला। मूर्ति के मुताबिक, किसी भी देश में केवल दो लोग होते हैं, जो समृद्धि या सफलता का निर्माण करते हैं। इसमें एक कॉर्पोरेट और दूसरा सरकार। भारत के मामले में 1991 में केंद्र सरकार ने यह काम किया। दूसरी ओर कॉर्पोरेट ने खोजपरख की, मार्केट हिस्सेदारी बढ़ाई और रेवेन्यू के साथ फायदा भी कमाया। इससे कॉर्पोरेट ने कर्मचारियों को भी अच्छा पेमेंट किया और निवेशकों को रिवॉर्ड दिया। चपरासी भी 10-15 करोड़ रुपए के मालिक बन गए उन्होंने कहा कि ऐसे कई सारे चपरासी कंपनी के हैं, जिन्होंने कंपनी का शेयर रखा और वे 10-15 करोड़ रुपए के मालिक हो गए हैं। यहां तक कि जो कर्मचारी 1994 या 1998 में इसॉप्स (इंप्लॉयी स्टॉक ऑप्शन) का फायदा नहीं ले पाए, उनको 2008 में भी कम से कम 10 शेयर दिया गया। अभी तक कंपनी ने अपने नॉन फाउंडर्स को 1.3 लाख करोड़ रुपए के शेयर दिए हैं। वही कर्मचारी अब सरकार को कैपिटल गेन टैक्स भी अच्छा खासा दे रहे हैं। इसके साथ उन्होंने घर बनाया, कार खरीदे और बच्चों को विदेश में पढ़ा रहे हैं। साथ ही वे सामाजिक कामों में भी योगदान कर रहे हैं। खबरें और भी हैं...
ಐಬಿಪಿಎಸ್: ಪ್ರಾದೇಶಿಕ ಭಾಷೆಗೆ ಆದ್ಯತೆ ಒದಗಿಸಲು ಒತ್ತಾಯ prajavani.net - get the latest breaking news, showbiz & celebrity photos, sport news & rumours, viral videos and top stories from prajavani.net Daily Mail and Mail on Sunday newspapers.
High court said central govt free to take action against Twitter Inc in case of any breach of new IT Rules jagran.com - get the latest breaking news, showbiz & celebrity photos, sport news & rumours, viral videos and top stories from jagran.com Daily Mail and Mail on Sunday newspapers.
ಸಕ್ಕರೆ ಕಾರ್ಖಾನೆಗಳಿಂದ ಕಬ್ಬು ಬೆಳೆಗಾರರಿಗೆ 450 ಕೋಟಿ ರೂ. ಮೊತ್ತದ ಬಾಕಿ! kannadaprabha.com - get the latest breaking news, showbiz & celebrity photos, sport news & rumours, viral videos and top stories from kannadaprabha.com Daily Mail and Mail on Sunday newspapers.
ક્રિપ્ટોકરંસીએ આ અમદાવાદીની જિંદગી બદલી નાખી, સામાન્ય નોકરિયાતમાંથી અબજોપતિ બનાવી દીધો... | Cryptocurrency changed the life of this Ahmedabadi vtvgujarati.com - get the latest breaking news, showbiz & celebrity photos, sport news & rumours, viral videos and top stories from vtvgujarati.com Daily Mail and Mail on Sunday newspapers.
Messaging platform Gupshup joins unicorn club after 100 million dollar funding- बिजनेस टू कंज्यूमर मैसेजिंग सॉल्यूशन गपशप ने टाइगर ग्लोबल से 10 करोड़ डॉलर की फंडिंग जुटाई है। indiatimes.com - get the latest breaking news, showbiz & celebrity photos, sport news & rumours, viral videos and top stories from indiatimes.com Daily Mail and Mail on Sunday newspapers.